अहमदाबाद के सिविल अस्पताल में भटकते रहे 25 कोरोना मरीज़; न कोई डॉक्टर था और न ही दिखी कोई व्यवस्था

अहमदाबाद। गुजरात में कोरोना मरीज़ों के देखरेख की तैयारी के सारे दावे धरे के धरे रह गए हैं। सूबे की राजधानी अहमदाबाद से एक वीडियो आया है जिसमें लोगों को यह कहते हुए सुना जा सकता है कि उनमें तक़रीबन 25 लोग कोरोना पॉज़िटिव हैं। लेकिन उनका इलाज नहीं किया जा रहा है। इलाज के नाम पर सिविल हास्पिटल में केवल एक स्टाफ़ है। वह भी सभी को क़तार में खड़े रहने के लिए बार-बार कहता है। अस्पताल में न कोई ढंग की व्यवस्था है और न ही स्टाफ़। इन सभी का कहना है कि ये दिन भर वहीं पड़े रहे लेकिन उनका इलाज नहीं शुरू हो पाया।

उसमें एक महिला अपना नाम सोना आदर्श बताती है। उसका कहना था कि दो दिन पहले उन लोगों की टेस्टिंग हुई थी और उसमें 25 लोग कोरोना पाजिटिव पाए गए थे। इनका कहना था कि 3 बजे से वे सभी सिविल अस्पताल के नीचे हैं लेकिन वहाँ कोई भी जवाब नहीं मिल रहा है। खाने-पीनी या फिर किसी दूसरी तरह की वहाँ कोई व्यवस्था नहीं है।

वीडियो में एक शख़्स बताता है कि देखने वाला सिर्फ़ एक ही शख़्स है वह इतनी बदतमीज़ी से लोगों के साथ पेश आ रहा है कि उससे कुछ पूछना और बात करना भी बेकार है। बार-बार यही कहता है कि लाइन में खड़े रहें। उस शख़्स का कहना है कि 50 लोगों की जगह पर वह अकेला काम कर रहा है। पीड़ितों में महिला, बच्चे और बूढ़े भी शामिल हैं। लेकिन अस्पताल में मौजूद शख़्स इन सभी के साथ भी बेहद बुरे तरीक़े से पेश आ रहा है।

यह घटना गुजरात सरकार के पूरे दावे की पोल खोल देती है। मुख्यमंत्री विजय रूपानी ने कुछ दिनों पहले इसी सिविल अस्पताल का दौरा किया था और कहा था कि कोरोना मरीज़ों के लिए 1200 अलग से बेड सुरक्षित कर दिए गए हैं। और महामारी से निपटने के लिए हर तरह की तैयारी कर ली गयी है। लेकिन अब जब अस्पताल में कोरोना मरीज़ पहुँचे तो सरकार की तैयारियों की पोल खुल गयी। न वहाँ बेड दिखा। न डाक्टर दिखे। और न ही कोई व्यवस्था दिखी।

इस बीच, गुजरात में कोरोना संक्रमित मरीज़ों की तादाद बहुत तेज़ी से बढ़ती जा रही है। मौजूदा समय में वहाँ 1604 कन्फर्म कोरोना पॉज़िटिव हैं। 58 की मौत हो चुकी है। और किसी भी मरीज़ की रिकवरी नहीं हो पायी है। ऐसे में यह आँकड़ा ही बहुत कुछ कहता है।

यहाँ असरवा सिविल हॉस्पिटल मेडिकल सुपरिटेंडेंट का बेटा ही कोरोना पॉजिटिव पाया गया है। उसके बाद ख़ुद उनके साथ उनकी पत्नी समेत पूरे परिवार को ही घर में क्वारंटाइन कर दिया गया था। इतना ही नहीं एलजी अस्पताल के 9 स्वास्थ्यकर्मी भी पॉजिटिव पाए गए हैं जिसमें 7 डॉक्टर हैं। इसमें चार गुरुवार को और पाँच शुक्रवार को डिटेक्ट किए गए हैं।

सुपरिटेंडेंट ने मिरर से बातचीत में इस बात की पुष्टि की। उन्होंने कहा कि “हां मेरा बेटा कोविद 19 पॉजिटिव है। और उसे एसपीवी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। जबकि मैं, मेरी पत्नी और बहू घर में क्वारंटाइन हैं।”

सरकारी सूत्रों के मुताबिक़ सुपरिटेंडेंट के न होने पर सिविल हॉस्पिटल का प्रभार आर्थोपेडिक डिपार्टमेंट के हेड डॉ. जेपी मोदी को दिया गया है। उसी तरह से सिविल ब्लड बैंक से जुड़े डॉ. एमडी गुज्जर को कोविद 19 के 1200 बेड वाले ब्लॉक की ज़िम्मेदारी दी गयी है।

डॉक्टर गुज्जर ने मिरर को बताया कि “हमें लिखित में कुछ नहीं हासिल हुआ है। हम सरकार के आदेश की प्रतीक्षा कर रहे हैं।” अस्पताल की इस पूरी व्यवस्था को पढ़कर कोई भी उसकी स्थिति का अंदाज़ा लगा सकता है।

(अहमदाबाद से जनचौक संवाददाता कलीम सिद्दीक़ी की रिपोर्ट।)

कलीम सिद्दीकी
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