विपक्ष किसान-किसान चिल्लाता रहा, मोदी कॉरपोरेट-कॉरपोरेट जपते रहे

कल 10 फरवरी को भी तमाम विपक्षी दलों के नेता लगातार किसान-किसान चिल्लाते रहे और जब जवाब देने की बारी आई तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कॉरपोरेट-कॉरपोरेट जपने लगे। कल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा में कॉरपोरेट को देश समाज के लिए ज़रूरी बताते हुए कहा, “देश के लिए पब्लिक सेक्टर जरूरी है तो प्राइवेट सेक्टर का योगदान भी जरूरी है। आज मानवता के काम देश आ रहा है तो इसमें प्राइवेट सेक्टर का भी बहुत बड़ा योगदान है।”

उनके इस बयान पर राज्यसभा में कांग्रेस सांसद कपिल सिब्बल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को घेरते हुए कहा, “देश में चार-पांच बड़े लोग हैं, जो लगभग सारी संपत्तियों के मालिक हैं और एक बहुत बड़ा शख्स हर जगह है। मैं किसी का नाम नहीं लूंगा, लेकिन वो हर जगह हैं। पोर्ट्स, एयरपोर्ट्स, सिटी गैस डिस्ट्रीब्यूशन सेंटर्स, रेलवे… हर जगह…। असलियत तो ये है कि जिस जहाज में आप जाते थे, उसको एयरपोर्ट तो आपको देना ही होगा न। छह-सात एयरपोर्ट उनको दे दिए… नीति आयोग ने विरोध किया, वित्त मंत्रालय ने विरोध किया, उसको ओवररूल कर दिया।”

वहीं लोकसभा में नरेंद्र मोदी ने लोकतंत्र और अवाम का मखौल उड़ाते हुए कहा, “मैं हैरान हूं पहली बार एक नया तर्क आया है कि हमने मांगा नहीं तो आपने दिया क्यों! दहेज हो या तीन तलाक, किसी ने इसके लिए कानून बनाने की मांग नहीं की थी, लेकिन प्रगतिशील समाज के लिए आवश्यक होने के कारण कानून बनाया गया। मांगने के लिए मजबूर करने वाली सोच लोकतंत्र की सोच नहीं हो सकती है।”

प्रधानमंत्री के द्वारा किसानों के मुद्दे पर बोलने के दौरान कांग्रेस सांसद लोकसभा से वॉक आउट कर गए, जिसके बाद लोकसभा को 11 फरवरी शाम चार बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया।

वॉकआउट के सवाल पर कांग्रेस सांसद अधीर रंजन ने कहा, “पीएम मोदी हमारे सवालों के जवाब नहीं दे रहे थे, इसलिए हम लोग वाक ऑउट कर गए।”

वहीं अकाली दल की नेता हरसिमरत कौर ने सदन में कहा कि मुझे लगता है कि किसान को जो चाहिए, उसे सुनना वक्त की जरूरत है। पीएम ने कहा कि पंजाब में उनके मंत्रियों ने जाकर किसानों से बात की। काश वह बताते कि किन किसानों से बात की गई। हालांकि जहां तक मुझे याद है, पंजाब में एक मंत्री आया था, जिसने किसानों को गुंडा कहा था। 

शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने सदन में कहा, “जब केंद्र में कांग्रेस की सरकार थी, मुख्यमंत्रियों की कमेटी बनी थी। इस कमेटी का नेतृत्व पीएम नरेंद्र मोदी ने किया था। उस कमेटी के हेड ने कहा था कि एमएसपी को वैधानिक होना चाहिए था और आज मुकर गए।”

समाजवादी पार्टी के प्रमुख और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने लोकसभा में कहा, “आप किसान को अगर बाजार के हवाले छोड़ दोगे तो फिर किसान कहां जाएगा, उसकी मदद कौन करेगा। बाजार तो मुनाफे से चलता है। जो मुनाफा कमाने वाले लोग हैं वे मुनाफा देखेंगे, वे किसान को लाभ नहीं पहुंचाएंगे।”

उत्तराखंड के बाढ़ पीड़ितों को आर्थिक सहायता देने के मुद्दे पर चर्चा करने के लिए आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह ने गुरुवार के लिए राज्यसभा में शून्यकाल का नोटिस दिया है।

इससे पहले भाजपा के सांसद निशिकांत दुबे और पीपी चौधरी ने भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश के आचरण के संबंध में प्रतिकूल बयान देने पर टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा के खिलाफ लोकसभा में विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव रखा।

बता दें कि एक दिन पहले टीएमसी सांसद मोइना मित्रा ने सदन में कहा था कि तत्कालीन चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया के खिलाफ़ यौन हिंसा के एक मामले में फंसाकर उनसे मनचाहा अयोध्या राम मंदिर फैसला लिखवाया गया था।

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