विशेष सत्र में खड़गे बोले- सीबीआई और ईडी के माध्यम से विपक्ष को किया जा रहा कमजोर

नई दिल्ली। संसद का पांच दिवसीय विशेष सत्र प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लोकसभा में संबोधन के साथ शुरू हुआ। मोदी ने जी-20 और चंद्रयान-3 की सफलता को पूरे देश की सफलता बताया। साथ ही संसद भवन की ऐतिहासिक इमारत से नए संसद भवन में जाने को लेकर कहा कि यह भावुक पल है। यह इमारत कई ऐतिहासिक शख्सियतों और घटनाओं का साक्षी रहा है। उन्होंने संसद के पुराने परिसर में हुई महत्वपूर्ण ऐतिहासिक घटनाओं के बारे में बात की और कहा कि भले ही सदन की कार्यवाही कल से नए संसद भवन में चलेगी, लेकिन पुरानी इमारत पीढ़ियों को प्रेरित करती रहेगी। अपने भाषण के दौरान मोदी ने सदन की कार्यवाही में महिला सांसदों के बढ़ते प्रतिनिधित्व और योगदान का जिक्र किया। उन्होंने कहा, “लगभग 600 महिला सांसदों ने दोनों सदनों की गरिमा बढ़ाई है।”

विशेष सत्र में कांग्रेस सांसदों ने लोकसभा और राज्यसभा में पीएम मोदी का जवाब दिया और देश के समक्ष मौजूदा चुनौतियों की भी चर्चा की। लोकसभा विपक्ष के नेता अधीर रंजन चौधरी ने सोमवार को लोकसभा में संसदीय लोकतंत्र को मजबूत करने में पिछली कांग्रेस सरकारों के योगदान पर प्रकाश डाला।

सीबीआई और ईडी के माध्यम से विपक्ष को किया जा रहा कमजोर

इस बीच, राज्यसभा में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने देश में संसदीय लोकतंत्र के विकास में भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के योगदान के बारे में बात की। उन्होंने कहा कि सरकार सीबीआई और ईडी जैसी केंद्रीय एजेंसियों के माध्यम से “मजबूत” विपक्ष को कमजोर करने पर ध्यान केंद्रित कर रही है। कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़़गे ने पूछा, पीएम ने मणिपुर का दौरा क्यों नहीं किया?

राज्यसभा में नेता विपक्ष मल्लिकार्जुन खड़़गे ने व्यंग्य करते हुए अपनी बात शुरू किया, उन्होंने कहा कि “बदलना हो तो हालात बदलो, संसद के यहां से वहां जाने से क्या होता है?”

देश की संसदीय परंपरा और कांग्रेस की विरासत का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि बुनियाद में जो होता है वह नहीं दिखता है। बुनियाद के ऊपर सिर्फ दीवार दिखती है। देश में लोकतंत्र की शुरुआत में संविधान निर्माताओं और कांग्रेस नेताओं के योगदान को याद करते हुए उन्होंने कहा कि उनके त्याग पर ही लोकतंत्र की आधारशिला रखी हुई है। खड़़गे ने देश के लोकतांत्रिक ढांचे की बात करते हुए कहा कि संविधान निर्माताओं ने गरीब और अमीर के वोट को एक बराबर बनाया।

लोकसभा में विपक्ष के नेता अधीर रंजन चौधरी ने मणिपुर में हिंसा और जम्मू-कश्मीर में सेना के अधिकारियों की मौत को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधा। 2019 में अनुच्छेद 370 को निरस्त करने पर कांग्रेस के विरोध को याद करते हुए उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर में सैनिक अभी भी अपने जीवन का बलिदान दे रहे हैं, जो साबित करता है कि उनका विरोध सही था।

विपक्ष चाहता है कि संसद की पवित्रता बनी रहे

अधीर रंजन चौधरी ने संसद के विशेष सत्र में बोलते हुए कहा कि विपक्ष चाहता है कि संसद की पवित्रता बनी रहे। हमें नहीं पता कि यह विशेष सत्र है या सामान्य सत्र। हमें बाहर खड़े मीडियाकर्मियों से जानकारी लेनी होगी। उन्होंने यह भी कहा कि सांसदों को शून्यकाल या प्रश्नकाल में भाग लेने की अनुमति नहीं है। मुझे समझ नहीं आता कि 75 साल का अमृत काल कहां से आ गया।

उन्होंने कहा, आज एक तरफ जम्मू-कश्मीर है, दूसरी तरफ मणिपुर है। बहुत कुछ करने की जरूरत है। पहले जब सैनिकों की ड्यूटी के दौरान मृत्यु हो जाती थी, तो उनके सम्मान में मौन रखा जाता था।

नेहरू जब समयसीमा पार कर जाते थे तो स्पीकर की घंटी बजती थी

संसदीय लोकतंत्र के विकास में भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के योगदान को याद करते हुए अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि “पंडित नेहरू ने कहा था कि संसदीय लोकतंत्र कई गुणों की मांग करता है, इसके लिए क्षमता, काम के प्रति समर्पण और आत्म-अनुशासन की आवश्यकता होती है। हालांकि उन्हें संसद में भारी बहुमत प्राप्त था, लेकिन वे विपक्ष की आवाज सुनते थे। और कभी भी उनका मजाक नहीं उड़ाया या प्रश्नों का उत्तर देते समय ध्यान भटक जाता है…यहां तक कि जवाहरलाल नेहरू जब संसद में भाषण देते समय अपनी समय सीमा पार कर जाते थे तो उनके लिए स्पीकर की घंटी बजती थी, इससे पता चलता है कि कोई भी संसद के ऊपर नहीं है, यह भारत में संसदीय लोकतंत्र के विकास में नेहरू का योगदान था।”

अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि, “…आज इस (पुराने) संसद भवन से बाहर निकलना हम सभी के लिए वास्तव में एक भावनात्मक क्षण है। हम सभी अपनी पुरानी इमारत को अलविदा कहने के लिए यहां मौजूद हैं।

राज्यसभा में नेता विपक्ष मल्लिकार्जुन खड़़गे ने व्यंग्य करते हुए अपनी बात शुरू किया, उन्होंने कहा कि “बदलना हो तो हालात बदलो, संसद के यहां से वहां जाने से क्या होता है?”

देश की संसदीय परंपरा और कांग्रेस की विरासत का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि बुनियाद में जो होता है वह नहीं दिखता है। बुनियाद के ऊपर सिर्फ दीवार दिखती है। देश में लोकतंत्र की शुरुआत में संविधान निर्माताओं और पुराने नेताओं के योगदान को याद करते हुए उन्होंने कहा कि उनके त्याग पर ही लोकतंत्र की आधारशिला रखी हुई है। खड़गे ने देश के लोकतांत्रिक ढांचे की बात करते हुए कहा कि संविधान निर्माताओं ने गरीब और अमीर के वोट को एक बराबर बनाया।

केंद्र की वर्तमान सरकार संघीय प्रणाली को कमजोर कर रही है: सुप्रिया सुले

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी की सांसद सुप्रिया सुले ने कहा कि “संविधान निर्माताओं ने देश को संघीय जनतंत्र बनाया। राज्य केंद्र के अधीन नहीं हैं। आज केंद्र राज्यों को अस्थिर कर रहा है। मोदी सरकार संघीय प्रणाली को कमजोर कर रही है। संसद भवन और संसदीय लोकतंत्र को मजबूत करने में देश के हर भाग का योगदान है। देश के संसदीय लोकतंत्र को मजबूत करने में पं. नेहरू से लेकर राजगोपालाचारी से लेकर मधु दंडवते तक का योगदान है। ”

उन्होंने कहा कि भाजपा के नेता पूछते हैं कांग्रेस ने क्या किया?  कांग्रेस ने देश को पहली महिला प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी, पहली महिला राष्ट्रपति महिला प्रतिभा पाटिल और पहली महिला लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार को दिया।

कांग्रेस के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने पंचायतों में महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण दिया। शरद पवार ने मुख्यमंत्री के रूप में महाराष्ट्र में पंचायतों में महिलाओं को 33 फीसदी आरक्षण दिया। इस तरह महाराष्ट्र महिलाओं को आरक्षण देने वाला पहला राज्य है।

देश की आबादी में महिलाओं की संख्या 50 प्रतिशत है। नए संसद भवन में हम पहला विधेयक महिलाओं को पचास प्रतिशत आरक्षण का क्यों नहीं पास करते?

हम एकीकृत राष्ट्रवाद से एक विखंडित राष्ट्रवाद की तरफ बढ़ रहे हैं: मनोज झा

क्या हम एकीकृत राष्ट्रवाद से एक विखंडित विभाजित राष्ट्रवाद की तरफ बढ़ रहे हैं। क्या ये इमारत… इसकी बुनियाद में बंटवारे के बावजूद बंटवारा नहीं हुआ। इसलिए हम हाथ जोड़कर विनती करते हैं कि सरकार जरूर बनाइए, अगला चुनाव भी लड़ेंगे, इंडिया भी रहेगा, भारत भी रहेगा। केवल एक विकल्प नहीं रहेगा, हम भारत से जम्बूद्वीप तक नहीं जााएंगे, आप फिर सरकार बनाइए, लेकिन मेल-जोल को नष्ट मत करिए।

इस देश में आक्रामकता से कुछ हासिल नहीं किया जा सकता। संविधान सभा के माध्यम से इस भवन में देश की तकदीर लिखी गई। यह देश और संसद भवन 140 करोड़ लोगों का है।

सोनिया गांधी के पत्र का पीएम मोदी ने नहीं दिया जवाब

कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने संवाददाताओं से बात करते हुए कहा कि कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी ने इस महीने की शुरुआत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र लिखा था, जिसमें नौ महत्वपूर्ण मुद्दों को रेखांकित किया गया था, लेकिन पीएम मोदी की तरफ से अभी तक कोई जवाब नहीं आया।

विपक्ष ने महिला आरक्षण विधेयक का मुद्दा उठाया

संसद के विशेष सत्र में विपक्षी दलों ने महिला आरक्षण विधेयक का मुद्दा उठाया। रविवार को सर्वदलीय बैठक में भी विपक्षी दलों ने महिला आरक्षण का मुद्दा उठाया। लेकिन सत्तापक्ष से कोई जवाब नहीं मिला। विपक्षी नेताओं ने सुझाव दिया कि यदि संसद और विधायी निकायों में महिलाओं के लिए सीटें आरक्षित करने के लिए एक विधेयक पेश किया गया था, तो पार्टियों को यह तय करने का अधिकार दिया जाना चाहिए कि कौन सी सीटें आरक्षित की जानी चाहिए। अन्यथा, उनके अनुसार, प्रावधानों का उपयोग वरिष्ठ नेताओं को उनके पारंपरिक निर्वाचन क्षेत्रों से दूर रखने के लिए किया जा सकता है।

सर्वदलीय बैठक में विपक्षी दलों के नेताओं ने चुनाव आयुक्त विधेयक पर आपत्ति जताई थी, जिसे 10 अगस्त को राज्यसभा में पेश किया गया था। विपक्षी नेताओं ने कहा कि वे ऐसे किसी भी हस्तक्षेप का समर्थन नहीं करेंगे जिससे चुनाव आयोग की स्वतंत्रता प्रभावित हो।

(जनचौक की रिपोर्ट।)

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