मुंह के बल गिरी अर्थव्यवस्था, जीडीपी विकास दर घटकर हुई 4.5 फीसदी

नई दिल्ली। जीडीपी विकास दर में ऐतिहासिक गिरावट दर्ज की गयी है। दूसरी तिमाही यानी जुलाई से सितंबर के बीच यह दर घटकर 4.5 फीसदी रह गयी है। पहली तिमाही में जीडीपी की विकास दर 5 फीसदी थी। 2018-19 में इसी समय यह 7.1 फीसदी हुआ करती थी। इसके पीछे प्रमुख वजह मैनुफैक्चरिंग सेक्टर में आयी गिरावट, उपभोक्ता सामानों की मांग में कमी, निर्यात में गिरावट तथा निवेश में बड़े पैमाने पर कमी को जिम्मेदार बताया जा रहा है।

इकोनोमिक टाइम्स के मुताबिक मौजूदा आंकड़ा पिछली 26 तिमाहियों से भी कम है। सबसे बड़ा झटका बिजली क्षेत्र को लगा है। इसकी विकास दर 12.4 फीसदी से घटकर -3.7 फीसदी हो गयी है।

आज जारी आंकड़े सरकार के लिए बेहद परेशानी खड़े करने वाले हैं। कल राज्यसभा में अर्थव्यवस्था पर हुई बहस के दौरान वित्तमंत्री निर्मला सीतारमन ने कहा था कि यह बात सही है कि विकास दर में गिरावट आयी है लेकिन उसे मंदी नहीं कहा जा सकता है। उन्होंने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था का आधार बहुत मजबूर है लिहाजा अर्थव्यवस्था इन तात्कालिक संकटों से उबरन में कामयाब हो जाएगी।

लेकिन वित्तमंत्री का यह भरोसा लोगों के गले नहीं उतर रहा है। क्योंकि सरकार के पास न तो ऐसी कोई योजना है और न ही उसके लिए कोई अलग से प्रयास होता दिख रहा है।

बीजेपी सांसद और हार्वर्ड प्रोडेक्ट सुब्रमण्यम स्वामी ने वित्तमंत्री निर्मला सीतारमन पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने कहा है कि वित्तमंत्री को अर्थशास्त्र बिल्कुल नहीं आता है।

हफिंग्टनपोस्ट को दिए एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि “क्या तुम जानती हो आज असली विकास दर क्या है? वो कह रहे हैं कि यह 4.8 फीसदी से नीचे आ रही है। मैं कह रहा हूं कि यह 1.5 फीसदी है।”

सीतारमन के बारे में बोलते हुए उन्होंने कहा कि क्या तुमने उस प्रेस कांफ्रेंस को देखी है जिसमें वह उत्तर देने के लिए माइक को नौकरशाह को दे रही हैं। उन्होंने कहा कि आज देश में क्या समस्या है? मांग में कमी। पूर्ति समस्या नहीं है। लेकिन वह क्या की? उन्होंने कारपोरेट को टैक्स में छूट दिए। कारपोरेट्स सप्लाई से भरे हुए हैं। वो केवल उसे अपने कर्जे को खत्म करने में इस्तेमाल करेंगे। और उन्होंने यही किया भी।

उन्होंने कहा कि समस्या का एक दूसरा हिस्सा यह है कि पीएम मोदी के सलाहकार उन्हें सच्चाई बताने से डरते हैं।

स्वामी ने कहा कि “पीएम मोदी को इसके बारे में कुछ नहीं पता है। उन्हें बिल्कुल आश्चर्यजनक विकास दर के बारे में बताया गया है। उन्होंने मोदी के बारे में कहा कि वह मुझे नहीं चाहते हैं। वह नहीं चाहते हैं कि कोई मंत्री मुझसे बात भी करे। न केवल सार्वजनिक रूप से बल्कि प्राइवेट कैबिनेट की बैठकों में भी”।

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