नागरिकता अधिनियम मसला: जामिया में सामने आए पुलिस के गोली चलाने और उससे घायल होने वाले छात्रों के वीडियो

नई दिल्ली। नागरिकता अधिनियम के खिलाफ कल जामिया में हुए प्रदर्शन के दौरान चलने वाली पुलिस की गोलियों के भी सबूत सामने आ गए हैं। इनमें न केवल गोलियों के चलने की आवाजें हैं बल्कि उन युवाओं को भी देखा जा सकता है जिन्हें गोलियां लगी हैं।

इसी तरह का एक वीडियो सामने आया है जिसमें छात्रों-युवाओं और पुलिस के जवानों के बीच पथराव हो रहा है। उसी समय पीछे से फायरिंग की आवाज आती है। आवाजें सुनने के बाद छात्र पीछे भागने लगते हैं उसी समय एक छात्र घायल होकर गिर जाता है। उसके यह बताने पर कि गोली लगी है उसके बाकी साथी एंबुलेंस बुलाने की गुहार लगाना शुरू कर देते हैं।

पुलिस की फायरिंग और घायल छात्र।

इसी तरह, का एक दूसरा वीडियो भी सामने आया है जिसमें पुलिस को बाकायदा फायरिंग करते हुए देखा जा सकता है। लेकिन यह बात अभी तक सामने नहीं आ पायी है कि आखिर पुलिस ने यह फायरिंग किसके आदेश पर की है।

मदद मांगतीं छात्राएं।

इस बीच, रात में पुलिस ने जामिया विश्वविद्यालय के सैकड़ों छात्रों को गिरफ्तार कर लिया था। इनमें से ढेर सारे छात्रों को गंभीर चोटें आयी थीं। लेकिन पुलिस उन्हें अस्पताल नहीं ले जा रही थी। बाद में दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष जफरुल इस्लाम खान ने अपने पैड पर इमरजेंसी आर्डर के जरिये कालका जी पुलिस स्टेशन के एसएचओ को तत्काल सभी छात्रों को छोड़ने का निर्देश दिया। साथ ही उसमें घायलों को तत्काल अस्पताल भेजे जाने की बात शामिल थी।

जफरुल इस्लाम ने अपने आदेश में कहा था कि इस आदेश का पालन न करने पर कालका जी पुलिस स्टेशन के एसएचओ व्यक्तिगत तौर पर जिम्मेदार होंगे। इसके साथ ही उन्होंने कहा था कि एक अर्ध न्यायिक संस्था के आदेश का पालन न करने के जो भी कानूनी नतीजे होंगे वे उन्हें भुगतने पड़ेंगे।

इस्लाम के इस आदेश का असर हुआ और बताया जाता है कि तकरीबन 100 छात्रों को आस-पास के पुलिस स्टेशनों से छोड़ दिया गया।

उधर, यूनाइटेड अगेंस्ट हेट के नदीन खान ने बताया कि रात में स्वराज अभियान के नेता योगेंद्र यादव इलाके में पहुंच गए थे साथ ही हर्ष मंदर, कोलिन गोंजालविस और फराह नकवी के पहुंच जाने से छात्रों को थानों से रिहा कराने में आसानी हो गयी।

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