आरटीआई पर सोनिया गांधी ने लिखा खुला खत, कहा- ऐतिहासिक कानून को खत्म करने पर आमादा है केंद्र

नई दिल्ली। कांग्रेस संसदीय दल की चेयरपर्सन सोनिया गांधी ने आरटीआई एक्ट में केंद्र सरकार द्वारा किए जा रहे बदलाव पर कड़ा एतराज जाहिर करते हुए एक खुला पत्र लिखा है। जिसमें उन्होंने सरकार पर आरटीआई एक्ट को खत्म करने की साजिश का आरोप लगाया है।

कांग्रेस संसदीय दल के पैड पर लिखे गए इस पत्र में उन्होंने कहा है कि “यह बेहद चिंता का विषय है कि केंद्र सरकार ऐतिहासिक सूचना अधिकार (आरटीआई) कानून, 2005 को पूरी तरह से ध्वस्त करने पर आमादा है। यह कानून जो व्यापक स्तर पर संपर्कों और आम सहमति से तैयार होने के बाद संसद से पारित किया गया था, अब खात्मे के कगार पर है।”

उन्होंने आगे कहा कि “पिछले दशक में हमारे देश के 60 लाख से भी ज्यादा पुरुष और महिलाओं ने आरटीआई का इस्तेमाल किया है और इसने प्रशासन में हर स्तर पर पारदर्शिता और जवाबदेही की संस्कृति को बढ़ाने में मदद की है।” “नतीजे के तौर पर हमारे लोकतंत्र की नींव बेपनाह रूप से मजबूत हुई है। आरटीआई एक्टिविस्टों और दूसरों के द्वारा आरटीआई का इस्तेमाल करने से समाज के कमजोर तबकों का बड़े स्तर पर लाभ हुआ है।”

सोनिया गांधी ने कहा कि यह बात अब साफ हो चुकी है कि मौजूदा केंद्र सरकार आरटीआई एक्ट को एक बाधा के तौर पर देखती है। लिहाजा वह केंद्रीय सूचना आयोग और केंद्रीय सतर्कता आयोग की स्वतंत्रता और स्तर को बर्बाद कर देना चाहती है। उन्होंने कहा कि यह बात अलग है कि केंद्र सरकार अपने विधायी बहुमत का इस्तेमाल कर अपने उद्देश्यों को हासिल कर सकती है लेकिन इस प्रक्रिया में वह हमारे देश के प्रत्येक नागरिक को हथियार विहीन कर रही है।

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