अडानी ग्रुप की जांच और चीन सीमा पर चर्चा के लिए विपक्ष अड़ा, संसद स्थगित

नई दिल्ली। हिडनबर्ग की रिपोर्ट आने के बाद अडानी ग्रुप पर संसद से लेकर शेयर मार्केट तक में हंगामा मचा है। बजट सत्र (Budget Session 2023) के चौथे दिन भी विपक्ष अडानी ग्रुप पर लग रहे आरोपों की जांच की मांग पर अड़ा रहा। विपक्ष ज्वाइंट पार्लियामेंट्री कमेटी (JPC) या सुप्रीम कोर्ट के नेतृत्व में कमेटी बनाने की मांग कर रहा है। हंगामा के चलते लोकसभा को 2 बजे और राज्यसभा 2.30 बजे तक स्थगित कर दी गई है।

अडानी के शेयर में गिरावट जारी है। शुक्रवार सुबह कंपनी के शेयरों में 35 प्रतिशत की गिरावट की सूचना है। इस बीच जैसे ही खबर आई कि अमेरिका के स्टॉक एक्सचेंज डाउ जोंस के सस्टेनबिलिटी इंडेक्स से अडानी एंटरप्राइजेज को बाहर कर दिया है, वैसे ही कंपनी के शेयरों में गिरावट शुरू हो गयी।

हिंडनबर्ग की रिपोर्ट आने के बाद अडानी ग्रुप के एक शेयर की कीमत 1400 रुपए के करीब पहुंच गई है जबकि पहले यह एक शेयर का भाव 3,500 रुपए के करीब था। इस तरह कंपनी का शेयर 9 दिन में 70 प्रतिशत गिर गया है।

संसद के बजट सत्र का आज चौथा दिन है। बजट पास होने के बाद गुरुवार को संसद में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा होनी थी, लेकिन नहीं हो सकी। विपक्ष शुक्रवार को भी हिंडनबर्ग रिपोर्ट के आरोपों की जांच और चीन के मुद्दे पर चर्चा की मांग को लेकर अड़ा हुआ है। सदन की कार्यवाही शुरू होते ही राज्यसभा और लोकसभा में विपक्ष ने जमकर हंगामा किया, दोनों मुद्दों पर विपक्ष के तेवर को देखते हुए आज भी सदन को दोपहर तक स्थगित करना पड़ा है।

कांग्रेस सांसद मणिकम टैगोर ने अडानी मामले पर तो मनीष तिवारी ने चीन के साथ सीमा पर तनाव मुद्दे पर लोकसभा में स्थगन प्रस्ताव का नोटिस दिया। आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह ने राज्यसभा में अडानी समूह मामले को शून्यकाल में उठाने के लिए नोटिस दिया। कई विपक्षी दलों के नेताओं ने संसद के दोनों सदनों में स्थगन नोटिस प्रस्तुत कर अडानी समूह के मुद्दे और चीन के साथ सीमा की स्थिति पर तत्काल चर्चा की मांग की।

मल्लिकार्जुन खड़गे के नेतृत्व में विपक्ष की बैठक में फैसला हुआ है कि अगर एलआईसी (LIC) सहित अन्य संस्थाओं को हो रही वित्तीय हानि पर संसद में चर्चा नहीं करवाई गई तो वो विपक्ष के सांसद सदन में ही प्रदर्शन करेंगे।

विपक्ष संसद में सरकार को घेरने के लिए लामबंद है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने सदन के लिए रणनीति तैयार करने के लिए अपने कार्यालय में सुबह 10 बजे विपक्षी दलों के नेताओं की बैठक बुलाई थी। बैठक में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश, तृणमूल कांग्रेस के सुदीप बंदोपाध्याय और डेरेक ओ ब्रायन, द्रमुक की कनिमोई, समाजवादी पार्टी के रामगोपाल यादव, शिवसेना (उद्धव ठाकरे) के संजय राउत और कुछ अन्य दलों के नेता मौजूद थे। एक दिन पहले भी विपक्ष ने मल्लिकार्जुन खड़गे के नेतृत्व में बैठक की थी।

दरअसल, कांग्रेस समेत अन्य विपक्षी दल अडानी हिंडनबर्ग मामले में संसद के दोनों सदनों में चर्चा की मांग कर रहे हैं और इसकी संयुक्त संसदीय समिति यानी जेपीसी जांच या सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में जांच की मांग कर रहे हैं। कांग्रेस और कई अन्य विपक्षी दलों ने गुरुवार को भी अडानी एंटरप्राइजेज मामले पर संसद के दोनों सदनों में चर्चा की मांग की थी और यह आग्रह भी किया था कि इस प्रकरण की जांच के लिए संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) गठित की जाए या फिर उच्चतम न्यायालय की निगरानी में इसकी जांच हो।

अडानी सहित विभिन्न मुद्दों पर हंगामे के कारण लोकसभा और राज्यसभा की बैठक दोपहर दो बजे तक स्थगित होने के बाद राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने संवाददाताओं से कहा, ‘हम यह कहना चाहते हैं कि सरकार क्यों दबाव बनाकर ऐसी कंपनियों को कर्ज दिलवा रही है?’

उन्होंने कहा, ‘लोगों के हितों और एलआईसी, एसबीआई के निवेश को ध्यान में रखते हुए, हम चर्चा की मांग कर रहे हैं। हमारी मांग है कि जेपीसी गठित करके इसकी जांच हो या उच्चतम न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश के नेतृत्व में इसकी जांच हो।’

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