संसद के भीतर बीजेपी सांसद बिधूड़ी के शर्मनाक बयान पर विपक्ष की तीखी प्रतिक्रिया, निलंबन की मांग की

नई दिल्ली। बीजेपी एमपी रमेश बिधूड़ी ने लोकसभा के भीतर न सिर्फ सड़क छाप भाषा का इस्तेमाल किया बल्कि अपने शब्दों से सालों-साल में स्थापित संसद की संवैधानिक और लोकतांत्रिक मर्यादा को भी तार-तार कर दिया। बिधूड़ी ने चंद्रयान-3 पर चर्चा के दौरान बिल्कुल टपोरियों के अंदाज में बीएसपी सांसद दानिश अली को आतंकवादी करार देते हुए उनके खिलाफ उन शब्दों का इस्तेमाल किया जो यहां भी नहीं लिखा जा सकता है। और ऊपर से धमकी भरे अंदाज में उन्हें चुप रहने की नसीहत दे डाली। 

दिलचस्प बात यह है कि इस मौके पर विपक्ष की ओर से जो प्रतिक्रिया आनी चाहिए थी वह नदारद थी। हालांकि बाद में दानिश अली ने स्पीकर ओम बिड़ला से संपर्क किया और उनसे इसकी शिकायत की। बताया जा रहा है कि स्पीकर ने लोकसभा की कार्यवाही से इन शब्दों को हटाने का निर्देश दिया है।

इसके साथ ही रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी इसके लिए माफी मांगी है। बीजेपी के सूत्रों ने बताया कि उन्होंने डिप्टी लीडर के तौर पर सदन से माफी मांगी और इसके साथ ही सदन की सामान्य कार्यवाही का संचालन सुनिश्चित किया।

उत्तर प्रदेश के अमरोहा लोकसभा सीट से सांसद अली ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि राज्यसभा में महिला आरक्षण पर जारी बहस के दौरान उन्होंने रात 10 बजे लोकसभा स्पीकर का ध्यान इस तरफ आकर्षित कराया। उन्होंने कहा कि “बीजेपी सांसद सदन में बोल रहे थे। भाषण के दौरान कुछ लोग चाहते हैं कि पीएम मोदी कुत्ते की मौत मरें। मैंने हस्तक्षेप किया कि वह यह क्या बोल रहे हैं और कोई ऐसा सम्माननीय प्रधानमंत्री के बारे में नही बोलता है। उसके बाद उन्होंने आतंकवादी समेत तमाम नामों से बुलाया। मैं आरएसएस चीफ मोहन भागवत से जानना चाहता हूं कि उनकी शाखा में क्या पढ़ाया जाता है? क्या यह वही है जिसको वो पीएम मोदी की पाठशाला में सीखते हैं?”

सूत्रों का कहना है कि बिड़ला ने एक सदस्य द्वारा गैरसंसदीय शब्दों के इस्तेमाल को बेहद गंभीरता से लिया है। लोकसभा सचिवालय के मुताबिक उन्होंने बाकायदा चेतावनी जारी करते हुए कहा है कि अगर ऐसा फिर कुछ भविष्य में होता है तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

स्पीकर को लिखे गए पत्र में अली ने कहा कि “चंद्रयान सफलता…पर बहस के दौरान बीजेपी के एक लोकसभा सांसद रमेश सिंह बिधूड़ी के भाषण के संदर्भ में मैं यह बेहद पीड़ा से लिख रहा हूं। अपने भाषण के दौरान उन्होंने मेरी तरफ इशारा करके बेहद भद्दे और गाली-गलौच वाले शब्दों का इस्तेमाल किया जो लोकसभा के रिकॉर्ड के हिस्से हैं। हमको इंगित करके बोले गए उनके शब्दों में भड़वा, कटवा, मुल्ला, उग्रवादी और आतंकवादी आदि शामिल है….यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है और सच्चाई यह है कि यह नये संसद भवन में स्पीकर के तौर पर आपके नेतृत्व में घटित हुआ है। महान राष्ट्र के एक अल्पसंख्यक और संसद के एक चुने गए सदस्य के तौर पर यह मेरे लिए बेहद दिल तोड़ने वाला है।”

अली ने स्पीकर से निवेदन किया कि वो सदन के पटल पर इस्तेमाल किए गए इन भद्दे शब्दों का वह संज्ञान लें और बिधूड़ी के खिलाफ उचित कार्रवाई करें। इसके साथ ही उन्होंने तत्काल कार्रवाई के लिए मामले को लोकसभा की विशेषाधिकार समिति को भेजने की मांग की।

कांग्रेस ने टिप्पणी के लिए बिधूड़ी को निलंबित करने की मांग की है।

इंडियन एक्सप्रेस की ओर से संपर्क किये जाने पर बिधूड़ी ने कहा कि सदन की कार्यवाही पर वह कोई टिप्पणी नहीं करना चाहते हैं। यह पहली बार नहीं है जब बिधूड़ी ने सदन के पटल पर विपक्षी सदस्यों के खिलाफ इस तरह से आग उगला हो।

इस मामले में विपक्षी दल भी अब शामिल हो गए हैं। टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा ने एक पोस्ट में बीजेपी की आलोचना करते हुए कहा कि “मर्यादा के रखवाले @ombilakota विश्वगुरु @narendramodi & BJP अध्यक्ष @JPNadda….कोई कार्रवाई?“

मोइत्रा ने कहा कि “मुसलमानों और पिछड़ों को गाली देना बीजेपी की संस्कृति का हिस्सा है- ज्यादातर इसमें कुछ भी गलत नहीं देखते हैं। नरेंद्र मोदी ने भारतीय मुसलमानों को अपनी ही धरती पर इस तरह से डरने की स्थिति तक सीमित कर दिया है कि वे अब सब कुछ स्वीकार करने लगें। दुखद है लेकिन मैं इससे इंकार करती हूं। मा काली मेरी रीढ़ को मजबूत रखें।“

नेशनल कांफ्रेंस के नेता उमर उब्दुल्ला ने एएनआई से कहा कि “यह दिखाता है कि वो मुसलमानों के बारे में क्या सोचते हैं…उन्हें शर्म आनी चाहिए।” आरजेडी सांसद मनोज झा ने कहा कि दुखी हैं लेकिन अचंभित नहीं। पीएम के वसुधैव कुटुंबकम की यही सच्चाई है। हमें यह सोचने की जरूरत है कि अगर इस तरह के शब्द संसद के भीतर एक सांसद के खिलाफ इस्तेमाल किए गए तब मुसलमानों, दलितों की विरासत के खिलाफ किस प्रकार की भाषा दी गयी है?

आम आदमी पार्टी ने इसे संसद के इतिहास का सबसे काला दिन करार दिया।

कांग्रेस प्रवक्ता जयराम रमेश ने कहा कि यह पूरी तरह से शर्मनाक है और राजनाथ सिंह की माफी स्वीकार्य नहीं है। यह आधे-अधूरे मन से मांगी गयी माफी है। यह पूरे संसद का अपमान है। सबका साथ सबका विकास का जो पीएम नारा देते रहते हैं यह उसका मजाक है। अगर बिधूड़ी के निलंबन का यह केस नहीं बनता है तो फिर आखिर और क्या हो सकता है? रमेश बिधूड़ी ने जो बोला है वह केवल दानिश अली नहीं बल्कि हर सांसद का अपमान है। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह की माफी सिर्फ लीपापोती है।

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