सुबोध कुमार जायसवाल होंगे सीबीआई के नए डायरेक्टर, केंद्र सरकार ने दी मंजूरी

सुबोध कुमार जायसवाल सीबीआई के नए डायरेक्टर होंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में सोमवार को हुई हाई लेवल कमेटी की मीटिंग में 1985 बैच के आईपीएस सुबोध कुमार जायसवाल को सीबीआई का नया डायरेक्टर बनाने का  फैसला लिया गया। इस कमेटी में भारत के चीफ जस्टिस एनवी रमना और लोकसभा में सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी के संसदीय दल के नेता अधीर रंजन चौधरी शामिल थे। मंगलवार को पर्सनल मिनिस्ट्री ने उनकी नियुक्ति का ऑर्डर जारी किया। सीबीआई डायरेक्टर का पद फरवरी से खाली है। अभी अतिरिक्त निदेशक प्रवीण सिन्हा इसके अंतरिम प्रमुख हैं।

देश की प्रमुख जांच एजेंसी सीबीआई को नया मुखिया मिल गया है। 1985 बैच के आईपीएस ऑफिसर सुबोध कुमार जायसवाल सीबीआई के नए बॉस होंगे। केंद्र सरकार की कैबिनेट अपॉइंटमेंट्स कमेटी ने जायसवाल को सीबीआई का नया डायरेक्टर बनाने को मंजूरी दे दी है। जायसवाल की नियुक्ति 2 साल के लिए होगी। केंद्र सरकार ने मंगलवार देर शाम उनकी नियुक्ति को मंजूरी दे दी है। सोमवार को सीबीआई के नए डायरेक्टर के चयन के लिए पीएम की अध्यक्षता में 3 सदस्यीय समिति की बैठक हुई थी। सुबोध कुमार जायसवाल पूर्व में महाराष्ट्र के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) पद पर रहे हैं। वर्तमान में वह केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) के महानिदेशक हैं। 58 साल के जायसवाल 2022 में रिटायर होंगे।

सीनियर आईपीएस ऑफिसर सुबोध जायसवाल बेदाग छवि के अफसर माने जाते हैं। पुलिस सेवा में बेहतरीन काम के लिए उन्हें 2009 में प्रेसिडेंट पुलिस मेडल से भी नवाजा जा चुका है। जायसवाल को जासूसों का मास्टर भी कहा जाता है। उन्होंने रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (रॉ) में भी अपनी सेवाएं दी हैं। वह कैबिनेट सचिवालय में अतिरिक्त सचिव भी रह चुके हैं। जायसवाल ने कई बड़े मामलों की जांच लीड की है। मुंबई पुलिस में रहते हुए वह करोड़ों रुपए के जाली स्टांप पेपर घोटाले की जांच करने वाली स्पेशल टीम के चीफ थे। साल 2006 में हुए मालेगांव विस्फोट की जांच भी सुबोध कुमार जायसवाल ने ही की थी। वह प्रधानमंत्री, पूर्व पीएम और उनके परिवारों की सुरक्षा करने वाले स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप (एसपीजी) के इंटेलिजेंस ब्यूरो में भी काम कर चुके हैं।

36 साल के कैरियर में चार प्रधानमंत्रियों के साथ काम कर चुके सुबोध कुमार ने एक कार्यक्रम में बताया था कि वे झारखंड के छोटे से गांव से हैं। ग्रेजुएशन और एमबीए करते हुए उन्होंने तीन बार नेशनल डिफेंस एकेडमी (एनडीए) का एग्जाम दिया, लेकिन तीनों बार नाकामयाब रहे।

(जनचौक ब्यूरो की रिपोर्ट।)

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