ट्विटर पीड़ित ‘अबला मर्द’ रवि शंकर प्रसाद के समर्थन में चलाया गया हैशटैग

कल ट्विटर द्वारा घंटे भर के लिये आईटी व क़ानून मंत्री रवि शंकर प्रसाद को उनके अपने ट्विटर एकाउंट पर एक्सेस रोकने पर भक्तों द्वारा उनके समर्थन में ट्विटर पर हैशटैग #StandWithRSPrasad चलाया गया। इससे भी ज़्यादा शर्मनाक ये है कि इसे भोपाल कांग्रेस और दिलीप मंडल द्वारा भारत सरकार का अपमान बताया गया। जिस ट्विटर ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के ट्विटर एकाउंट को स्थायी रूप से बंद कर दिया, उसने कॉपी राइट पर भारत सरकार के एक मंत्री का घंटे भर एक्सेस रोक दिया तो इतनी हाय तौबा क्यों?

वहीं सचेतन नागरिकों ने ट्विटर द्वारा एकाउंट एक्सेस से रोके जाने की घटना पर मंत्री महोदय को आईना दिखाया है। उनको लेकर ट्विटर पर तरह तरह के मीम भी साझा किये गये।

गौरतलब कि सरकार अपने खिलाफ़ लिखने, बोलने और कॉर्टून बनाने वालों के ट्विटर एकाउंट सस्पेंड करने के लिये समय-समय पर ट्विटर इंडिया को निर्देश देती आयी है। और इतना ही नहीं निर्देश मानने के जुर्म में 16 जून को केंद्र सरकार ने ट्विटर का इंटरमीडियरी दर्ज़ा छीन लिया। और 16 जून को ही अब्दुल समद वीडियो मामले में ट्विटर इंक और ट्विटर कम्यूनिकेशन इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के खिलाफ़ एफआईआर दर्ज़ कराया गया है। इससे पहले 24 मई सोमवार को दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने ट्विटर इंडिया के दिल्ली और गुड़गांव दफ़्तर में छापेमारी की थी।   

किसान नेता हंसराज मीणा ने रवि शंकर प्रसाद को सनकी तानाशाही याद दिलाते हुये लिखा है – “किसानों की आवाज़ उठा रहे मेरे समेत 250 ट्विटर खातों को आपने 1 फरवरी को अनिश्चितकालीन समय के लिए बंद करवा दिया था। याद है या भूल गए? तब आप खुश हो रहे थे क्योंकि आपका एजेंडा चल रहा था। आज आपका एकाउंट ब्लॉक हुआ तो आपको बहुत बुरा लग रहा है। मुझे आप पर दया आती है। खेद व्यक्त करता हूँ।”

अधिवक्ता, लेखक संजुक्ता बसु ने उनके ट्वीट के कमेंट बॉक्स में सवाल करते हुये कि हम किस पर भरोसा करें सरकार पर या ट्विटर पर लिखा है –“श्री प्रसाद, क्षमा करें आपके साथ ऐसा हुआ। इस तरह की चीजों का हम हर समय सामना कर रहे हैं। ट्विटर ने मेरे सहित लगभग 250 खातों को अवरुद्ध कर दिया और विडंबना यह है कि यह सरकार के आदेश पर था। क्या था सरकार का एजेंडा? क्या तुम समझा सकते हो? हमें कैसे पता चलेगा कि किस पर अधिक सरकार या ट्विटर पर भरोसा किया जाए?”

वरिष्ठ पत्रकार दीपक शर्मा ने उनके ट्विटरबाजी के शौक़ पर तंज कसते हुये लिखा है –“ रवि शंकर जी, बेहद चौंकाने वाली बात है कि आपके ट्विटर का एक्सेस रोका गया। एक घंटे तक आप कितना परेशान हुए होंगे ? कितनी बेचैनी होगी? पर शुक्र है अब सब कुछ सही सलामत है। सोचिए,  बीते महीने उन लोगों का दिल्ली में क्या हाल होगा जिनका ऑक्सीजन का एक्सेस चला गया था  ?”

पत्रकार दिलीप मंडल ने कई ट्वीट किये हैं। एक ट्वीट में वो जहां इसे भारत सरकार का अपमान बताते हैं वहीं अन्य ट्वीट में रवि शंकर प्रसाद से मजा लेते हुये तंज कर लिखा है –“हम आपके साथ हैं। हमने हमेशा कमजोर और सताए हुए लोगों का समर्थन किया है। चरम अपमान के इन क्षणों में रविशंकर प्रसाद का साथ दीजिए। निर्बल का साथ दीजिए।

मंडल ने दूसरे ट्वीट में लिखा-“सैनिक बॉर्डर पर संघर्ष कर रहे हैं और इनका एक घंटा ट्विटर नहीं चला तो 7 ट्वीट लिख दिये। सांस अटक गई थी इनकी। भाषा देखिए- “They allowed me to access the account. फिर भी, कानून मंत्री का अपमान, नहीं सहेगा हिंदुस्थान।  #StandWithRSPrasad।

अभिषेक नामक ट्विटर हैंडलर ने लिखा – “ऐसा नहीं करना चाहिए था .. विरोध में सब भक्तों को आज का सूरज डूबने से पहले ट्विटर छोड़ देना चाहिये।”

एनिहिलेशन ऑफ कास्ट हैंडिल से लिखा गया –“एक अबला मरद सबसे नदारद। #StandWithRSPrasad”

द स्किन डॉक्टर हैंडलर ने जले पर नमक छिड़कते हुये लिखा – “ऐसा नहीं होना चाहिये था सर। चेतावनियों पर चेतावनी देने के बावजूद वे बेतुकी बातों पर आपका एकाउंट कैसे बंद कर सकते हैं? कृपया इसे टॉलरेट न करें। एक प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाएं और जैक को नैतिक आधार पर इस्तीफा देने के लिए कहें।”

वहीं कमल किशोर उपाध्याय ने सरकार के गुरूर पर मूत्र विसर्जन करते हुये लिखा है –“मैं जैक और ट्विटर का प्रशंसक बन गया हूं, जरा देखिए कि वे लोकतांत्रिक रूप से चुनी गई पूर्ण बहुमत वाली सरकार के अधिकार को कितनी आसानी से चुनौती दे रहे हैं और सरकार सूचना प्रसारण मंत्रालय और रवि प्रसाद नोटिस लिखने/भेजने के अलावा कुछ नहीं कर सकती है।”

वहीं मोगैंबो नामक हैंडलर ने उन्हें टैग करके पूछा है – “चुल्लू भर पानी तो होगा ही आपके पास रवि शंकर प्रसाद जी।” 

रिटायर्ड मेजर जनरल हर्ष काकर ने लिखा है – “रोना छोड़ो। बल पूर्वक उत्तर दें। यदि आप नहीं कर सकते, तो छोड़ दें। कुछ और भी हैं जो कार्रवाई कर सकते हैं। कोई बहाना नहीं। या तो कार्रवाई करो, हिम्मत दिखाओ या बस छोड़ दो। हम आपको याद नहीं करेंगे”।

अनीता रेड्डी नामक ट्विटर हैंडलर ने उनका पानी उतारते हुये लिखा है-“ रवि प्रसाद अभी भी ट्विटर पर क्यों हैं? उनको अब koo पर होना चाहिये था? क्या भाजपा के इन नेताओं का कोई स्वाभिमान नहीं है?”

क्या है पूरा मामला

 गौरतलब है कि माइक्रोब्‍लॉगिंग साइट ट्विटर ने शुक्रवार को केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद का अकाउंट करीब एक घंटे तक ‘लॉक’ रखा। इसके पीछे कंपनी ने अमेरिका के डिजिटल मिलेनियम कॉपीराइट एक्ट के उल्लंघन को कारण बताया। घंटे भर बाद दोबारा उसने प्रसाद का ट्विटर अकाउंट ‘अनलॉक’ किया। सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री इसे लेकर ट्विटर पर जमकर बरसे उन्‍होंने कहा कि यह मनमानी की हद है। इससे पता चलता है कि क्यों वह नए आईटी नियमों का पालन नहीं करना चाहती है।

बता दें कि DMCA अमेरिका का एक कॉपीराइट एक्ट है। जिसे अक्टूबर 1998 में उस समय के अमेरिकी राष्ट्रपति बिल क्लिंटन द्वारा लागू किया गया था। पूर्व राष्ट्रपति ने तब कहा था कि इस कानून को किसी कंटेंट चोरी होने से बचाने के लिए बनाया गया है। साथ ही चोरी होने पर आरोपी के ख़िलाफ़ कार्रवाई करने में मदद करना भी है। इस क़ानून के तहत सभी तरह के डिजिटल कंटेंट जैसे- ऑडियो, वीडियो और टेक्स्ट आते हैं। 

इंडिया टुडे की एक रिपोर्ट के मुताबिक 16 दिसंबर 2017 को रविशंकर प्रसाद ने विजय दिवस पर एक ट्वीट किया था। जिसे ट्विटर ने हटाते हुये उन्हें घंटे भर के लिये ब्लॉक कर दिया।  इस ट्वीट में रविशंकर प्रसाद ने लिखा था विजय दिवस के मौके पर शहीदों और वॉर फाइटर्स को श्रद्धांजलि दी थी जिन्होंने 1971 वॉर में देश को जीत दिलाई।

इस ट्वीट के फोटो-वीडियो को लेकर कॉपीराइट का मामला हो सकता है, फिलहाल ये स्पष्ट नहीं है। इस ट्वीट में उन्होंने शायद एक वीडियो या फोटो लगाई थी और इस तस्वीर या वीडियो को लेकर किसी ने ट्विटर से कॉपीराइट की शिक़ायत की है और जिस पर ट्विटर ने एक्शन लेते हुए इस ट्वीट को हटा लिया और मंत्री का अकाउंट एक घंटे के लिए लॉक कर दिया था। 

लुमेन (Lumen) वेबसाइट के मुताबिक रविशंकर प्रसाद के इस ट्वीट में सोनी म्यूजिक इंटरनेशनल का एक गाना मां तुझे सलाम यूज किया गया था। इसे लेकर DMCA के तहत किसी ने कॉपीराइट उल्लंघन की शिक़ायत की थी।

घंटे भर ल़ॉक के बाद अकाउंट ‘अनलॉक’ हुआ तो रवि शंकर प्रसाद ट्विटर पर जमकर बरसे। उन्‍होंने ट्वीट करते हुये उसे साझा किया और लिखा- “दोस्तों! आज कुछ बहुत ही अनोखा हुआ। ट्विटर ने लगभग एक घंटे तक मेरे एकाउंट तक मुझे एक्‍सेस देने से इनकार कर दिया। इसके पीछे वजह अमेरिका के डिजिटल मिलेनियम कॉपीराइट एक्ट का उल्लंघन बताई गई। बाद में उसने मुझे खाते तक एक्‍सेस दिया।”

उन्होंने कई ट्वीट की सिरीज में लिखा कि – “इसके अलावा अब यह साफ है कि ट्विटर नए आईटी नियमों का पालन करने से इंकार क्यों कर रही है। इसकी वजह यह है कि अगर कंपनी ऐसा करती है, तो वह किसी व्यक्ति के खाते तक पहुंच से मनमाने ढंग से इंकार करने में असमर्थ हो जाएगी जो उसके एजेंडे के अनुरूप नहीं है।”

रवि शंकर प्रसाद ने आगे लिखा कि – “यही नहीं, पिछले कई वर्षों में किसी भी टेलीविजन चैनल या किसी एंकर ने सोशल मीडिया पर साझा किए गए मेरे साक्षात्कारों के इन समाचार क्लिप के संबंध में कॉपीराइट उल्लंघन के बारे में कोई शिकायत नहीं की है।”

उन्होंने अगले ट्वीट में लिखा-“ट्विटर की कार्रवाई से संकेत मिलता है कि वह स्वतंत्र अभिव्‍यक्ति की पक्षधर नहीं है जिसका वह दावा करती है। अलबत्‍ता उसका केवल अपना एजेंडा चलाने में रुचि है। इसमें यह धमकी भी है कि अगर आप उसकी खींची गई रेखा को लांघते हैं तो वह आपको अपने मंच से मनमाने ढंग से हटा देगी। प्रसाद बोले कि चाहे कोई भी प्लेटफॉर्म हो, उसे नए आईटी नियमों का पूरी तरह से पालन करना होगा और उस पर कोई समझौता नहीं होगा।”

वहीं, ट्विटर के प्रवक्‍ता ने सफाई में कहा कि उसने डिजिटल मिलेनियम कॉपीराइट एक्‍ट (DMCA) नोटिस के कारण केंद्रीय मंत्री के अकाउंट के एक्‍सेस को अस्‍थायी रूप से रोका था। इसके बारे में उसे शिकायत मिली थी। कंपनी की कॉपीराइट पॉलिसी के अनुसार कॉपीराइट ओनर्स या उनके अधिकृत प्रतिनिधियों की ओर से भेजी गई वैध कॉपीराइट शिकायतों का जवाब दिया जाता है।

सरकार के लोग ट्विटर के निशाने पर 

इससे पहले ट्विटर ने उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू व आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के एकाउंट से ब्लू टिक हटा चुका है। वहीं गृहमंत्री अमित शाह के एकाउंट को भी ट्विटर ने 12 नवंबर को कुछ समय के लिए लॉक कर दिया था। हालांकि, कुछ ही समय बाद ट्विटर ने गृह मंत्री शाह का अकाउंट चालू कर दिया था। अब इस मसले पर ट्विटर ने सफाई दी है।

ट्विटर ने अमित शाह का अकाउंट लॉक किए जाने के पीछे अपनी वैश्विक कॉपीराइट नीति को वजह बताया है। ट्विटर की तरफ से बयान जारी कर कहा गया है कि अमित शाह के अकाउंट को अनजानी त्रुटि के कारण अस्थायी रूप से बंद किया गया था। 

 (जनचौक के विशेष संवाददाता सुशील मानव की रिपोर्ट।)

सुशील मानव
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