एनकाउंटर करते-करते अपराधियों की जमात में तब्दील हो गयी है यूपी की पुलिस

“आगरा में पहले साठ-गांठ कर थाने के मालखाने से 25 लाख की चोरी कराई गई फिर सच छिपाने के लिए गिरफ्तार किए गए सफाईकर्मी की कस्टडी में हत्या स्तब्ध करती है” ये आरोप लगाया है सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर।

सूबे के पूर्व मुख्यमंत्री ने आगे कहा है कि “भाजपा सरकार में पुलिस खुद अपराध कर रही है तो फिर अपराध कैसे रुकेगा? हत्यारे पुलिस कर्मियों पर हो सख्त कार्रवाई।”

वहीं बसपा अध्यक्ष मायावती ने घटना पर प्रतिक्रिया देते हुये कहा है कि “आगरा में एक सफाई कर्मी की पुलिस हिरासत में हुई मौत अति-दुःखद व शर्मनाक। यूपी सरकार दोषियों को सख़्त सज़ा दे तथा  पीड़ित परिवार की भी हर प्रकार से पूरी-पूरी मदद करे, बीएसपी की यह मांग।”

राष्ट्रीय लोकदल ने कहा है, “उत्तर प्रदेश में अपराधियों और पुलिस के बीच का फर्क खत्म हो गया है। खाकी के भेष में अपराध हो रहे हैं। पुलिस हिरासत में वाल्मीकि समाज के युवक की हत्या निंदनीय है। आखिर पुलिस क्या छुपाने की कोशिश कर रही है? आरोपियों के ख़िलाफ़ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए”।

वहीं रालोद अध्यक्ष जयंत चौधरी ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि “आज महर्षि वाल्मीकि जी की जयंती है। इस पावन पर्व को समाज हर्ष के साथ मनाता है। लेकिन आगरा में जिस तरह एक युवक को पुलिस हिरासत में पीट-पीट कर मारा गया है, कृत्य ने मानवता को शर्मसार किया है! अरुण वाल्मीकि की मौत के दोषियों के विरुद्ध त्वरित कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए।”

वहीं उत्तर प्रदेश कांग्रेस प्रभारी प्रियंका गांधी पीड़ित परिवार से मिलने आगरा जा रही थीं लेकिन उन्हें यमुना एक्सप्रेस वे पर रोककर हिरासत में ले लिया गया है। उन्होंने अपनी प्रतिक्रिया में कहा है, ” किसी को पुलिस कस्टडी में पीट-पीटकर मार देना कहां का न्याय है”?

आगरा पुलिस कस्टडी में अरुण वाल्मीकि की मौत की घटना निंदनीय है। भगवान वाल्मीकि जयंती के दिन उप्र सरकार ने उनके संदेशों के ख़िलाफ़ काम किया है। उच्चस्तरीय जांच व पुलिस वालों पर कार्रवाई हो व पीड़ित परिवार को मुआवजा मिले।

प्रियंका गांधी ने आगे कहा है कि “अरुण वाल्मीकि की मृत्यु पुलिस हिरासत में हुई। उनका परिवार न्याय मांग रहा है। मैं परिवार से मिलने जाना चाहती हूं। उप्र सरकार को डर किस बात का है? क्यों मुझे रोका जा रहा है। आज भगवान वाल्मीकि जयंती है, पीएम ने महात्मा बुद्ध पर बड़ी बातें की, लेकिन उनके संदेशों पर हमला कर रहे हैं”।

उत्तर प्रदेश में योगी की पुलिस हत्याओं पर हत्याएं कर रही है। ताजा मामला आगरा के थाने का है। जहां एक प्राइवेट सफाईकर्मी अरुण वाल्मीकि थाने के मालाखाने से 25 लाख रुपये चुराने के आरोप में पुलिस ने गिरफ्तार करके इतना मारा कि आज सुबह उसकी मौत हो गई।

इससे पहले 10- 11 अक्टूबर को बुलंदशहर जिले के चौंढेरा गांव के ई-रिक्शा चालक गौरीशंकर को पुलिस वालों ने पीट पीटकर मार डाला था। जिसके बाद दो पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया था। पीड़ित परिवार का आरोप है कि गांव के एक मंदिर के पास रविवार को यातायात जाम के दौरान छतरी थाना के पुलिसकर्मियों ने गौरीशंकर की पिटाई की थी। ई-रिक्शा चालक के परिवार ने उन्हें अलीगढ़ के एक अस्पताल में भर्ती कराया था, जहां रविवार रात इलाज के दौरान उन्होंने दम तोड़ दिया था। 

इससे पहले 27 सितंबर की देर रात गोरखपुर के कृष्णा होटल में कानपुर के कारोबारी मनीष गुप्ता की गोरखपुर की पुलिस ने पीट पीटकर हत्या कर दी थी। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में पता चला है कि मनीष के सिर, चेहरे और शरीर पर गंभीर चोट के निशान हैं। मनीष के सिर के अगले हिस्से पर तेज प्रहार किया गया, जिससे उनकी नाक के पास से खून बह रहा था।

गौरतलब है कि मनीष गुप्ता अपने दो दोस्तों हरदीप सिंह चौहान और प्रदीप सिंह चौहान के साथ सोमवार सुबह गोरखपुर घूमने गए थे। यहां ये लोग होटल कृष्णा पैलेस के रूम नंबर 512 में ठहरे थे। हरदीप ने बताया कि सोमवार रात 12:30 बजे पुलिस होटल में चेकिंग करने पहुंची। मनीष को सोते हुए जगाया तो उन्होंने पूछा इतनी रात में चेकिंग किस बात की हो रही है। क्या हम आतंकी हैं? इस पर पुलिस वालों ने उन्हें पीटना शुरू कर दिया। इसके बाद घायल मनीष को अस्पताल ले जाया गया जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।

इससे भी पहले उन्नाव जिले के बांगरमऊ से भाजपा विधायक कुलदीप सिंह सेंगर पर बलात्कार का आरोप लगाने वाली लड़की के पिता पप्पू सिंह को यूपी पुलिस ने झूठे आर्म्स केस में 4 अप्रैल 2018 को गिरफ़्तार करके बर्बरतापूर्वक पीटा था। पुलिस कस्टडी में 9 अप्रैल को उनकी मौत हो गयी थी। पिता की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में उन्हें 14 जगह चोटें लगने की बात सामने आई थी।

इससे भी पहले 28 सितंबर 2018 की रात राजधानी लखनऊ में एपल के एरिया मैनेजर विवेक तिवारी की सामने से सीने पर गोली मारकर पुलिस वालों ने हत्या कर दी थी। उस वक़्त विवेक तिवारी अपनी सहकर्मी सना को छोड़ने अपनी एक्सयूवी से जा रहे थे। तभी रात के क़रीब डेढ़ बजे बाइक सवार दो पुलिसकर्मियों प्रशांत चौधरी और संदीप कुमार ने विवेक तिवारी को निशाना बनाकर गोली चला दी थी। जिसमें विवेक की मौत हो गई थी। जबकि सना इस हमले में बाल-बाल बच गई थीं। इसके बाद आरोपी दोनों पुलिसकर्मियों को गिरफ्तार कर लिया गया था। उनके ख़िलाफ़ विवेक की सहकर्मी सना और उनकी पत्नी कल्पना ने FIR दर्ज़ कराई थी।

(जनचौक के विशेष संवाददाता सुशील मानव की रिपोर्ट।)

सुशील मानव
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