कवि और एक्टिविस्ट वरवर राव को जेजे अस्पताल में भर्ती कराया गया

नई दिल्ली। मुंबई के तलोजा जेल में बंद 81 वर्षीय कवि और एक्टिविस्ट वरवर राव को जेजे अस्पताल में भर्ती कराया गया है। बताया जा रहा है कि वहां उनका कुछ टेस्ट किया जाएगा।

ऐसा बॉम्बे हाईकोर्ट में उनके द्वारा की गयी शिकायत के बाद हुआ है। उन्होंने अंतरिम जमानत याचिका खारिज करने के एनआईए स्पेशल कोर्ट के फैसले को बॉम्बे हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। इस मामले की सुनवाई के लिए हाईकोर्ट ने 17 जुलाई की तारीख तय की है। उन्होंने यह याचिका मेडिकल आधार पर जमानत के लिए दायर की थी। इस मामले में कोर्ट ने एनआईए और महाराष्ट्र सरकार से जवाब मांगा है।

 इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक जेजे अस्पताल के डीन डॉ. रंजीत मनकेश्वर ने बताया कि “हम कुछ टेस्ट करेंगे उसके बाद अस्पताल में भर्ती करने के बारे में फैसला लेंगे।”

11 जुलाई को जेल से एक फोन आने के बाद राव के परिजनों ने उन्हें नवी मुंबई स्थित तलोजा जेल के अस्पताल से किसी दूसरे बड़े अस्पताल में शिफ्ट करने की मांग की थी। परिजनों ने रविवार को एक प्रेस कांफ्रेंस करके मीडिया को बताया कि फोन पर बातचीत के दौरान वरवर राव साफ-साफ नहीं बोल पा रहे थे। और उन सब घटनाओं का जिक्र कर रहे थे जो दशकों पहले घट चुकी हैं। फिर उनके सहयोगी बंदी ने बताया कि वह अपने से कुछ नहीं कर पा रहे हैं। यहां तक कि खुद ब्रश भी नहीं कर पाते हैं। उन्हें हर काम के लिए दूसरों पर निर्भर रहना पड़ता है। उनको जेल के ही अस्पताल में रखा गया था।

सोमवार को उनके वकील ने हाईकोर्ट में अर्जेंट सुनवाई के लिए आवेदन किया। जिसमें उन्होंने मामले की सुनवाई 17 जुलाई को करने की जगह मंगलवार यानि आज ही करने की अपील की है। इस अपील में वरवर राव के एडवोकेट आर सत्यनारायण ने कहा है कि जेल अथारिटी ने राव के उन मेडिकल चेकअप को भी नहीं संचालित किया जिसको करने के लिए जेजे अस्पातल ने सुझाव दिया था।

याचिका में कोर्ट से जेल अथारिटीज को यह निर्देश देने की मांग की गयी है कि वो राव के इलाज संबंधी पूरी रिपोर्ट को कोर्ट में पेश करे। इसके साथ ही 2 जून के बाद के उनके पूरे मेडिकल कोर्स की रिपोर्ट को भी पेश करने की मांग की गयी है जिससे पता चल सके कि जेजे अस्पताल के निर्देशों का पालन हुआ भी है या नहीं। साथ ही याचिका में कहा गया था कि इस सिलसिले में अगर जरूरी हो तो एडवांस चेकअप के लिए उन्हें तत्काल प्राइवेट अस्पताल भेजा जाए। 

भीमा-कोरेगांव मामले मे वरवर राव के अलावा 10 और मानवाधिकार और सामाजिक कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया गया है। जिसमें आनंद तेलतुंबडे, सुधा भारद्वाज, गौतम नवलखा, शोमा सेन, वर्नन गोंजाल्विस आदि शामिल हैं। इन सभी के खिलाफ यूएपीए की धाराएं लगायी गयी हैं जो मूलत: आतंकी कार्रवाइयों के लिए लगायी जाती हैं।

इस बीच इस मामले में गिरफ्तार डॉ. आनंद तेलतुंबडे ने सोमवार को स्पेशल कोर्ट का दरवाजा खटखटाया जिसमें उन्होंने इस आधार पर जमानत की मांग की है कि एनआईए गिरफ्तारी के 90 दिनों के भीतर उनके खिलाफ चार्जशीट फाइल करने के प्रावधान को नहीं पूरा कर सकी। हालांकि इसके पहले गौतम नवलखा ने भी ठीक उसी तरह की याचिका दायर की थी जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया। आपको बता दें कि गौतम नवलखा को भी तेलतुंबडे की गिरफ्तारी के दिन ही पुलिस ने कस्टडी में लिया था।

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