अमेरिकी कैपिटल हिल यानी संसद में हिंसा, ट्रम्प समर्थक सदन में घुसे, फायरिंग में एक महिला की मौत

नई दिल्ली। वाशिंगटन डीसी स्थित कैपिटल हिल में ट्रंप समर्थकों और पुलिस के बीच हिंसक झड़प हो गयी है। दरअसल ट्रम्प अभी भी अपनी हार मानने के लिए तैयार नहीं हैं। लिहाजा उनके समर्थकों ने आज वाशिंगटन स्थित कैपिटल हिल पर हमला बोल दिया। इस बीच, ट्विटर ने ट्रम्प के एकाउंट पर रोक लगा दी है। जिससे वह अब कोई ट्वीट नहीं कर सकते हैं। भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हिंसक झड़प पर अफसोस जाहिर किया है साथ ही कहा है कि सत्ता हस्तांतरण में इस तरह की हिंसक घटनाओँ की इजाजत नहीं दी जा सकती है। उधर, ट्रम्प के सहयोगी लिंडसे ग्राहम ने कहा है कि जो बाइडेन और कमला हैरिस कानूनी रूप से चुने गए हैं लिहाजा उनके खिलाफ आंदोलन का कोई मतलब नहीं है।

बुधवार को कैपिटल हिल के सामने अचानक हिंसा फूट पड़ी जब ट्रम्प समर्थकों ने बिल्डिंग पर हमला बोल दिया। हालांकि पुलिस ने मामले को नियंत्रण में ले लिया। और वह प्रदर्शनकारियों को आगे बढ़ने से रोकने में सफल हो गयी। दरअसल अमेरिकी कांग्रेस के प्रतिनिधि जिसमें प्रतिनिधि सभा औऱ सीनेट दोनों शामिल हैं इलेक्टोरल कॉलेज नतीजे पर विचार करने के लिए एक अपवाद स्वरूप बुलाए गए संयुक्त सत्र में बैठे थे। हालांकि यह बात अब तक बिल्कुल साफ हो चुकी है कि बाइडेन ने ट्रम्प को हरा दिया है। बावजूद इसके ट्रम्प अभी भी अपनी हार मानने के लिए तैयार नहीं हैं। बुधवार को भी उन्होंने बयान जारी कर कहा कि हम लड़ाई नहीं छोड़ेंगे।

भी जबकि सदन का संयुक्त सत्र चल ही रहा था तभी प्रदर्शनकारियों ने कैपिटल हिल पर लगे लोहे के बैरिकेड्स को तोड़ दिया और फिर वहीं उनकी दंगारोधी पुलिसकर्मियों से भिड़ंत हो गयी। कुछ ऐसे अफसर जिन्होंने अपने हाथों में ढाल ले रखे थे उन्हें प्रदर्शनकारियों ने पीछे धकेलने की कोशिश की। उसी दौरान पुलिसकर्मियों द्वारा पेपर स्प्रे के जरिये भीड़ को पीछे हटाने की कोशिश की गयी। भीड़ गद्दार-गद्दार चिल्लाती हुई सुनाई दे रही थी। और कुछ ही समय में हिंसा कैपिटल बिल्डिंग के भीतर भड़क उठी और परिसर में फायरिंग की एक घटना हो गयी। कोलंबिया की डिस्ट्रिक्ट पुलिस के मुताबिक फायरिंग की इस घटना में एक महिला की मौत हो गयी है।

जैसे ही झड़प शुरू हुई ट्रम्प ने शांति की अपील की। उन्होंने ट्वीट करके कहा कि “कृपया हमारी कैपिलट पुलिस और कानून को लागू करने वाली एजेंसियों को सहयोग करिए। वे सच में हमारे देश की तरफ हैं। शांति बनाए रखें।” जबकि दूसरी तरफ बाइडेन ने कहा कि अमेरिका में लोकतंत्र पर अभूतपूर्व हमला हुआ था।

इस बीच, पीएम नरेंद्र मोदी ने इस हिंसा पर गहरा दुख जाहिर किया है। उन्होंने ट्वीट कर कहा है कि “वाशिंगटन डीसी में हिंसा और दंगा को देखकर बेहद चिंतिंत हूं। नियम से और शांतिपूर्ण तरीके से सत्ता का हस्तांतरण होना चाहिए। गैरकानूनी विरोधों के जरिये लोकतांत्रिक प्रक्रिया को ध्वस्त होने की इजाजत नहीं दी जा सकती है।”

एक प्रत्यक्षदर्शी पत्रकार के मुताबिक अभी जबकि हाउस में बहस चल रही थी और एक सीनेटर अपनी बात रख रहे थे उसी समय ट्रम्प समर्थकों का एक बड़ा समूह बैरिकेड्स को तोड़कर बिल्डिंग में घुस गया और इस कड़ी में पुलिस को धक्का देते हुए वह डायस पर पहुंचकर उप राष्ट्रपति माइक पेन्स को उससे उतार दिया और उन्हें चैंबर से बाहर कर दिया। जैसा कि भीड़ का शोर दरवाजों के बाहर भी सुना जा सकता था।

ट्रम्प पर सीधे हमला बोलते हुए बाइडेन ने कांग्रेस के हाल के भीतर इस अफरातफरी और हिंसा को देश के इतिहास का एक काला मौका करार दिया। और इसके लिए पूरी तरह से उन्होंने ट्रम्प को जिम्मेदार ठहराया है।

बहस के बीच सीनेटर लिंडसे ग्राहम ने कहा कि “ट्रम्प और मैं, हम ने एक नारकीय यात्रा की है। ऐसा होने के लिए मैं घृणा महसूस करता हूं…..इन सब के बीच जो मैं कह सकता हूं इसमें मुझे मत गिनिए। बहुत हो गया। मैंने पूरा सहयोग की कोशिश की।”

लिंडसे ग्राहम ने कहा कि बाइडेन और हैरिस कानूनी रूप से चुने गए हैं। मैंने प्रार्थना की थी कि जो बाइडेन हार जाएं। वह जीत गए। वह अमेरिका के वैध राष्ट्रपति हैं। जो बाइडेन और हैरिस कानूनी तौर पर चुने गए हैं। और 20 जनवरी को राष्ट्रपति और उप राष्ट्रपति बनेंगे।

हिंसा के बाद उप राष्ट्रपति माइक पेंस ने एक बार फिर सदन की बैठक को बुलाया और उन्होंने कहा कि हिंसा कभी नहीं जीतती है। स्वतंत्रता जीतती है और यह अभी भी लोगों का सदन है।  

    

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