गैंगलैंड बनता पंजाब-2: अमृतपाल सिंह खालसा इतने तल्ख तेवरों के साथ पंजाब क्यों आया था?

पुलिस और मीडिया की निगाह में इस वक्त पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, पूर्वी उत्तर प्रदेश के कुछ इलाकों और राजधानी चंडीगढ़ का सबसे बड़ा गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई है। जेल से एक निजी टेलीविजन चैनल को दिए इंटरव्यू में भी उसने खुद को इलाके का सबसे बड़ा ‘डॉन’ माना है। हालांकि यह रहस्य अपनी जगह बरकरार है कि बिश्नोई इतने आराम से सलाखों के भीतर से बार-बार निजी टेलीविजन चैनल के आगे कैसे दरपेश होता है और खुलकर अपनी बात कहता है। हालिया इंटरव्यू में उसने कहा कि जब मैं पहली बार जेल गया था तब स्टूडेंट था, बाद में जेल के भीतर ‘गैंगस्टर’ बन गया। उसने यह भी कहा कि वह अपने हर साथी की हत्या का बदला लेगा!

लॉरेंस बिश्नोई के खिलाफ एनआईए ने लंबा-चौड़ा आरोप पत्र दायर किया है। एनआईए ने कुख्यात और हिंदुस्तान से भगोड़े दाऊद इब्राहिम के साथ लॉरेंस की तुलना की है। कहा है कि वह एक बहुत बड़े खतरनाक गिरोह का सरगना है; उसके पास 700 शूटर हैं। इनमें से अकेले पंजाब में ही 400 से ज्यादा हैं। जब से वह सलाखों के पीछे है तब से उसकी ताकत में इजाफा होता आया है। ठीक यही वजह है कि अलगाववादी खालिस्तानी समर्थक आतंककारी लॉरेंस बिश्नोई से नज़दीकियां बढ़ा रहे हैं और उसका व्यापक नेटवर्क इस्तेमाल कर अपने मंसूबे पूरा करना चाहते हैं। सूबे में उसके गुर्गों ने रंगदारी व गायकों को धमका कर पैसा वसूलने की दहशत बड़े पैमाने पर फैला रखी है।

लॉरेंस बिश्नोई

खुफिया एजेंसियों का कहना है कि कनाडा से गोल्डी बराड़, काला राणा, काला जठेरी…सरीखे गैंगस्टर लॉरेंस के गिरोह का बाकायदा हिस्सा हैं। गोल्डी बराड़ बहुचर्चित सिद्धू मूसेवाला हत्याकांड में पंजाब पुलिस को वांछित है। आपराधिक गतिविधियों के लिए कई अन्य राज्यों की पुलिस को भी। लेकिन कनाडा में भी उसका कोई सुराग नहीं मिलता। आए दिन वह जगह अथवा शहर बदल लेता है। सिद्धू मूसेवाला हत्याकांड के ऐन बाद एक निजी टेलीविजन को दिए इंटरव्यू में उसने खुलासा किया था कि मूसेवाला का कत्ल उसने लॉरेंस बिश्नोई के कहने पर करवाया था। हमलावरों को अत्याधुनिक हथियार उपलब्ध कराए थे।

दरअसल उस हत्याकांड के पीछे भी फिरौती का खेल था। सिद्धू मूसेवाला युवा पीढ़ी में बेहद लोकप्रिय था और पंजाब विधानसभा चुनाव के दौरान वह कांग्रेस की टिकट पर मानसा से चुनाव लड़ा था लेकिन हार गया था। हत्या से दो दिन पहले तक उसके पास भारी सुरक्षा अमला था लेकिन बाद में कटौती करते हुए सिर्फ दो बॉडीगार्ड उसे दिए गए। चुनाव के दौरान भी उससे रंगदारी मांगी गई थी लेकिन इससे उसने साफ इंकार कर दिया था। चंद दिनों के बाद ही लॉरेंस बिश्नोई के इशारे पर कनाडा में बैठे गोल्डी बराड़ ने आनन-फानन में साजिश रची और सिद्दू मूसेवाला को दिनदहाड़े मार डाला गया। पंजाब के इतिहास में पहली बार किसी पर ऐसा हमला हुआ और पहली बार उस किस्म के हथियार इस्तेमाल किए गए।

गोल्डी बराड़ और सिद्दधू मूसेवाला

गौरतलब है कि कुख्यात गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई का नेटवर्क सिंडिकेट की तरह काम करता है। क्रशर मालिकों और स्टोन कारोबारियों से भी उसके गैंग ने करोड़ों रुपए वसूले हैं। खौफ के चलते कोई भी पीड़ित आगे नहीं आया और पुलिस के पास नहीं गया। खुफिया विभाग के सूत्रों के मुताबिक लॉरेंस बिश्नोई की ओर से गैंगस्टर आनंदपाल के भाई विक्की सिंह और मनजीत सिंह उसके लिए राजस्थान में ‘वसूली’ करते हैं। पंजाब की कमान गोल्डी बराड़ के हाथों में है। यहां उसके गुर्गे खासा उत्पात मचाए हुए हैं। आए महीने करोड़ों रुपए की वसूली की जाती है और हवाला के जरिए पैसा ‘बाहर’ भेजा जाता है। कई बार तो मनी ट्रांजैक्शन सीधे कनाडा की जाती है।

पंजाब के अंडरवर्ल्ड में गोल्डी बराड़ को लॉरेंस बिश्नोई के बाद नंबर दो की हैसियत हासिल है। जरूरत पड़ने पर वह खुद बड़े डॉक्टरों और करोड़ों-अरबों का काम करने वाले कारोबारियों को सीधा फोन करके धमकाता है। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने नाम नहीं दिए जाने की शर्त पर बताया कि उसकी धमकी अक्सर असर दिखाती है। जब हम पीड़ित पक्ष के पास जाते हैं तो वे लोग साफ मुकर जाते हैं कि उन्होंने किसी किस्म की कोई रंगदारी दी या उन्हें गोल्डी बराड़ की तरफ से किसी तरह का कोई फोन आया। उक्त पुलिस अधिकारी कहते हैं कि अगर लोग बेखौफ होकर आगे आएं तो उनकी सुरक्षा तो की ही जाएगी बल्कि गैंगस्टरों की जड़े उखाड़ने में कामयाबी मिलेगी, आलम यही रहा तो गैंगस्टर समानांतर सत्ता चलाएंगे। लॉरेंस बिश्नोई का एक अन्य विश्वासपात्र अनमोल बिश्नोई लॉरेंस के लिए राजस्थान व हरियाणा को मॉनिटर करता है।

अनमोल बिश्नोई

एनआईए के भरोसेमंद सूत्रों के मुताबिक लॉरेंस बिश्नोई ने खुद बोला है कि 2018 से 2022 तक उसने उत्तर प्रदेश के खुर्जा से अपने करीबी गैंगस्टर रोहित चौधरी के जरिए हथियारों के सौदागर कुर्बान चौधरी उर्फ शहजाद से हथियारों की मोटी खेप खरीदी थी। इनमें करीब दो करोड़ रुपए के 25 हथियार शुमार थे। इन हथियारों में 99 एमएम की पिस्टल से लेकर एके-47 जैसे खतरनाक हथियार भी थे। पंजाबी गायक सिद्दू मूसेवाला हत्याकांड में इन्हीं हथियारों का इस्तेमाल किया गया था। लॉरेंस बिश्नोई ने गोगी गैंग को जो दो जिगाना पिस्तौल दी थीं, उसी से यूपी के कुख्यात माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की हत्या को अंजाम दिए जाने की बात सामने आई है। गौरतलब है कि अतीक और अशरफ के कातिल सनी सिंह, अरुण मौर्य और लवलेश तिवारी ने यह कबूल किया था कि उन्होंने जिन जिगाना पिस्तौल से अतीक और अशरफ को गोली मारी थी, वो उन्हें दिल्ली के गोगी गैंग से हासिल हुई थी।

लॉरेंस बिश्नोई की कारगुजरियां हत्या, खून-खराबा, अपहरण, फिरौती व रंगदारी से ही नहीं जुड़ी हुईं हैं। अब वह व्हाइट कॉलर क्राइम का भी हिस्सा है। उसका हवाला का कारोबार खूब फल-फूल रहा है। लॉरेंस के लिए हवाला से पैसे लेनदेन करने वाला शख्स मनीष भंडारी है जो (सूत्रों के अनुसार) इस वक्त थाईलैंड में बॉलीवुड क्लब नाम से एक चेन चला रहा है। इसके कई होटल और क्लब हैं, इनमें लॉरेंस बिश्नोई का पैसा लगा हुआ है और यह हवाला कारोबार का मुख्य अड्डा भी है।

लॉरेंस गैंग के गुर्गे मनीष को पैसा भेजते हैं और वह हवाला के जरिए आगे जहां भेजने होते हैं भेज देता है। लगभग रोजमर्रा की बात है कि पाकिस्तान से सटे पंजाब के गांवों में ड्रोन के जरिए हथियारों की सप्लाई बदस्तूर मिल रही है। हथियारों और विस्फोटकों की सप्लाई में हरविंदर सिंह रिंदा का नेटवर्क काम कर रहा है। वह लॉरेंस बिश्नोई का करीबी है। इसके अलावा बब्बर खालसा इंटरनेशनल के मुखिया वधावा सिंह बब्बर के हाथ की बिश्नोई से मिले हुए हैं। यह लोग हिंदुस्तान से भागकर पाकिस्तान में पनाह लिए हुए हैं और आईएसआई के निर्देशानुसार काम करते हैं। पंजाब के मोहाली में आरपीजी अटैक विस्फोट में भी इन्हीं का हाथ था।

अमृतपाल सिंह खालसा

पिछले साल ‘वारिस पंजाब दे’ का स्वयंभू नेता अमृतपाल सिंह खालसा पंजाब आया था तो खुलेआम मंचों से कहा करता था कि गैंगस्टर्स उसकी ‘मुहिम’ और ‘टीम’ का हिस्सा बन जाएं। इस कथन के कई मायने थे। दीगर है कि कोई उसके साथ नहीं गया। इसलिए भी कि तब से लेकर आज तक यही साफ नहीं हो पाया कि आखिर अमृतपाल सिंह इतने तल्ख तेवरों के साथ पंजाब क्यों आया था? वह किन एजेंसियों का बंदा था। आईएसआई से उसके जुड़ाव के कुछ सुबूत जरूर एनआईए को मिले लेकिन उसकी गिरफ्तारी से पहले तक पंजाब पुलिस के कतिपय वरिष्ठ अधिकारी दबी जुबान में कहा करते थे कि वह केंद्रीय एजेंसियों की शह पर राज्य का माहौल बिगाड़ रहा है।

सिद्धू मूसेवाला की हत्या का रोना वह लगातार रोता था और प्रतिशोध की बात करता था लेकिन एक बार भी उसने लॉरेंस बिश्नोई की बाबत नाकारात्मक कुछ नहीं कहा। जबकि अमृतपाल सिंह खालसा की गिरफ्तारी से पहले लॉरेंस बिश्नोई को सिद्धू मूसेवाला हत्याकांड का मुख्य साजिशकर्ता करार दे दिया गया था। पूरा राज्य इस तथ्य से वाकिफ था लेकिन अमृतपाल ने गलती से भी जुबान नहीं खोली। जाहिरन उसका इरादा पंजाब के बिश्नोई के प्रतिद्वंदी गैंगस्टर्स से गठजोड़ करने का था। यह बात पुख्ता होती, इससे पहले ही अमृतपाल सिंह खालसा जेल की सलाखों के पीछे पहुंच गया।

गुरप्रीत सिंह भुल्लर, डीआईजी, एंटी गैंगस्टर विंग

गौरतलब है कि एंटी गैंगस्टर विंग के डीआईजी गुरप्रीत सिंह भुल्लर का कहना है कि,” हमारी फोर्स की तरफ से लगातार अभियान जारी है, राज्य में गैंगस्टरों के नेटवर्क ध्वस्त किए जा रहे हैं। हमारी फोर्स ने बीते एक साल में 625 हथियार बरामद किए हैं जबकि 179 गैंगस्टरों को गिरफ्तार करके जेल की सलाखों के पीछे पहुंचाया है। पांच कुख्यात गैंगस्टर पुलिस के साथ मुठभेड़ में मारे जा चुके हैं।

बहरहाल, लॉरेंस बिश्नोई का अपराधिक साम्राज्य कितनी तेजी से फैला, हैरानी की बात है। उसके साथ पुलिस महकमे की कुछ काली भेड़ें भी हो सकती हैं। वह जेल की सलाखों के पीछे हैं लेकिन बाहर की दुनिया में क्या चल रहा है इसकी पल-पल की जानकारी उसे होती है।

(जारी..)

(पंजाब से अमरीक की विशेष रिपोर्ट।)

विशेष रिपोर्ट: पंजाब गैंगलैंड कैसे बना? ऑपरेशन ब्लू स्टार, मनी लांड्रिंग और नशे का कारोबार!

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