राहुल गांधी ने पीएम को लिखा पत्र, नये म्यूटेंट पर शोध और टीकाकरण को बताया जरूरी

कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को देश भर में फैली कोविड महामारी को लेकर पत्र लिखा है। इसमें उन्होंने प्रधानमंत्री का ध्यान कुछ महत्वपूर्ण मुद्दों की तरफ दिलाते हुए पूर्ण सहयोग का आश्वासन भी दिया है। यहां प्रस्तुत है उनका पूरा पत्र। -संपादक

7 मई, 2021

श्री नरेन्द्र मोदी,
माननीय प्रधानमंत्री,
भारत सरकार।

प्रिय प्रधानमंत्री महोदय,
मैं एक बार फिर आपको पत्र लिखने के लिए विवश हुआ हूँ, क्योंकि कोरोना की सुनामी आज भी निर्बाध रूप से देश में तबाही मचा रही है।

ऐसे अभूतपूर्व संकट की घड़ी में, भारत के लोग आपकी सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए। मैं आपसे आग्रह करता हूँ कि आप अपनी शक्तियों का उपयोग करते हुए वो सब प्रयास करें, जिससे हमारे लोगों को होने वाली अनावश्यक पीड़ा से उन्हें बचाया जा सके।

लेकिन इस वैश्विक और आपसी सूत्र में बंधी दुनिया में भारत के लिए अपना उत्तरदायित्व समझना भी महत्वपूर्ण है।

दुनिया के हर छह लोगों में से एक व्यक्ति भारतीय है। इस महामारी से अब यही पता चला है कि हमारा आकार, आनुवांशिक विविधता और जटिलता से भारत में इस वायरस को अपने स्वरूप बदलने तथा अधिक खतरनाक स्वरूप में सामने आने के लिए बहुत ही अनुकूल माहौल मिला है। मुझे डर है कि जिस डबल म्यूटेंट और ट्रिपल म्यूटेंट को हम देख रहे हैं, वह केवल एक शुरूआत भर हो सकती है।

देश में इस वायरस को अनियंत्रित रूप से फैलने देना, हमारे देश के लोगों के लिए ही नहीं, बल्कि सारे विश्व के लिए विनाशकारी सिद्ध होगा।

इसलिए यह नितांत महत्वपूर्ण है कि हम विभिन्न तात्कालिक मुद्दों के समाधान की ओर अविलंब रूप से ध्यान दें। आवश्यक रूप से:-
· हमें जीनोम सिक्वेंसिंग तथा रोग के पैटर्न का उपयोग करते हुए देश भर में वायरस और उसके म्यूटेशन्स को वैज्ञानिक रूप से चिन्हित करना होगा।
· पहचाने जा चुके सभी म्यूटेशन्स के मामले में उपलब्ध टीकों के प्रभाव का आकलन किया जाए।
· हमारी समस्त आबादी का तेजी से टीकाकरण हो।
· पारदर्शी तरीके से कार्य करते हुए इस महामारी से संबंधित हमारे निष्कर्षों के प्रति शेष विश्व को सूचित करते रहें।

आपकी सरकार के पास एक स्पष्ट और सुसंगत कोविड और टीकाकरण नीति के अभाव और ऐसे समय में जब यह बीमारी तेजी से फैल रही थी, उस हालत में, समय से पहले अपनी जीत का डंका बजाने ने भारत को एक बहुत ही खतरनाक स्थिति में लाकर खड़ा कर दिया है। आज यह बीमारी विस्फोटक रूप से बढ़ रही है। वर्तमान में यह स्थिति हमारे सिस्टम पर भारी पड़ने के कगार पर है। भारत सरकार की विफलता ने आज राष्ट्रीय स्तर पर एक और विनाशकारी लॉकडाउन को अपरिहार्य बना दिया है। 

इन तथ्यों के आलोक में, यह महत्वपूर्ण है कि हमारे लोग ऐसी संभावित परिस्थितियों के लिए तैयार रहें। पिछले साल के लॉकडाउन के कारण होने वाली अथाह तकलीफों की पुनरावृत्ति को रोकने के लिए, सरकार को सह्रदयतापूर्वक ढंग से कार्य करते हुए हमारे सबसे कमजोर वर्ग के लोगों को जरूरी वित्तीय और खाद्य सहायता प्रदान करनी चाहिए। इसके अतिरिक्त, उन लोगों के लिए एक परिवहन रणनीति भी तैयार की जानी चाहिए, जिन्हें इसकी आवश्यकता हो सकती है।

मुझे पता है कि आप लॉकडाउन के आर्थिक प्रभाव के बारे में चिंतित हैं। इस वायरस को भारत के अंदर और बाहर अपना विनाश जारी रखने की अनुमति देने के त्रासदीपूर्ण परिणाम होंगे और उसकी मानवीय लागत आपके सलाहकारों द्वारा सुझाई गई किसी भी आर्थिक गणना से अधिक होगी।

संकट के समय में, विभिन्न भागीदारों को विश्वास में लेना चाहिए ताकि हम सभी मिलकर भारत की सुरक्षा कर सकें। एक बार फिर, मैं आपको इस क्रूर महामारी के खिलाफ लड़ाई में हमारे समर्थन का आश्वासन देता हूं।

कृपया इन जरूरी और समयोचित सुझावों पर विचार करें।

साभार,
राहुल गांधी

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