सोनिया गांधी ने लिखा पीएम को खत, कहा- सरकार म्युकोरमाइकोसिस के इलाज का प्रभावी इंतजाम करे

नई दिल्ली। 20 से अधिक राज्यों में कोरोना से उबरने वाले मरीजों के म्युकोरमाइकोसिस बीमारी के चपेट में आकर जान गँवाने के बाद केंद्र द्वारा राज्यों से इसे महामारी घोषित करने के लिये कहने के पश्चात और इस महामारी के मुफ्त उपचार के लिये ज़रूरी दवाईयों के शीघ्र उत्पादन आपूर्ति और आयुष्मान भारत समेत तमाम स्वास्थ्य बीमा में म्योकोरमाइकोसिस को कवर करने को लेकर कांग्रेस पार्टी की अध्यक्ष सोनिया गांधी ने भारत के प्रधानमंत्री को पत्र लिखा है।

पत्र में उन्होंने कहा है, “भारत सरकार ने राज्य़ों से कहा है कि वो म्युकोरमाइसिस (ब्लैक फंगस) को एपिडमिक डिसीज एक्ट के तहत महामारी घोषित करने के लिये कहा है। इसका अर्थ हुआ कि इसके इलाज के लिये ज़रूरी दवाइयों का उत्पादन और आपूर्ति सुनिश्चित करना होगा। और दूसरा ज़रूरतमंदों को मुफ्त में इलाज मुहैया करवाना होगा। तो हमारी समझ से लिपोसोमल एम्फोटेरिसिन-बी (Lipsomal Amphotericin- B) म्युकोरमाइकोसिस के इलाज के लिये आवश्यक है। जबकि बाज़ार में इसकी जबर्दस्त कमी की रिपोर्ट्स हैं। आगे ये बीमारी आयुष्मान भारत और अन्य स्वास्थ्य बीमाओं के तहत कवर नहीं है”। 

पत्र के आखिर में कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा है कि प्रधानमंत्री जी आपसे निवेदन है कि इस मामले में फौरन कार्रवाई की जाये और म्युकोरमाइकोसिस से ग्रस्त बड़ी संख्य़ा में लोगों को राहत पहुंचायी जाये।  

बता दें कि दो दिन पहले ही केंद्र सरकार ने राज्यों को खत लिखकर म्युकोरमाइकोसिस बीमारी को एपिडेमिक डिसीज एक्ट के तहत महामारी घोषित करने का निर्देश दिया है। इसका मतलब ये है कि अब राज्यों को म्युकोरमाइकोसिस से होने वाले मौतों, इसके कुल केस, इसके इलाज और इसकी दवाइयों का हिसाब रखना होगा।

बता दें कि राजस्थान, हरियाणा, तेलंगाना और तमिलनाड़ु पहले के म्युकोरमाइकोसिस को महामारी घोषित कर चुके हैं। महाराष्ट्र में म्युकोरमाइकोसिस के 2000 से अधिक मामले आये हैं जबकि 90 लोगों की इस बीमारी से जान गयी है। गुजरात में म्युकोरमाइकोसिस के 900 केस, मध्यप्रदेश में 281, हरियाणा में 177, उत्तर प्रदेश में 102, राजस्थान में 100 उत्तराखंड में 25 केस अब तक दर्ज़ किये गये हैं।

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