मोदी सरकार की आलोचना से डर लगता है: राहुल बजाज

देश के जाने-माने उद्धोगपति और बजाज ग्रुप के अध्यक्ष राहुल बजाज ने गृह मंत्री अमित शाह की उपस्थिति में देश के माहौल पर चिंता व्यक्त की है। शनिवार शाम को द इकोमिक्स टाइम्स के अवार्ड समारोह में गृहमंत्री अमित शाह, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, रेलवे और वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल के साथ देश के शीर्ष उद्योगपतियों की उपस्थिति में राहुल बजाज ने केंद्र सरकार की आलोचना करने के लिए कॉरपोरेट्स के बीच विश्वास की कमी पर चिंता व्यक्त की। इसके साथ ही उन्होंने लिंचिंग के खिलाफ प्रभावी कार्रवाई का होना और इस सप्ताह संसद के अंदर भोपाल से सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर के नाथूराम गोडसे की प्रशंसा करने की भी आलोचना की है।
इंडियन एक्सप्रेस में प्रकाशित खबर के मुताबिक राहुल बजाज ने कहा कि “हमारे उद्योगपति मित्रों में से कोई भी नहीं बोलेगा, मैं खुलकर कहूंगा … एक वातावरण बनाना होगा … जब यूपीए -2 सत्ता में थी, हम किसी की भी आलोचना कर सकते थे … आप (सरकार) अच्छा काम कर रहे हैं, लेकिन इसके बावजूद हमें विश्वास नहीं है कि यदि हम सार्वजनिक रूप से आपकी आलोचना करते हैं तो आप सराहना करेंगे।”
केन्द्रीय मंत्रीगण मंच पर थे। और आरआईएल के सीएमडी मुकेश अंबानी, आदित्य बिड़ला समूह के अध्यक्ष कुमार मंगलम बिड़ला, और भारती एंटरप्राइजेज के अध्यक्ष सुनील भारती मित्तल सहित शीर्ष उद्योगपति समारोह में उपस्थित थे।
बजाज अपनी जिंता तब व्यक्त करने के एक दिन पहले ही पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था कॉन्क्लेव में समाज में “भय के एक भयानक माहौल” के पर अपनी चिंता व्यक्त की थी। पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा, “बहुत से उद्योगपति मुझे बताते हैं कि वे सरकारी अधिकारियों के उत्पीड़न से डर में रहते हैं … उद्यमी नए उद्देश्यों को पूरा करने में संकोच करते हैं, विफलता के डर से उल्टे उद्देश्यों के लिए जिम्मेदार होते हैं।”
इंडियन एक्सप्रेस ने शनिवार को इंडिया इंक से मिली खामोशी के बारे में बताया कि शुक्रवार को घोषित किए गए आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, 2019-20 की दूसरी तिमाही में भारत की जीडीपी की वृद्धि दर घटकर 4.5 प्रतिशत रही, जो 2012-13 के जनवरी-मार्च तिमाही के बाद से सबसे कम तिमाही विकास दर थी। सरकार द्वारा सितंबर में कॉरपोरेट टैक्स की दर में कटौती किए जाने के बाद उद्योग में कोई सुधार नहीं हुआ है बल्कि मंदी ही सामने आई है।
बजाज के सवालों का उत्तर देते हुए, अमित शाह ने कहा कि “किसी को डरने की कोई आवश्यकता नहीं थी।” अगर वह कह रहा था कि एक निश्चित प्रकार का वातावरण है, तो “हमें माहौल को बेहतर बनाने के लिए प्रयास करना होगा।”अमित शाह ने कहा कि कई अखबार और स्तंभकारों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और एनडीए सरकार के खिलाफ लिखा और अब भी लिखना जारी रखा है, शाह ने कहा – वास्तव में, सबसे कठोर आलोचना वर्तमान शासन के खिलाफ निर्देशित की गई थी।
गृहमंत्री शाह ने कहा कि, “मगर फिर भी है आप जो कह रहे हैं कि एक वातावरण बनाना है, हमें भी वातावरण को सुधारने का प्रयास करना पड़ेगा……लेकिन मैं इतना जरूर कहना चाहता हूं कि किसी को डरने की कोई जरूरत नहीं है…… ना कोई डराना चाहता है.. … ना कुछ ऐसा किया है जिसके खिलाफ कोई बोले को चिंतिंत हों ……यह सरकार सबसे पारदर्शी तरीके से चल रही है और हमें किसी प्रकार के विरोध का कोई डर नहीं है। और कोई विरोध करेगा तो उसके मेरिट को देखकर हम अपने को सुधारने का प्रयास करेंगे।”
बजाज ने संसद में प्रज्ञा ठाकुर के बयान को भी उठाया और कहा कि इसके पहले प्रज्ञा के विवादित बयान पर प्रधानमंत्री से कहा था कि “उनके लिए उन्हें माफ कर पाना मुश्किल होगा।” लिंचिंग पर बजाज ने कहा कि हर चीज को हौव्वा बता दिया जाता है। असहिष्णुता हौव्वा है…हम डरते हैं …….कुछ चीजों को हम बोलना नहीं चाहते हैं…..पर देखते हैं कि लिचिंग में अभी तक किसी को दोषी नहीं ठहराया गया है।
शाह ने जवाब दिया कि उन्होंने और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह जैसे भाजपा के वरिष्ठ नेताओं ने प्रज्ञा ठाकुर द्वारा कही गई बातों की तुरंत निंदा की थी। “न तो भाजपा और न ही सरकार इस तरह के किसी भी बयान का समर्थन करती है। हम इसकी कड़ी निंदा करते हैं।” उन्होंने कहा कि जब प्रज्ञा ठाकुर का मतलब नाथूराम गोडसे या क्रांतिकारी उधम सिंह से था, तो उन्होंने संसद में माफी मांग ली थी।
मॉब लिंचिंग पर शाह ने कहा, “ लिंचिंग पहले भी भी होता था, आज भी होता है – शायद आज पहले से कम होता है … पर यह भी ठीप नहीं है कि किसी को दोषी नहीं ठहराया गया। लिंचिंग वाले बहुत केस चले औऱ समाप्त भी हो गए, सजा भी हुई है, पर मीडिया में नहीं छपती है……. विनीत जी (विनीत जैन, टाइम्स ग्रुप के एमडी)यहां पर है, अगर ढूंढ़ कर छापेंगे तो हमारे लिए अच्छा होगा।

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