जिद पर अड़ी प्रियंका के सामने झुकी योगी सरकार, पीड़ितों से हुई कांग्रेस महासचिव की मुलाकात

नई दिल्ली। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने आज मिर्जापुर स्थिति चुनार गेस्ट हाउस में सोनभद्र नरसंहार के पीड़ितों से मुलाकात की। पीटीआई के मुताबिक पीड़ित परिवारों के 12 सदस्यों से उन्होंने मुलाकात की। गांधी को कल से ही चुनार गेस्ट हाउस में प्रशासन कैद किए हुए है। इससे पहले वह सोनभद्र पीड़ितों से मिलने जा रही थीं तभी रास्ते में प्रशासन ने उन्हें रोक दिया। लेकिन प्रियंका गांधी पीड़तों से मिलने की अपनी जिद पर अड़ी हुई थीं। इसके पहले गांधी ने पूरी रात चुनार किले में ही बितायी।

गौरतलब है कि सोनभद्र के उम्भा गांव में भूमाफिया दबंगों ने 10 आदिवासियों की गोली मार कर हत्या कर दी थी। इस घटना में तकरीबन 28 लोग घायल हैं और उन्हें बीएचयू के ट्रौमा सेंटर में भर्ती कराया गया है। प्रशासन प्रियंका को धारा 144 का हवाला देकर सोनभद्र जाने से मना कर दिया था।

उसके बाद गांधी धरने पर बैठ गयीं। उनका कहना था कि जब तक प्रशासन उन्हें पीड़ितों से मिलवाता नहीं वह वहां से हटने वाली नहीं हैं। हालांकि इस सिलसिले में उन्होंने प्रशासन को कई विकल्प भी दिए। जिसमें पीड़ितों को लाकर किसी दूसरे स्थान पर उनसे मिलवाने की बात शामिल थी। जिसे प्रशासन ने मान लिया।

प्रियंका ने कहा था कि “24 घंटे हो गए हैं। मैं यह स्थान तब तक छोड़कर नहीं जाने वाली हूं जब तक फायरिंग के केस में शामिल सोनभद्र के पीड़ितों से उनकी मुलाकात की इजाजत नहीं देता है।” उसके पहले कांग्रेस महासचिव ने ट्विटर पर एक वीडियो शेयर किया था जिसमें पीड़ितों को रोते-बिलखते देखा जा सकता था। जिसमें उन्होंने लिखा था कि “क्या इनके आंसुओं को पोंछना अपराध है।”

साथ ही प्रियंका ने प्रशासन के सोच के तरीके पर भी सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि “प्रशासन को इनकी रखवाली करनी चाहिए। जब इनके साथ हादसा हो रहा था, मदद करनी चाहिए थी। प्रशासन की मानसिकता मेरी समझ से बाहर है।”

बताया जा रहा है कि प्रियंका और कांग्रेस के कार्यकर्ता गेस्ट हाउस में रात में बने हुए थे लेकिन गेस्टहाउस की पानी और बिजली की सप्लाई काट दी गयी थी। इस मसले पर कांग्रेस नेता राज बब्बर ने ट्वीट कर कहा कि “प्रशासन ने चुनार गेस्ट हाउस में बिजली-पानी की सप्लाई बंद कर दी है।” उन्होंने आगे कहा कि अगर प्रशासन सोचता है कि प्रियंका इन सब चीजों से डर कर वापस चली जाएंगी तो वह भुलावे में है।

इससे पहले देर रात के एक ट्वीट में प्रियंका ने कहा था कि अगर उन्हें पीड़ितों से मिलने की इजाजत नहीं दी गयी तो वह जेल जाने के लिए तैयार हैं। उन्होंने कहा था कि वह पहले ही बता चुकी हैं कि वह पीड़ितों से मुलाकात करने आयी हैं न कि किसी कानून का उल्लंघन करने।

इस बीच दीपेंदर हुडा, मुकुल वासनिक, राज बब्बर, आरपीएन सिंह, जितिन प्रसाद और राजीव शुक्ला को प्रशासन ने वाराणसी में रोक दिया है। ये सब भी सोनभद्र पीड़ितों से मिलने के लिए जा रहे थे।

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