सोनभद्र जा रही प्रियंका को पुलिस ने लिया हिरासत में, धरने पर बैठीं कांग्रेस महासचिव

नई दिल्ली। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी को शुक्रवार को उस समय हिरासत में ले लिया गया जब वह नरसंहार के पीड़ितों से मिलने के लिए सोनभद्र जा रही थीं। गौरतलब है कि सोनभद्र के उम्भा गांव में दस आदिवासियों को गुर्जर समुदाय के सैकड़ों लोगों ने गोलियों से भून दिया।

बताया जा रहा है कि प्रियंका अभी बनारस से आगे बढ़ी थीं और मिर्जापुर ही पहुंची थीं कि तभी उन्हें रोक दिया गया। पुलिस के रोकने पर उन्होंने अपना विरोध जाहिर किया। प्रियंका का कहना था कि पुलिस को बताना चाहिए कि उन्हें किस कानून के तहत पीड़ितों से मिलने से रोका जा रहा है। अगर प्रशासन ने धारा-144 लगा रखा है तो वह केवल तीन लोगों के साथ घटनास्थल पर जा सकती हैं। उनका कहना था कि इस समय पीड़ितों से मिलना और उनको दिलासा दिलाना बहुत जरूरी है।

पुलिस ने जब उनकी बात नहीं मानी तो वह सड़क पर ही धरना देकर बैठ गयीं। उनके साथ दूसरे कांग्रेसी भी बैठ गए और उन्होंने प्रशासन के खिलाफ नारे लगाने शुरू कर दिए।

इस घटना में 10 लोगों की मौत हो गयी है और 18 से ज्यादा लोग घायल हैं। मुख्य आरोपी यज्ञ दत्त समेत 29 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। साथ ही एडिशनल चीफ सेक्रेटरी के नेतृत्व में एक जांच कमेटी गठित कर दी गयी जिससे 10 दिनों के भीतर रिपोर्ट देने के लिए कहा गया है।

इसके पहले प्रियंका गांधी वाराणसी में उतरीं और सोनभद्र का रुख करने से पहले उन्होंने बीएचयू ट्रौमा सेंटर में घायलों से मुलाकात कीं। कांग्रेस महासचिव को वाराणसी-मिर्जापुर के बार्डर पर रोक दिया गया। उन्हें चुनार गेस्ट हाउस में ले जाया गया जहां वह धरने पर बैठ गयीं।

डिप्टी इंस्पेक्टर जनरल पीयूष कुमार श्रीवास्तव ने पीटीआई को बताया कि प्रियंका गांधी को नरायनपुर के पास रोक कर उन्हें हिरासत में ले लिया गया।

डीआईजी ने बताया कि जिला मजिस्ट्रेट और एसपी उनको सोनभद्र न जाने के लिए मना रहे हैं।

प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक प्रियंका गांधी बेहद खफा थीं। उनका कहना था कि “मेरे उम्र के एक लड़के को गोली लगी है और वह अस्पताल में पड़ा हुआ है। मुझे बताओ किस कानूनी आधार पर मुझे यहां रोका गया है।”

इस बीच राहुल गांधी ने अपनी बहन की गिरफ्तारी को गैरकानूनी करार दिया है।

Janchowk
Published by
Janchowk