संजीव भट्ट को राखी बांधने जा रहीं सैकड़ों महिलाएं गिरफ्तार, केवल दीपिका और श्वेता भट्ट को मिली इजाजत

पालनपुर/अहमदाबाद। एक दिन पहले कांग्रेस के युवा नेता हार्दिक पटेल और सामाजिक कार्यकर्ता और एडवोकेट दीपिका सिंह रजावत ने ऐलान किया था कि रक्षाबंधन के मौके पर वे तमाम महिलाओं के साथ पालन पुर जेल में बंद पूर्व आईपीएस संजीव भट्ट से मिलने जाएंगे और वहां महिलाएं उन्हें राखी बांधेंगी। कल ये सभी 400-500 महिलाओं के साथ पालनपुर पहुंच गए लेकिन उन्हें पालनपुर जेल नहीं जाने दिया गया। पालनपुर की सीमा पर ही इन सभी को हिरासत में ले लिया गया। जहां से उन्हें पलापुर पश्चिम थाने ले जाया गया


हालांकि पुलिस के तमाम बंदोबस्त को धता बताते हुए 100 से 150 लोग जेल तक पहुंचने में कामयाब हो गए। उन्हीं में से एक अनहद संस्था के देव देसाई ने जनचौक को बताया कि 40 महिलाएं डीसा और 30 महिलाएं वडगाम से भट्ट साहब को राखी बांधने आ रही थीं। उन्हें भी पुलिस ने रोक लिया। तीन-चार विधायक और नगर पंचायत के चुने हुए प्रतिनिधियों को भी डिटेन किया गया है। केवल संजीव भट्ट की पत्नी श्वेता भट्ट और वकील दीपिका रजावत को ही जेल प्रशासन ने उनसे मिलने दिया। आपको बात दें कि देश के अलग-अलग कोने से महिलाओं ने भट्ट को 30000 राखियां भेजी थी। जेल से भट्ट की पत्नी श्वेता भट्ट ने जनचौक को बताया कि “केवल दो ही लोग मिल पाये। 500 महिलाएं बिना मुलाक़ात के लौटा दी गईं। इसके अलावा 30000 राखियों को भी जेल प्रशासन ने वापस कर दिया”।


1990 में गुजरात के जामजोधपुर में हिरासत में मौत के एक मामले में भट्ट को उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी। वह अभी पालनपुर जिला कारागार में नारकोटिक केस में बंद हैं। बनासकांठा के पुलिस अधीक्षक नीरज बडगुजर ने बताया कि “पाटीदार आरक्षण आंदोलन का नेतृत्व करने वाले हार्दिक पटेल और पार्टी के अन्य नेताओं के पालनपुर पहुंचते ही उन्हें हिरासत में ले लिया गया। वे लोग भट्ट से मिलने जा रहे थे।”
उन्होंने आगे कहा, ‘‘हमें पालनपुर की जेल में कानून-व्यवस्था बिगड़ने की आशंका थी, इसलिए हमने हार्दिक पटेल, पालनपुर विधायक महेश पटेल और पाटन के कांग्रेस विधायक किरीट पटेल तथा उनके समर्थकों को पालनपुर में प्रवेश करते ही गिरफ्तार कर लिया…।’’
पूर्व आईपीएस अधिकारी भट्ट की पत्नी श्वेता भट्ट ने मंगलवार को कहा था कि वह अपने पति के उन समर्थकों का साथ देगी, जो उन्हें पालनपुर जेल में राखी बांधना चाहती हैं। जिसके बाद पालनपुर में व्यवस्था को चाक चौबंद कर दिया गया था। बाद में डिटेन विधायकों तथा उनके समर्थकों शाम को छोड़ दिया गया।

(अहमदाबाद से जनचौक संवाददाता कलीम सिद्दीकी की रिपोर्ट।)

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