कानपुर बुलडोजर कांड को लेकर ‘यूपी में का बा’ गीत गाने पर नेहा सिंह राठौर को पुलिस का नोटिस

राजनीतिक चेतना से लबरेज लोकगीत गाने वाली लोकगायिका नेहा सिंह राठौर को उत्तर प्रदेश पुलिस ने ‘यूपी में का बा सीजन-2’ गाने के लिए नोटिस भेजा है। नोटिस में राज्य सरकार की ओर से यूपी पुलिस ने कहा है कि ‘यूपी में का बा’ गीत के कारण समाज में वैमनस्य और तनाव के हालात उत्पन्न हुए हैं।

पुलिस ने नोटिस के जरिए नेहा सिंह राठौर से इस गाने को लेकर तमाम सवालों के 3 दिन के अंदर जवाब मांगे हैं। साथ ही नोटिस में यह धमकी भी दी गई है कि यदि जवाब पुलिस को संतोषजनक नहीं लगे तो उनके विरुद्ध आईपीसी/सीआरपीसी की धाराओं के तहत वैधानिक कार्रवाई की जाएगी।

लोकगायिका नेहा सिंह राठौर ने यूपी पुलिस की कार्रवाई पर कहा है कि योगी के बुलडोजर राज में कानपुर प्रशासन की बर्बरता की वजह से मां-बेटी ने अपने ही घर में खुद को जिन्दा जला लिया। उन्होंने इस कांड पर एक गीत लिखा ‘यूपी में का बा सीजन-2’। इसी गीत पर कानपुर देहात की पुलिस एक नोटिस लेकर उनके घर पर आई।

नेहा सिंह राठौर बताती हैं कि सबसे पहले अंबेडकर नगर स्थित उनके ससुराल में उनके ससुर को नोटिस पकड़ाया गया। उस समय वो घर पर अकेले थे। वहां से बात नहीं बनी तो जीप भरकर पुलिस दिल्ली आई और रात 8 बजे उन्हें फिर से नोटिस दिया।

दिल्ली में नेहा सिंह राठौर को नोटिस देती यूपी पुलिस

उन्होंने कहा कि पुलिस ने उनके पति हिमांशु को कॉल किया और झूठ बोलते हुए कहा कि वो यूपीएससी स्टूडेंट बोल रही हैं। उनसे कुछ गाइडेंस लेना है। नेहा कहती हैं कि जैसे किसी क्रिमिनल को पकड़ने के लिए जाल बिछाया जाता है, उसी तरह पुलिस ने उन्हें नोटिस थमाने के लिए किया।

नेहा बताती हैं कि उन्हें फंसाने के लिए नोटिस में बहुत ही ट्रिकी तरीके से सवाल पूछे गए हैं। वो अपने वकील से सलाह लेकर नोटिस का जवाब देंगी। वो बताती हैं पहले भी उन्हें कुछ गीतों पर नोटिस भेजे गए हैं लेकिन पहली बार पुलिस लद-फदकर उनके घर आकर नोटिस दी है।  

पुलिस ने नेहा से निम्नलिखित सवालों के जवाब मांगे-

पहला सवाल- वीडियो में नेहा सिंह राठौर स्वयं हैं अथवा नहीं?

दूसरा सवाल– यदि वीडियो में वो स्वयं हैं तो स्पष्ट करें कि वीडियो उन्होंने अपने यूट्यूब चैनल nehasingh rathore व ट्विटर एकाउंट @nehafolksinger पर अपनी खुद की ईमेल आईडी से अपलोड किया है अथवा नहीं?

तीसरा सवाल– neha singh rathore चैनल और @nehafolksinger ट्विटर हैंडल उनके हैं अथवा नहीं और वो इनका उपयोग करती हैं अथवा नहीं?

चौथा सवाल– वीडियो में प्रयुक्त किये गये गीत के शब्द उन्होंने लिखे हैं अथवा नहीं?

पांचवा सवाल– यदि उक्त गीत उन्होंने खुद लिखा है तो क्या वो स्वयं प्रमाणित करती हैं अथवा नहीं?

छठवां सवाल– यदि उक्त गीत को किसी और ने लिखा है तो उन्होंने उस गीत को उक्त लेखक से पुष्टि/सत्यापित कराया है अथवा नहीं?

सातवां सवाल– उक्त गीत से उत्पन्न भावार्थ से समाज पर पड़ने वाले प्रभाव से वह भिज्ञ हैं अथवा नहीं?     

नेहा सिंह राठौर को पुलिस का नोटिस

नेहा सिंह राठौर के समर्थन में विपक्षी दल

नेहा सिंह राठौर को नोटिस भेजने के बाद विपक्षी राजनीतिक पार्टियों ने प्रतिक्रियाएं दी हैं। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने ट्विटर पर नेहा सिंह राठौर के गाने की शैली में लिखकर योगी सरकार पर तंज किया है।

वहीं समाजवादी पार्टी के ट्विटर हैंडल से कहा गया है कि ‘यूपी में का बा’ लोकगायन से बीजेपी सरकार को आईना दिखाने वाली लोकगायिका नेहा सिंह राठौर को बीजेपी शासित योगी सरकार ने पुलिस का नोटिस भेजा है। निश्चित ही बीजेपी सरकार का चेहरा बदसूरत, क्रूर तथा वहशी है। इसीलिए ये सरकार आईने से डरती है और आईना दिखाने वालों को नोटिस/जेल भेजती है। शर्म करे बीजेपी।

उत्तर प्रदेश कांग्रेस ने नेहा सिंह राठौर के खिलाफ नोटिस पर ट्वीट कर कहा है कि “हमनियों के पूछत बानी जा यूपी में का बा..? इन नोटिसों से घबराइएगा मत नेहा राठौर। गले की बाग और कलेजे की आग बरकरार रखिएगा। इस तानाशाही के खिलाफ हम लड़ेंगे और जीतेंगे।”

पूर्व आईपीएस सूर्य प्रताप सिंह ने कहा है कि “गजब की सहिष्णुता है। एक लोकगायिका के गीत से इतना भय। जरा सी बात पर सरकार की भावनाएं आहत हो जाती हैं और मुकदमा हो जाता है। क्या हो अगर किसी दिन जनता की भावनाएं आहत हो जाएं”? 

पत्रकार दीपक शर्मा ने ट्वीट कर कहा है कि “नेहा सिंह राठौर को एक गीत पर नोटिस मिल सकता है तो अदम गोंडवी को तो उम्रकैद होनी चाहिए थी। यही नहीं साहिर, फिराक, नीरज, जोश और जिगर जैसे कई शायर गीतकारों की रचनाओं पर प्रतिबंध लगना चाहिए था। योगी जी संगीत पर बुलडोजर न चलाएं, दो चार घर तो छोड़ दीजिए”।

(जनचौक के विशेष संवाददाता सुशील मानव की रिपोर्ट)

सुशील मानव
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