इजराइल-फिलिस्तीन युद्ध: पानी और तेल का संकट अभी भी बरकरार, राजनयिक गतिविधियां हुईं तेज

नई दिल्ली। इजराइल और हमास दोनों ने दक्षिणी गाजा में किसी भी तरह की युद्धबंदी की बात से इंकार किया है। दोनों ने ये प्रतिक्रिया मिस्र के सूत्रों के हवाले से आयी इस तरह के डील के होने की बात के बाद दी है। इस बीच फिलिस्तीन के स्वास्थ्य मंत्रालय ने इजराइली बमबारी के दौरान गिरी इमारतों के मलबों में दबकर गायब हो चुके 1000 से ज्यादा लोगों के चलते मानवीय और पर्यावरण संबंधी संकट खड़ा हो जाने की बात कही है। उधर यूएन ह्यूमैनिटेरियन आफिस ने चेतावनी दी है कि गाजा अस्पताल में तेल का आखिरी रिजर्व भी कुछ घंटों में खत्म हो जाएगा।

लेबनान सीमा पर दूसरा फ्रंट खुलने की परिस्थितियों के बीच इजराइली सेना की ओर से एक बयान आया है जिसमें उसके प्रवक्ता डैनियल हैगारी ने कहा है कि लेबनान से जुड़ी सीमा के 28 शहरों को खाली कराने के पीछे नागरिकों की कम से कम हानि होने और सैनिकों को हमले के लिए खुला क्षेत्र तैयार करने की मंशा है। उन्होंने कहा कि अगर हेजबुल्ला हम लोगों का परीक्षण ले रहा है तो उसकी प्रतिक्रिया बेहद घातक होगी।

अरब लीग के मुखिया ने तत्काल सैनिक कार्यवाही रोकने की मांग की है। और इसके साथ ही गाजा इलाके में सहायता पहुंचाने के लिए कोरिडोर देने की दिशा में तत्काल पहल पर बल दिया है।

एक डाक्टर उस समय इमोशनली ब्रेकडाउन की स्थिति में पहुंच गया जब उसके सामने उसके ही पिता और भाई का शव लाया गया। यह वाकया अल शिफा अस्पताल का है।

यूएन सहायता प्रमुख मार्टिन ग्रिफिथ्स मध्य पूर्व की यात्रा करने वाले हैं और बताया जा रहा है कि गाजा पट्टी में कैसे सहायता पहुंचे इसको लेकर विभिन्न पक्षों से बात करेंगे। उन्होंने कहा कि उनका दफ्तर इजराइल, मिस्र समेत इस मामले में शामिल दूसरे एक्टरों से संपर्क में है।

एक बयान में उन्होंने कहा कि मैं कल बातचीत में सहयोग करने के लिए इलाके की यात्रा पर जा रहा हूं। इस दौरान सहायता काम में लगे हजारों वर्करों की हौसलाअफजाई भी करूंगा, जो अभी भी गाजा और वेस्ट बैंक इलाके में रुके हुए हैं।

मिस्र के विदेश मंत्री सामेह शौकरी ने कहा है कि उनका देश राफाह क्रासिंग पर आपरेशन बनाए रखना चाहता है लेकिन दूसरे पक्ष से गाजा के लिए इजराइल इसकी इजाजत नहीं दे रहा है। उन्होंने कहा कि फिलिस्तीनी गाजा में जिन परिस्थितियों का सामना कर रहे हैं वह खतरनाक है।

इजराइली सेना के उत्तरी गाजा को खाली करने के निर्देश के बाद पिछली 13 अक्तूबर को हजारों की संख्या में लोग दक्षिणी गाजा इलाके के लिए चल दिए। इस मामले में इजराइल ने एक सुरक्षित रास्ता बताया था जिसके बारे में उसका कहना था कि वह रात 8 बजे तक उस पर कोई हमला नहीं करेगा। लेकिन सोशल मीडिया पर सामने आए वीडियो बताते हैं कि उस काफिले पर हमला हो गया था। कम से कम 70 लोग जिसमें ज्यादातर बच्चे और महिलाएं शामिल थे, की मौत हो गयी। अज जजीरा ने जांच के बाद इसकी पुष्टि कर दी है।

चीन यूएन फिलिस्तीनी एजेंसी को मानवीय सहायता मुहैया करा रहा है। जिसमें खाने से लेकर मेडिकल दवाएं शामिल हैं।

अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकेन एक बार फिर इजराइल पहुंच गए हैं। इसके पहले उन्होंने मध्य पूर्व के छह देशों का दौरा किया है। यहां माना जा रहा है कि उनकी मुलाकात इजराइली पीएम नेतन्याहू से होगी। साथ ही इजराइल के दूसरे पदाधिकारियों से भी वह मिलेंगे। इसके साथ ही वह विपक्षी नेताओं से भी वहां मिलेंगे।

इजराइल ने हेजबुल्ला द्वारा किए गए हमले के लिए ईरान को जिम्मेदार ठहराया है। उसका कहना है कि सब कुछ ईरान के निर्देश और सहयोग पर हो रहा है। इजराइली सेना के प्रवक्ता डैनियल हेगारी ने कहा कि हेजबुल्ला ढेर सारे हमले इसलिए कर रहा है जिससे दक्षिण गाजा पर हमले से हमारे ध्यान को भटका सके। इसके पहले ईरान ने हमास के हमले में अपना हाथ होने से इंकार कर दिया था।

इस बीच ईरान के विदेश मंत्री ने अल जजीरा को बताया कि इस बात की पूरी संभावना है कि कई और फ्रंट खुल जाएंगे।

इजराइल ने बताया है कि हमास के लोग अपने साथ 199 इजराइली नागरिकों को बंधक बनाए हैं। हैगारी ने बताया कि हम लोग इस बात का पता लगाने की पूरी कोशिश कर रहे हैं कि गाजा में कहां इन बंधकों को रखा गया है। हमने ऐसा कोई हमला नहीं किया है जिससे इन बंधकों को कोई नुकसान पहुंचे।

जर्मनी के चांसलर ओलफ सोल्ज भी मंगलवार को इजराइल की यात्रा पर जा रहे हैं। विदेश मंत्री अन्नालेना बैरबॉक ने इसकी जानकारी दी।

उधर अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन भी इजराइल की यात्रा पर जाने का विचार कर रहे हैं। जानकारों का कहना है कि ऐसा ईरान के उकसावे के चलते हो रहा है।

मिस्र और इजराइल की सीमा के क्रासिंग राफाह पर हजारों लोग एकत्रित हैं लेकिन इजराइल अभी भी उसको खोलने के लिए तैयार नहीं है। ये सभी गाजा पट्टी छोड़कर जाना चाहते हैं और इसमें ज्यादातर दूसरे देशों की नागरिकता हासिल करने वाले लोग शामिल हैं। इसके साथ ही जॉर्डन और तुर्की से भेजी गयी मानवीय सहायता अभी भी राफाह में अटकी पड़ी है।

पाकिस्तान के विदेश मंत्री जलील अब्बास जिलानी ने कहा है कि गाजा पर इजराइल की बमबारी जातीय सफाया है। यह एक मानवीय त्रासदी है एक ऐसी स्थिति जिसकी तुलना सिर्फ नरसंहार से की जा सकती है। वास्तव में यह नरसंहार इजराइल द्वारा फिलिस्तीनियों का किया जा रहा है।

फ्रांस के फुटबालर करीम बेंजेमा ने फिलिस्तीनियों के लिए अपना समर्थन जाहिर किया है।

अब यूएन के नेतृत्व में चलने वाले शरणार्थी शिविरों में शरण लेने वाले फिलिस्तीनियों की संख्या बढ़कर 400000 हो गयी है। इस बीच मलेशिया की तरफ से बयान आया है। मलेशिया के प्रधानमंत्री अनवर इब्राहिम ने कहा है कि वह पश्चिमी देशों के दबाव में फिलिस्तीनी हथियारबंद समूह हमास की आलोचना करने के लिए तैयार नहीं होंगे। अनवर ने संसद को बताया कि एक नीति के तौर पर मलेशिया का हमास से रिश्ता है और वह जारी रहेगा।

इस बीच जो कुछ राजनयिक स्तर पर विकास हुआ है उसमें ब्लिंकेन की फिर से इजराइल यात्रा है। फ्रांस के विदेश मंत्री लेबनान में हैं। वह हिंसा को कम करने को लेकर वहां के नेताओं से बात करेंगे। जबकि जॉर्डन के किंग बर्लिन में जर्मनी के राष्ट्रपति से मिलेंगे। रूस ने यूएन सुरक्षा परिषद की बैठक बुलाकर उसके द्वारा तैयार प्रस्ताव पर बात करने के लिए कहा है। जापान अपना विशेष दूत मध्यपूर्व में भेज रहा है। मौजूदा स्थिति में मध्यस्थता करके किसी नतीजे पर पहुंचने की कोशिश में हर संभव प्रयास करेगा।

सबसे ज्यादा फिलिस्तीन विरोधी झूठी सूचनाएं भारत से सोशल मीडिया पर आ रही हैं। इसमें कुछ में बताया गया है कि हमास ने एक यहूदी बच्चे का अपहरण कर लिया है और एक ट्रक के पीछे उसका सिर कलम कर रहा है। बूम नाम की एक बेहद प्रतिष्ठित फैक्ट चेकिंग सेवा ने पाया है कि ढेर सारे प्रमाणित इंडियन एक्स यूजर्स इस झूठे प्रचार अभियान में शामिल हैं।

दक्षिणी गाजा में अभी किसी तरह का पानी नहीं पहुंचा है। यूएन ने भी इसकी पुष्टि कर दी है। और लोगों को अभी भी पानी पीने के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है।

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