एनआईए के निशाने पर अब किसान नेता और समर्थक! लोक भलाई के सिरसा और पत्रकार जसवीर को भेजा सम्मन

नई दिल्ली। एनआईए ने अब किसान नेताओं को निशाने पर ले लिया है। खास कर उन नेताओं पर केंद्रित किया है जो किसान आंदोलन की अगुआई कर रहे हैं। उसने अपना पहला टारगेट लोक भलाई इंसाफ वेलफेयर सोसाइटी (एलबीआईडब्ल्यूएस) के अध्यक्ष बलदवे सिंह सिरसा को बनाया है। एजेंसी ने उन्हें नोटिस देकर पूछताछ के लिए बुलाया है।

सिरसा को सिख फॉर जस्टिस (एसएफजे) के खिलाफ चल रहे एक केस के बारे में 17 जनवरी को पूछताछ के लिए बुलाया गया है। गौरतलब है कि एसएफजे के चीफ गुरपतवंत सिंह पन्नू के खिलाफ कानून भंग करने और भय और आपस में भेदभाव पैदा करने के साथ ही भारत सरकार के खिलाफ विद्रोह का षड्यंत्र रचने का आरोप है।

आपको बता दें कि शुक्रवार को भारत सरकार और किसानों की बीच हुई बैठक में एलबीआईडब्ल्यूएस के प्रतिनिधि के तौर पर पूरन सिंह ने हिस्सा लिया था। इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए सिरसा ने किसानों के प्रदर्शन को डिरेल करने की कोशिश का सरकार पर आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि “पहले सरकार ने किसानों के प्रदर्शन को सुप्रीम कोर्ट के जरिये डिरेल करने की कोशिश की और अब उसने एनआईए को आगे कर दिया है।”

मंगलवार को एटॉनी जनरल केके वेणुगोपाल ने सुप्रीम कोर्ट को बताया था कि सरकार को इस बात की सूचना है कि दिल्ली के प्रदर्शनकारियों के बीच खालिस्तानी घुस आए हैं।

सिरसा के अलावा कई और लोगों को भी एनआईए की नोटिस गयी है। इसमें एक पत्रकार भी शामिल है। नोटिस में कहा गया है कि पन्नू के सिलसिले में कुछ सवालों का जवाब देने के लिए सिरसा को बुलाया गया है। गौरतलब है कि पन्नू पर यूएपीए एक्ट लगा है।

सिरसा ने कहा कि “बहुत सारे लोग जो किसानों के आंदोलन से जुड़े हुए हैं उन्हें यह समन भेजा गया है। किसानों के लिए जो काम कर रहे हैं इसके जरिये उनको आतंकित करने की कोशिश है। लेकिन हम इससे प्रभावित नहीं होने जा रहे हैं। हम झुकेंगे नहीं। 26 जनवरी की परेड को ध्वस्त करने के लिए एनआईए दिन-रात काम कर रही है। सरकार प्रदर्शन को बदनाम करने की पूरी कोशिश कर रही है।”

एफआईआर में दावा किया गया है कि सरकार के खिलाफ प्रचार करने के लिए विदेशों से भारी मात्रा में फंड इकट्ठा किया गया है। इसमें सरकार के साथ ही विदेशों और खासकर अमेरिका, इंग्लैंड, कनाडा और जर्मनी में स्थित भारतीय दूतावासों पर प्रदर्शन की बात शामिल है।

इसमें दावा किया गया है कि फंड को गैरसरकारी संगठनों के द्वारा भेजा जा रहा है।

इसी के साथ एक पत्रकार को भी एनआईए ने नोटिस भेजा है। केटीवी के पत्रकार जसवीर मुक्तसर को एनआईए ने पूछताछ के लिए 18 जनवरी को बुलाया है। नोटिस में लिखा गया है कि आप नीचे दिए गए केस से परिचित होंगे। लिहाजा इस सिलसिले में आप से कुछ बात करनी है। आपको बता दें कि जसवीर किसान आंदोलन को लगातार कवर कर रहे हैं। और अभी माघी मेला को कवर करने के लिहाज से वो पंजाब गए थे। कुछ दिनों पहले ही जसवीर को बेटा हुआ है। इसके अलावा यहां एक और जानकारी देना आपको मुनासिब होगा केटीवी ब्रिटिश सिख कौंसिल के साथ मिलकर सिंघु बार्डर पर 24×7 लंगर आयोजित कर रहा है।

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