ओमिक्रॉन संक्रमण के मद्देनज़र शिवराज सरकार ने ग्राम पंचायत चुनाव रद्द किया

मध्यप्रदेश की शिवराज सरकार ने रविवार को हुई कैबिनेट बैठक में पंचायत चुनाव रद्द करने का फैसला किया। ऐसा उन्होंने कोरोना के नए ओमिक्रॉन वेरिएंट के बढ़ते प्रकोप के मद्देनज़र किया है। मध्यप्रदेश सरकार ने यह फैसला राज्य में ओमिक्रॉन के 8 मामलों के सामने आने के बाद लिया है।

कैबिनेट की मुहर लगने के बाद इस प्रस्ताव को राज्यपाल के पास भेजा जाएगा। राज्यपाल से स्वीकृति मिलने के बाद पंचायत चुनाव वाला अध्यादेश निरस्त हो जाएगा।

मध्यप्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा पंचायत चुनाव नहीं कराए जाने के पक्ष में थे। उन्होंने रविवार को भी पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि प्रदेश में ओमिक्रॉन के मामले सामने आए हैं। इसलिए इन परिस्थितियों में पंचायत चुनाव नहीं कराया जाना चाहिए। बीते दिनों भी उन्होंने कहा था कि चुनाव ज़िंदगी से बढ़कर नहीं है, इसलिए चुनाव टाला जाना चाहिए। कोरोना काल में हुए पंचायत चुनावों को लेकर पिछला अनुभव ठीक नहीं रहा है, इसलिए मेरी राय है कि कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए पंचायत चुनाव को टाल देना चाहिए।

गौरतलब है कि मध्यप्रदेश में पंचायत चुनाव के पहले और दूसरे चरण के लिए नामांकन प्रक्रिया शुरू हो चुकी थी। पंचायत चुनाव तीन चरणों में संपन्न कराया जाना था। पहले जारी अधिसूचना के अनुसार अगले साल की 6 जनवरी को पहले चरण के लिए मतदान होना था। इसके बाद दूसरे और तीसरे चरण का मतदान 28 जनवरी और 16 फ़रवरी को होना था।  राज्य के 22 हजार 695 ग्राम पंचायतों के लिए होने वाले चुनाव में करीब 71 हजार 398 पोलिंग बूथ बनाए जाने की योजना थी।

रविवार को मध्यप्रदेश के गृहमंत्री ने जानकारी देते हुए बताया कि विदेश से आए करीब 3000 लोगों में 26 कोरोना संक्रमित पाए गए। इनमें से 8 ओमिक्रॉन के मरीज थे। हालांकि 8 में से 6 मरीज ठीक होकर अपने घर जा चुके हैं। बाकी दो लोगों का इलाज चल रहा है।

बता दें कि मध्यप्रदेश में पिछले 24 घंटे में कोरोना के 41 मामले सामने आए हैं। इनमें से सबसे ज्यादा मामले भोपाल और इंदौर में दर्ज किए गए हैं। बीते 24 घंटे में इंदौर में 19 कोरोना पॉजिटिव मिले हैं और भोपाल से 11 मामले सामने आए हैं। राज्य में अभी भी 252 एक्टिव मामले हैं।

उत्तर प्रदेश ग्राम पंचायत चुनाव दूसरी लहर का कारण बना था

इससे पहले मार्च अप्रैल 2021 में उत्तर प्रदेश में हुये ग्राम पंचायत चुनावों के चलते कोरोना की दूसरी लहर का विस्फोट हुआ था। और प्रदेश का ऐसा कोई गांव नहीं बचा था जहां कोरोना ने दस्तक न दी हो।

इलाहाबाद हाई कोर्ट ने दी विधानसभा चुनाव टालने की राय

दो दिन पहले इलाहाबाद हाई कोर्ट ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चुनाव आयुक्त को सलाह दी थी कि वह आगामी यूपी विधानसभा चुनाव में राजनीति पार्टियों की ओर से भीड़ एकत्रित कर चुनावी रैलियों पर रोक लगाए, ताकि जनता को कोरोना की तीसरी लहर से बचाया जा सके।

हाईकोर्ट ने राजनीतिक पार्टियों द्वारा चुनाव प्रचार टीवी और समाचार पत्रों के माध्यम से करने की अपील की है। इलाहाबाद हाईकोर्ट जज शेखर कुमार यादव ने प्रधानमंत्री मोदी से अनुरोध किया है कि वह पार्टियों की चुनावी सभाएं और रैलियों को रोकने के लिए कड़े कदम उठाएं। साथ ही चुनाव टालने पर भी विचार करें, क्योंकि जान है तो जहान है।

दरअसल समय खुद को दोहरा रहा है। पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। सभी राजनीतिक दल ताबड़तोड़ रैलियां कर रहे हैं और कोरोना का नया वैरियंट ओमिक्रॉन तेजी से पांव पसार रहा है। ठीक इसी समय पिछले साल पांच राज्यों में विधानसभा चुनावों में मोदी शाह की ताबड़तोड़ रैलियों और रोड शो के बूते कोरोना की दूसरी लहर में डेल्टा वैरिएंट ने देश भर में जमकर क़हर बरपाया था।

(जनचौक ब्यूरो की रिपोर्ट।)

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