ममता ने ‘इंडिया’ को दिखाए तीखे तेवर, कहा-बंगाल में केवल TMC सिखा सकती है भाजपा को सबक

नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इंडिया गठबंधन को लेकर सख्त बयान दिया है। उन्होंने गुरुवार 28 दिसंबर को कहा कि इंडिया गठबंधन राष्ट्रीय स्तर पर तो मौजूद है लेकिन बंगाल की सीमाओं के बाहर है। उन्होंने कहा कि “केवल तृणमूल कांग्रेस ही बंगाल में भाजपा को सबक सिखा सकती है। यह पूरे राष्ट्र को रास्ता दिखा सकता है कोई दूसरी पार्टी ऐसा नहीं कर सकती है।”

ममता के इस बयान से साफ संकेत मिलता है कि वह बंगाल में ज्यादा से ज्यादा सीट चाहती हैं। राज्य में वह कांग्रेस और सीपीएम को नाममात्र की सीट देना चाहती हैं। इंडिया गठबंधन को राज्य में नहीं होने की बात का अर्थ सिर्फ इतना है कि वह बंगाल में कांग्रेस को कमजोर बताकर उसे कम सीट देना चाह रही हैं। सीट-बंटवारे की चर्चा में हो रही देरी ममता की नाराजगी की एक वजह हो सकती है जिसके लिए तृणमूल ने 31 दिसंबर की समय सीमा तय की थी।

24-परगना के डेगांगा में टीएमसी कार्यकर्ताओं की एक बैठक में ममता ने जोर देकर कहा, ”इंडिया गठबंधन पूरे भारत में होगा लेकिन बंगाल में सिर्फ टीएमसी होगी।”

19 दिसंबर को इंडिया गठबंधन की दिल्ली में हुई बैठक के नौ दिनों बाद भी बंगाल और दूसरे जगहों पर सीट-बंटवारे को लेकर बातचीत आगे नहीं बढ़ी है जिसके बाद ममता का ये बयान सामने आया है।

ममता बनर्जी शुरू से ही सीट-बंटवारे की बात करती रही हैं। बैठक में उन्होंने ये प्रस्ताव भी दिया था कि 31 दिसंबर तक सीट बंटवारे को अंतिम रूप दे दिया जाए। लेकिन सीट बंटवारे को लेकर गठबंधन में कोई हलचल नहीं है जिसके बाद उन्होंने सख्त रुप अख्तियार कर लिया है।

ममता का यह बयान राज्य कांग्रेस नेतृत्व की ओर से बंगाल पार्टी के दिग्गज नेता अबू हासेम खान चौधरी की उस टिप्पणी को खारिज करने के एक दिन बाद आया है जिसमें उन्होंने कहा था कि ममता सीट-बंटवारे की व्यवस्था के तहत मालदा दक्षिण और बेहरामपुर छोड़ने के लिए प्रतिबद्ध थीं। ये दोनों सीटें कांग्रेस ने 2019 में जीती थीं।

उधर, 19 दिसंबर की बैठक के बाद से सीपीएम ने बंगाल में ममता के साथ किसी भी तरह की बातचीत से बार-बार इनकार किया है, जबकि कांग्रेस की राज्य इकाई ने उनके साथ किसी भी बातचीत के सुझाव पर जोर दिया है।

ममता ने डेगांगा में कहा कि “सीपीएम, कांग्रेस और भाजपा एक साथ सड़कों पर उतरे हैं। हर दिन वे रैलियां कर रहे हैं, और हर किसी को चोर कह रहे हैं।”

जबकि 19 दिसंबर की बैठक में ममता ने कहा था कि वह बंगाल में कांग्रेस के साथ सीट बंटवारे की बातचीत में शामिल होना चाहती हैं। उन्होंने कहा था कि वह बातचीत से पहले ही कांग्रेस को बंगाल की दो सीटें देने के लिए तैयार हैं और उन्हें उम्मीद है कि पार्टी असम और मेघालय से एक-एक सीट तृणमूल के लिए छोड़ेगी।

लेकिन अगले ही दिन राज्य कांग्रेस प्रमुख अधीर रंजन चौधरी और दीपा दास मुंशी जैसे बंगाल के दूसरे नेताओं ने कहा कि वे सपने में भी बंगाल में ममता के साथ गठबंधन की कल्पना नहीं कर सकते।

बंगाल कांग्रेस न केवल भाजपा और ममता से समान दूरी चाहती है, बल्कि वह नौ में से कम से कम सात सीटों पर चुनाव लड़ना चाहती है। कांग्रेस का मानना है कि हालांकि टीएमसी प्रमुख को मालदा दक्षिण और बेहरामपुर के अलावा रायगंज से आगे कुछ भी मिलने की संभावना नहीं है, लेकिन सीपीएम कहीं अधिक अनुकूल हो सकती है।

वहीं टीएमसी के एक सूत्र ने कांग्रेस और लेफ्ट को बंगाल में ख़त्म हो चुकी ताकत बताते हुए कहा कि “दीदी ने यह कहने में विनम्रता दिखाई कि उन्हें भाजपा के खिलाफ अपनी लड़ाई में उन्हें साथ लेने में कोई समस्या नहीं है।“

वहीं डेगांगा में ममता ने बीजेपी पर भी जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि “इससे पहले केंद्र में कई सरकारें आईं लेकिन ऐसा पहले कभी नहीं हुआ। आपने संसद में देखा, लगभग 150 (146) सांसदों को उन्होंने निलंबित कर दिया है। क्या भारत में पहले कभी ऐसा हुआ है? जो चल रहा है वह अत्याचार है, आतंक है।”

उन्होंने कहा कि “आपने पूरे देश में मुसलमानों पर, ईसाइयों पर, दलितों पर, आदिवासियों पर किस तरह के अत्याचार देखे हैं। इस अत्याचार को रोकना होगा। उसके लिए मैं यहीं और अभी से आह्वान करती हूं। पूरे भारत में जांच एजेंसियों का दुरुपयोग हो रहा है।“

ममता ने 24 परगना के चकला में भी भाजपा पर जमकर हमला बोला और कहा कि “भाजपा चोरों की पार्टी है और वे ईडी और सीबीआई का इस्तेमाल कर पैसा लूट रहे हैं। जब्त किया गया सारा पैसा भाजपा की जेब में जमा किया जा रहा है।”

उन्होंने आरोप लगाया कि “कोरोना के दौरान भाजपा ने पीएम केयर्स फंड के नाम पर पैसा जुटाया, लेकिन कोई नहीं जानता कि कितना पैसा जुटाया गया। आपको पता होना चाहिए कि भाजपा नेता हर परियोजना में कितना कमीशन लेते हैं। लेकिन वे भ्रष्टाचार के लिए तृणमूल कांग्रेस पर उंगली उठाते हैं।”

वहीं इंडिया गठबंधन से रूठीं ममता पर सीपीएम के राज्य सचिव मोहम्मद सलीम ने आरोप लगाया कि ममता ने आरएसएस के साथ समझौता कर लिया है। बंगाल कांग्रेस की मुख्य प्रवक्ता सौम्या आइच रॉय ने भी कहा कि तृणमूल और भाजपा “राजनीतिक जुड़वां” हैं। उन्होंने कहा कि ममता इंडिया गठबंधन से अलग होने और भाजपा को मजबूत करने के बहाने ढूंढ रही हैं।

(‘द टेलिग्राफ’ में प्रकाशित खबर पर आधारित।)

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