मुंबई से जादवपुर और पुणे से लेकर ऑक्सफोर्ड तक जेएनयू पर हुए बर्बर हमले के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन

नई दिल्ली। जेएनयू में हुए विद्यार्थी परिषद के खूनी हमले के खिलाफ पूरे देश में रात से ही प्रदर्शन शुरू हो गया है। घटना की सूचना मिलते ही जगह-जगह लोग सड़कों पर निकल आए और उन्होंने पुलिस और जेएनयू प्रशासन के संरक्षण में हुए इस बर्बर हमले का प्रतिकार किया।

रात में 12 बजे ही मुंबई के गेट वे ऑफ इंडिया पर लोगों का जमावड़ा शुरू हो गया। और देखते ही देखते 300 से ज्यादा लोग इकट्ठा हो गए। पहले लोग शांत थे लेकिन बाद में लोगों ने मिलकर क्रांतिकारी गीत गाना शुरू कर दिया। कुछ लोगों ने अपने हाथों में प्लेकार्ड ले रखे थे। जिनमें केंद्र सरकार और दिल्ली पुलिस के आपराधिक रवैये पर लानत मलानत भेजी गयी थी।

सभी ने जेएनयू के छात्रों और शिक्षकों के साथ एकजुटता जाहिर की। इस मौके पर मौजूद सभी ने एक दूसरे से मीडिया से न बात करने की गुजारिश की। दि हिंदू के मुताबिक कुछ देर बाद फैज के गाने हम देखेंगे का सामूहिक गान किया। रात को 12 बजे शुरू हुआ यह प्रदर्शन सुबाह तक जारी रही। प्रदर्शन में जेएनयू के छात्र नेता उमर खालिद और स्टैंड अप कामेडियन कुणाल कामरा भी शरीक हुए।

इसके साथ ही पुणे के एफटीआईआई में जेएनयू पर हमले के खिलाफ विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया। रात में ही सैकड़ों की संख्या में छात्र अपने कमरों से निकल कर कालेज के गेट पर जमा हो गए और उन्होंने दिल्ली पुलिस और केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी। उनके हाथों में कुछ मसालें भी थीं। प्रदर्शनकारियों में महिलाओं की भी अच्छी खासी भागीदारी थी। सभी ने एक सुर में जेएनयू में हुई हिंसा का विरोध किया।

रात में ही एएमयू के छात्रों ने भी प्रदर्शन कर जेएनयू के साथ एकजुटता जाहिर की। रात तकरीबन 11 बजे छात्रों ने मार्च निकाला। उनका कहना था कि यह मार्च जेएनयू के छात्रों के साथ एकजुटता जाहिर करने के लिए निकाला गया है। एएमयू के शिक्षकों के संगठन ने बयान जारी कर जेएनयू पर हुए हमले की कड़े शब्दों में निंदी की है। शिक्षक संघ के सचिव नजमुल इस्लाम ने भारत के मुख्य न्यायाधीश से मामले का संज्ञान लेने की अपील की है।

जेएनयू पर हमले की घटना सामने आने के कुछ ही देर बाद आईटीओ स्थिति दिल्ली पुलिस हेडक्वार्टर के सामने विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया। इसमें कांग्रेस नेता अल्का लांबा समेत डीयू और जामिया के छात्रों ने बड़ी तादाद में हिस्सा लिया। इसके अलावा शहर के बुद्धिजीवी तबके से जुड़े लोग भी शामिल हुए।

कोलकाता में जादवपुर विश्वविद्यालय के छात्रों ने हमले के खिलाफ मार्च निकाला। इसमें तकरीबन 300 से ज्यादा छात्र शामिल थे। इसके साथ ही एसएफआई ने कहा कि जेनएयू के छात्रों पर हुए इस बर्बर हमले के खिलाफ सोमवार को भी विरोध-प्रदर्शन होगा। जिसमें प्रेसिडेंसी विश्वविद्यालय के छात्र भी शामिल होंगे। एसएफआई के देबराज देबनाथ ने कहा कि इस मौके पर परिषद की गुंडई से लड़ने के लिए रणनीति पर विचार-विमर्श भी किया जाएगा।

इस बीच जेएनयू में रात भर छात्रों का प्रदर्शन जारी रहा। बताया जाता है कि रात में जब पुलिस ने फ्लैग मार्च शुरू किया तो कुछ छात्र नाराज हो गए और उन्होंने मार्च को रोकने की कोशिश की। उनका कहना था कि जब जरूरत थी उस समय पुलिस मौके पर मौजूद रहने के बावजूद मूकदर्शक बनी रही। लिहाजा अब इसकी कोई जरूरत नहीं है।

इसके आलावा आज कई जगहों पर जेएनयू पर हुए इस बर्बर हमले के खिलाफ विरोध प्रदर्शन होगा। एपवा की महासचिव और जेएनयू की पूर्व छात्र नेता कविता कृष्णन ने बताया कि शाम चार बजे मुंबई के हुतात्मा चौक पर भी इसी तरह का एक प्रदर्शन रखा गया है।

साथ ही आक्सफोर्ड विश्वविद्यालय में भी विरोध-प्रदर्शन हुआ है। ट्विटर पर गुरमेहर कौर ने इसकी जानकारी दी है। आगे आज और प्रदर्शन रखा गया है। जिसमें उन्होंने छात्रों से हिस्सा लेने की अपील की है।

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