विपक्षी सांसदों का गांधी प्रतिमा के समक्ष धरना, निलंबित सांसदों की संख्या हुई 143

नई दिल्ली। विपक्षी सांसदों का संसद परिसर में गांधी प्रतिमा के सामने केंद्र के खिलाफ प्रदर्शन जारी है। केरल के दो सांसदों-थॉमस चाज़िकादान और एएम आरिफ को बुधवार को लोकसभा से निलंबित कर दिया गया, जिससे दोनों सदनों में निलंबन की कुल संख्या 143 हो गई। मंगलवार तक 141 विपक्षी सांसदों को शीतकालीन सत्र के लिए निलंबित किया गया था। बुधवार को विपक्षी सांसदों के विरोध-प्रदर्शन में कांग्रेस ने कहा कि यह विपक्ष का “पूर्ण सफाया” अभियान है।

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने आरोप लगाया कि, पीएम देश में ‘एकल पार्टी शासन’ स्थापित करना चाहते हैं। उन्होंने एक्स पर पोस्ट किया कि “141 सांसदों को निलंबित कर दिया गया है क्योंकि वे गंभीर सुरक्षा उल्लंघन पर गृह मंत्री से बयान चाहते थे। 6 घुसपैठियों पर आतंकवाद विरोधी, यूएपीए कानून के तहत मामला दर्ज किया गया है। भाजपा सांसद जिन्होंने घुसपैठियों के प्रवेश की सुविधा प्रदान की, वे निर्दोष हैं और अभी तक पूछताछ नहीं की गई है। यह किस तरह की जांच है?”

मोदी सरकार औऱ एनडीए द्वारा राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ की मिमिक्री करने पर टीएमसी सांसद के खिलाफ मामला दर्ज करने और इसे जगदीप धनखड़ समेत उनके पूरे समुदाय के अपमान से जोड़ने पर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि जाति को हर मुद्दे में नहीं घसीटा जाना चाहिए। उन्होंने आश्चर्य जताया कि क्या उन्हें हर बार अपने दलित मूल का मुद्दा उठाना चाहिए, जब उन्हें राज्यसभा में बोलने की अनुमति नहीं दी जाती है।

धनखड़, जो राज्यसभा के सभापति भी हैं, ने मिमिक्री की आलोचना करते हुए इसे किसान और ‘जाट’ (उनकी जाति) के रूप में उनकी पृष्ठभूमि का अपमान बताया है। सत्तारूढ़ भाजपा ने भी इसी तरह का विचार व्यक्त किया है।

पत्रकारों से बात करते हुए खड़गे ने कहा कि चेयरपर्सन का काम दूसरे सदस्यों को सुरक्षा देना है लेकिन वह खुद इस तरह का बयान दे रहे हैं।

उन्होंने कहा, “मुझे अक्सर राज्यसभा में बोलने की अनुमति नहीं दी जाती है। क्या मुझे यह कहना चाहिए क्योंकि मैं दलित हूं।”  

बुधवार को कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के चेंबर में विपक्षी दलों की बैठक हुई। खड़गे ने कहा कि संसद से विपक्ष के सांसदों को सस्पेंड कर दिया गया है। यह मोदी सरकार की लोकतंत्र विरोधी सोच दिखाता है। हमारी यही मांग है कि गृह मंत्री को संसद सुरक्षा में हुई चूक के मुद्दे पर दोनों सदनों में बयान देना चाहिए।

कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा कि “विश्व की किसी भी संसदीय लोकतांत्रिक व्यवस्था में किसी भी संसद का ऐसा उदाहरण नहीं है जिसने कभी एक साथ इतने लोगों को निलंबित किया हो। यह हमारे लोकतंत्र पर अपमान और कलंक है।”

लोकसभा सचिवालय ने मंगलवार को एक परिपत्र जारी कर अपने निलंबित सांसदों के संसद कक्ष, लॉबी और दीर्घाओं में प्रवेश पर रोक लगा दी। आदेश में कहा गया है, “उन्हें संसदीय समितियों की बैठकों से निलंबित किया जाता है, जिसके वे सदस्य हो सकते हैं और उनके निलंबन की अवधि के दौरान उनके द्वारा दिया गया कोई भी नोटिस स्वीकार्य नहीं है।” जब तक उनका निलंबन जारी रहेगा तब तक वे दैनिक भत्ते के भी हकदार नहीं होंगे।

(जनचौक की रिपोर्ट।)

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