अर्णब को बालाकोट स्ट्राइक की सूचना देने वाले की जगह जेल में: राहुल गांधी

“अर्णब गोस्वामी को सेना के गुप्त मिशन की सूचना किसने दी। ऐसे मिशन की जानकारी सिर्फ़ पांच लोगों प्रधानमंत्री, गृहमंत्री, रक्षा मंत्री, एयरचीफ मार्शल और एनएसए हेड को ही होती है। जाहिर है इन्हीं पांच लोगों में से ही किसी ने उन्हें ये सूचना दिया है। ये क्रमिनल एक्शन है। इसे पता करना चाहिए कि किसने दिया। और उसे जेल में होना चाहिए। पर ये नहीं होगा। क्योंकि ये सूचना उन्हें प्रधानमंत्री ने दिया होगा। एयरचीफ हेड एनएसए हेड, गृहमंत्री, या रक्षामंत्री ने दिया होगा। पर ये बाद में होगा। इसकी जांच होगी और जो जिम्मेदार हैं वो जेल में होंगे।”- ये बातें कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने आज दिल्ली में आयोजित विशेष प्रेस काफ्रेंस में कहा है।

प्रेस कान्फ्रेंस में तीन कृषि क़ानूनों पर बोलते हुए उन्होंने कहा-“खाद्य सुरक्षा का हमारा जो मौजूदा ढाँचा है उसको नष्ट करके खत्म करने का तरीका है ये तीन कृषि क़ानून। जैसे पहले नरेंद्र मोदी ने नोटबंदी की, फिर जीएसटी की और कोरोना के समय उन्होंने किसानों, मजदूरों और छोटे व्यापारियों की कोई मदद नहीं की। उसी प्रकार ये भी किसानों पर आक्रमण है। हम इसके खिलाफ़ लड़ेंगे। पंजाब और हरियाणा इससे सबसे ज़्यादा प्रभावित होते हैं। अगर एमएसपी जाएगी, और मौजूदा ढांचा टूटेगा तो पंजाब को भविष्य में रास्ता नहीं मिलेगा।   

इतना कहने के बाद उन्होंने पत्रकारों को प्रश्न पूछने के लिए माइक थमा दिया। पहले आपने छोटे उद्योगों पर हमला किया उनको खत्म कर दिया। फिर आपने कोविड के समय अपने 2-3 मित्रों की मदद की। लाखों करोड़ रुपये आपने उनका मुआफ कर दिया। मजदूर हजारों किमी पैदल चलकर अपने घर जा रहे थे। उनके पास पानी नहीं था, खाना नहीं था आपने एक शब्द नहीं बोला। उनको आपने एक दिन की वार्निंग तक नहीं दी । कैमरे में बैठकर कह दिया लॉकडाउन हो गया। 2 सौ लोग तो ऐसे ही मर गये। आपने देश की रीढ़ की हड्डी और लाखों लोगों को रोजगार देने वाले छोटे बिजनेस को खत्म कर दिया।

राहुल गांधी ने कहा –“एक आदमी फरवरी में कह रहा है कि कोरोना से देश की अर्थव्यवस्था और देश के लोगों को जबर्दस्त चोट लगने वाली है, वहीं दूसरा आदमी कह रहा है कि कोरोना के खिलाफ जंग हम 22 दिन में जीत लेंगे, उसको ये भी नहीं मालूम कि कोरोना है क्या। समझ किसको है ये आपको जज करना है । ये उस वक्त भी मेरा मजाक उड़ा रहे थे। और आज भी उड़ायेंगे। पर आप लिखकर ले लो 6 महीने बाद याद रखना जो आज कह रहा हूँ। पहली बात ये देश अपने युवाओं को रोजगार नहीं दे पायेगा। नरेंद्र मोदी ने ढांचा तोड़ दिया है। अब नरेंद्र मोदी खेती के ढाँचे को तोड़ने जा रहे हैं। अगर नरेंद्र मोदी ने खेती के ढांचे को तोड़ दिया तो एक ओर रोजगार नहीं मिलेगा और दूसरी ओर भोजन नहीं मिलेगा।   

उन्होंने आगे कहा-“हम फूड सिक्योरिटी सिस्टम की खामियों को दूर करेंगे। मगर हम इस सिस्टम को तोड़ेंगे नहीं। क्योंकि हम जानते हैं कि इस सिस्टम को अगर तोड़ दिया तो किसान गया। आज 40 किमी की रेडियस में मंडियाँ हैं हम 4 किमी की रेडियस में करेंगे। एमएसपी, और प्रोक्योरमेंट, सार्वजनिक वितरण प्रणाली, मंडियां ये खाद्य सुरक्षा का सिस्टम हैं। ये किसानों का किला है खाद्य सुरक्षा का। जो प्रोटेक्ट करता है। इस किले में बेशक़ कुछ कमियां हैं। कम मंडियां हैं, करप्शन हैं, इन्फ्रास्ट्रक्चर और बेहतर होना चाहिए। मगर किले को आप ने अगर तोड़ दिया तो किसान बच नहीं पायेंगे। नरेंद्र मोदी इस किले को क्यों तोड़ रहे हैं। नरेंद्र मोदी ने नोटबंदी क्यों की। जीएसटी क्यों लेकर आए नरेंद्र मोदी, कोरोना के समय गरीबों की मदद क्यों नहीं की। अडानी-अंबानी का रास्ता साफ करने के लिए।”     

चीन के सवाल पर राहुल गांधी ने कहा-“आपको लगता है कि आप इवेंट मैनेजमेंट के तहत इसे मैनेज कर सकते हो आप गलत हो। चाइना दूसरी चीज है। वो सिस्टेमैटिकली आगे बढ़ रहा है। आप मुझे कुछ भी बोल दो पर आपका काम हिंदुस्तान की रक्षा करना। मैं विपक्षी नेता हूँ मेरा काम है आगाह करना। मैंने कहा कोरोना आ रहा है, अर्थव्यवस्था गिरेगी।

राहुल गांधी ने आगे कहा- “नरेंद्र मोदी ने पूरे देश और विपक्षी नेताओं से कहा कि चीन ने हिंदुस्तान की कोई ज़मीन नहीं ली। 1200 वर्गकिलोमीटर ज़मीन हमारी चाइना ने कब्जा कर रखी है। कैसे ली। क्योंकि चाइना को मालूम है कि ये व्यक्ति जो ऊपर बैठा है ये सिर्फ़ अपनी इमेज की रक्षा करता है। ये सिर्फ अपनी इमेज बचाने के लिए 1200 वर्ग किमी ज़मीन हमें दे देगा। आर्मी के किसी भी सिपाही से पूछ लो वो बता देगा कि सिर्फ अपनी इमेज के लिए झूठ बोला। आप लोग उनको कभी प्रेस कान्फ्रेंस में बुलाइये ऐसे खुलकर सवाल पूछिये उनसे। वो आपसे डरते क्यों हैं इतना। एक कारण है वो चीन से और आपसे इसलिए डरते हैं कि वो सोचते हैं ये जर्नलिस्ट और चाइना उनकी इमेज खराब कर देगा। चाइना इवेंट नहीं है वो प्रोसेस है। मैं स्टडी करता हूं। मैं बहुत सोच समझकर बोलता हूँ।

क्या भाजपा की इन नीतियों की वजह देश में विपक्ष का कमजोर होना है । इसके जवाब में राहुल गांधी ने कहा- विपक्ष एक लोकतांत्रिक फ्रेमवर्क में काम करता है। विपक्ष को एक फ्री एंड फेयर मीडिया और ज्यूडिशियरी पार्लियामेंट इंस्टीट्यूशन की ज़रूरत होती है क्योंकि वो लोकतंत्र के फ्रेमवर्क में काम करता है। लेकिन इन्होंने सब पर कब्जा जमा रखा है। डर का माहौल है। जो बोलेगा उसे ये मार रहे हैं। हमारे पास एक भी संस्था नहीं है जो फ्री और फेयर हो। राफेल मुद्दा एक उदाहरण है। तमाम मुद्दों पर मीडिया सरकार के साथ है। एक फ्री प्रेस दीजिए विपक्ष को फिर देखिए विपक्ष कैसे काम करता है।   

राहुल गांधी ने आगे कहा कि किसानों के आदंलोन का हम सम्मान करते हैं। सरकार का अप्रोच ये है कि हमें सब मालूम है। हमारे खिलाफ जो बोल रहा है वो एंटीनेशनल है, दुश्मन है। सरकार को ये समझ नहीं आ रहा कि किसानों को दबा लेंगे तो मामला खत्म हो जाएगा। पर ये एनर्जी कहीं न कहीं से निकलेगी। ये सीखना नहीं चाहते। ये सोचना नहीं चाहते। ये बस बोलते हैं।

इन्हें न सुनना है, न समझना है, बस बोलना है। यही इन्हें आरएसएस में सिखाया गया है। देश बोलने से नहीं सोचने से चलेगा।

हाथरस केस पर एक पत्रकार के सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा- “ पूरे देश को धकेला, मारा पीटा जा रहा है। मुझे थोड़ा धक्का लग गया तो क्या बड़ी बात है कोई फर्क नहीं पड़ता। हमारा काम है देश की जनता की रक्षा करना देश के किसानों के साथ खड़ा होना। ऐसी सरकार है कि हम खड़े होंगे तो धक्का लगेगा, लाठी पड़ेगी। तो खा लेंगे लाठी इसमें क्या है। जो अकल्पनीय धक्का लगा वो उस परिवार को लगा। जिन लोगों की बेटी है वो इसे समझ सकते हैं।

आप रेप आस्पेक्ट को नहीं समझ सकतीं ये ऐसी चीज है जिसमें देश की महिलाओं को गुजरना पड़ता है। लेकिन आप हत्या के एस्पेक्ट को समझ सकते हैं। ऐसा सोचिए कि किसी ने आपके बेटे की हत्या कर दिया है। और तब आप न्याय के लिए जायें और आपको आपके घर में लॉक कर दिया जाये। डीएम आपके घर जाकर आपको धमकाये कहे कि अगर तुम मुंह खोलोगे तो पूरा उत्तर प्रदेश तुम्हें सबक सिखायेगा। राहुल गांधी और सभी प्रदर्शनकारी चले जायेंगे। हमीं तुम्हारे साथ रहेंगे। तब आप कैसा फील करोगे। उस परिवार को इन चीजों से गुज़रना पड़ा। देश की एक बच्ची का रेप व मर्डर हुआ। पर उत्तर प्रदेश प्रशासन उसके खिलाफ खड़ा हो गया। और देश का प्रधानमंत्री एक शब्द नहीं बोला।”

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