प्रशांत भूषण को कल सुनाई जाएगी सजा

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस अरुण मिश्रा की अध्यक्षता वाली तीन जजों की बेंच कल वकील और सिविल राइट्स एक्टिविस्ट प्रशांत भूषण के लिए सजा की मात्रा की घोषणा करेगी। प्रशांत भूषण को सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस के खिलाफ ट्वीट की अवमानना के मामले में दोषी करार दिया गया था। कल कोर्ट सजा की मात्रा का ऐलान करेगी।

प्रशांत भूषण ने कोर्ट के सामने माफी मांगने से इंकार कर दिया था। उनको एक महंगी बाइक पर सवार चीफ जस्टिस एसए बोबडे की फोटो पर ट्वीट करने के जरिये कोर्ट की अवमानना का दोषी करार देकर दंडित किया गया है। प्रशांत का कहना था कि ट्वीट उनका जायज विचार था।

पिछली सुनवाई के दौरान कोर्ट ने एक बार फिर प्रशांत को माफी मांगने के लिए विचार का मौका दिया था और उसके लिए पहले के तीन दिनों के अलावा कोर्ट की कार्यवाही के आखिरी मौके पर सोचने के लिए अलग से 30 मिनट का समय दिया था। लेकिन प्रशांत और उनके वकील राजीव धवन ने अपने रुख पर कायम रहने और माफी न मांगने का फैसला किया। हालांकि कोर्ट ने इस पर अचरज जाहिर किया। जस्टिस मिश्रा ने कहा कि आपने किसी को चोट पहुंचायी है, और आप को उसे ठीक करना चाहिए।

जस्टिस मिश्रा ने कहा कि “माफी मांगने में गलत क्या है? क्या यह एक पाप है?  क्या वह आपके भीतर अपराधबोध को प्रदर्शित करेगा? माफी शब्द एक जादू है जो लोगों के घावों को भर सकता है। आप सभी महात्मा गांधी की श्रेणी में पहुंच जाएंगे अगर आप माफी मांग सकते हैं तो।”

एटॉर्नी जरनल केके वेणुगोपाल ने कोर्ट से भूषण को सजा न देने की गुजारिश की थी। उन्होंने कहा कि कोर्ट के सामने यह मौका है कि वह दयालुता दिखा कर अपनी महानता को और ऊंचा कर ले।

वरिष्ठ एडवोकेट और प्रशांत भूषण के वकील राजीव धवन ने कोर्ट को सलाह दी थी कि उनके मुवक्किल को सजा देकर ‘शहीद’ न बनाए। उन्होंने कहा कि जिस बात की जरूरत थी वह दया नहीं बल्कि न्यायिक स्टेट्समैनशिप थी।

अपनी सजा की सुनवाई के दौरान 20 अगस्त को भूषण ने महात्मा गांधी के बयान को कोट करते हुए कह था कि वह कोर्ट से न तो दया और न ही उदारता की उम्मीद करते हैं। उसके बावजूद कोर्ट ने उन्हें बगैर शर्त की माफी मांगने पर विचार करने के लिए 24 अगस्त तक का समय दिया था। उसके बाद अगली और आखिरी सुनवाई के दौरान प्रशांत भूषण ने कोर्ट से कहा कि अगंभीर माफी उनके अंत:करण और उस संस्था जिसको उन्होंने सबसे ज्यादा मान दिया है, दोनों की अवमानना के बराबर है।  

Janchowk
Published by
Janchowk