न्यूज़क्लिक के एडिटर-इन-चीफ प्रबीर पुरकायस्थ और एचआर हेड अमित गिरफ्तार, बाकी सभी पत्रकार छूटे

नई दिल्ली। दिन भर चली छापेमारी, इलेक्ट्रॉनिक सामानों की जब्ती और स्पेशल सेल में न्यूज़़क्लिक के पत्रकारों से पूछताछ के बाद आखिर में दिल्ली पुलिस ने दो लोगों को गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तार किए गए इन दोनों लोगों में न्यूज़क्लिक के एडिटर-इन-चीफ प्रबीर पुरकायस्थ औऱ एचआर हेड अमित चक्रवर्ती शामिल हैं। इससे पहले आज न्यूज़क्लिक के दफ्तर को दिल्ली पुलिस ने सील कर दिया। उधर इंडिया गठबंधन ने एक बयान जारी कर न्यूजक्लिक पर मारे गए इस छापे की निंदा की है।

दिल्ली पुलिस द्वारा स्पेशल सेल में पूछताछ के लिए लाए गए सभी पत्रकारों को छोड़ दिया गया है। इनमें वरिष्ठ पत्रकार उर्मिलेश, अभिसार शर्मा, परंजय गुहा ठाकुरता, अनिंद्यो सेन और उबैद समेत तमाम न्यूजक्लिक के पत्रकार शामिल हैं। 

दि क्विंट की एक रिपोर्ट के मुताबिक यह रेड 46 लोगों के ठिकानों पर पड़ी थी। जिसमें उपरोक्त पत्रकारों के अलावा भाषा सिंह, मुकुल सरल, बप्पा सिन्हा समेत कई पत्रकार शामिल हैं।

स्पेशल सेल से छूटने के बाद वरिष्ठ पत्रकार परंजय गुहा ठाकुरता ने मीडिया को बताया कि “आज सुबह 6.30 बजे नौ पुलिसकर्मी मेरे गुड़गांव स्थित आवास पर पहुंचे और पूछताछ शुरू कर दी। उन्होंने मुझसे ढेर सारे सवाल पूछे। मैं उनके साथ खुद दिल्ली पुलिस के स्पेशल सेल में आया। उन्हीं सवालों को बार-बार पूछा गया। क्या मैं न्यूज़क्लिक का कर्मचारी हूं..मैंने कहा कि नहीं, मैं एक कंसल्टेंट हूं…..यहां आने के बाद मैंने पाया कि यूएपीए के तहत एफआईआर दर्ज की गयी है”। 

रिहा होने के बाद रास्ते में जब पीटीआई और एएनआई के रिपोर्टरों ने ठाकुरता से कुछ सवाल पूछे तो उन्होंने व्यंग्यात्मक लहजे में कहा कि “मोदी जी महान हैं….और-और पूछिए…मोदी जी भगवान के अवतार हैं।”

अभिसार शर्मा और वरिष्ठ पत्रकार उर्मिलेश को भी पुलिस ने छोड़ दिया। रास्ते में अपनी गाड़ियों से लौटते समय पत्रकारों ने जब उनसे कुछ पूछने की कोशिश की तो उन्होंने उसका जवाब नहीं दिया। उर्मिलेश ने कहा कि अभी कुछ नहीं बोलूंगा।

इंडिया गठबंधन ने अपने बयान में कहा है कि हम पूरी मजबूती से मीडिया और संविधान के तहत संरक्षित बोलने की आजादी के साथ खड़े हैं। पिछले नौ सालों में बीजेपी सरकार जानबूझकर जांच एजेंसियों को लगाकर बीबीसी, न्यूजलांड्री, दैनिक भास्कर, भारत समाचार, कश्मीर वाला, वायर और सबसे हाल में न्यूज़क्लिक के पत्रकारों को डराने और धमकाने का काम किया। और इस तरह से बीजेपी सरकार ने मीडिया को अपने भोपू में बदलने का पूरा प्रयास किया।

पत्रकारों के यहां छापे पर गहरी चिंता जाहिर करते हुए एडिटर्स गिल्ड आफ इंडिया ने इसे मीडिया को दबाने का एक और प्रयास करार दिया है। गिल्ड ने अपने बयान में कहा है कि वरिष्ठ पत्रकारों के घरों पर छापे से वह बेहद चिंतित है।

गिल्ड ने कहा कि उनके लैपटाप, मोबाइल फोन और दूसरी डिवाइसेज को जब्त कर लिया गया है। वरिष्ठ पत्रकारों को सवाल पूछने के लिए दिल्ली पुलिस ने अपनी कस्टडी में ले लिया है।

बयान में आगे कहा गया है कि ईजीआई इस बात को लेकर चिंतित है कि यह छापा मीडिया को दबाने का एक और प्रयास है। हालांकि हम लोग इस बात को चिन्हित करते हैं कि अगर सचमुच में कोई अपराध हुआ है तो कानून को अपना काम करना चाहिए और ड्यू प्रासेस का पालन किया जाना चाहिए। 

एक जिंदा लोकतंत्र के भीतर स्वतंत्र मीडिया के महत्व के बारे में एक बार फिर से हम सरकार को याद दिलाना चाहते हैं। और उससे इस बात की अपील करते हैं कि वह चौथे खंभे के सम्मान, पोषण और उसकी रक्षा को सुनिश्चित करे।

सीपीएम के महासचिव सीताराम येचुरी ने पुरकायस्थ की काले कानून यूएपीए के तहत गिरफ्तारी की कड़े शब्दों में निंदा की है। उन्होंने कहा कि भीमा कोरेगांव के लोगों के यूएपीए के तहत गिरफ्तारी के चार साल हो गए लेकिन उनके खिलाफ अभी भी चार्जेज फ्रेम नहीं हो पाए।

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