बीजेपी का पतन कर्नाटक से शुरू, नहीं जीतेगी 2024 का लोकसभा चुनाव: खड़गे

बेंगलुरु में एक बार फिर राजनीतिक सरगर्मी तेज है। 2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा के खिलाफ संयुक्त लड़ाई की योजना तैयार करने के लिए यहां विपक्षी दलों की बैठक हो रही है। 17 जुलाई से शुरू हुई विपक्ष की बैठक कल यानि 18 जुलाई तक चलेगी। विपक्ष की बैठक कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़के के भाषण से शुरू हुई। विपक्षी नेताओं को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि कर्नाटक से बीजेपी का पतन शुरू हो चुका है और पार्टी 2024 का लोक सभा चुनाव नहीं जीतेगी।

यहां संवाददाताओं से बात करते हुए उन्होंने कहा कि विपक्ष की बैठक से बीजेपी बौखला गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि पीएम ने दावा किया है कि वह अकेले ही विपक्ष से मुकाबला करने के लिए काफी हैं तो फिर उन्हें 30 पार्टियों को एक साथ लाने की जरूरत क्यों महसूस हो रही है।

खड़गे ने दावा किया कि विपक्ष को एकजुट होते देख भाजपा घबरा गई है और अब संख्या दिखाने के लिए उन पार्टियों को एक साथ ला रही है जो पहले ही बिखर चुकी हैं। उन्होंने कहा कि विपक्षी दल लंबे समय से मिलते रहे हैं और समन्वय करते रहे हैं, यहां तक कि संसद में भी, लेकिन उन्होंने इससे पहले एनडीए के 30 दलों की बैठक के बारे में नहीं सुना था। उन्होंने कहा कि बैठक में एनसीपी प्रमुख शरद पवार भी शामिल होंगे। वे 18 जुलाई को बैठक में हिस्सा लेंगे।

बैठक में कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने कहा कि संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) अगले साल लोकसभा चुनाव जीतेगा, और भाजपा के पतन की शुरुआत कर्नाटक से हुई है, जहां पार्टी मई में विधानसभा चुनाव हार गई थी। सिद्धारमैया ने दावा किया कि भाजपा संसदीय चुनाव हार जाएगी क्योंकि पार्टी को स्पष्ट जनादेश नहीं मिलेगा।

उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि “नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद, मूल्य वृद्धि शुरू हुई और अर्थव्यवस्था नष्ट हो गई। किसानों, दलितों और आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए जीवन-यापन करना मुश्किल हो गया है। साम्प्रदायिकता के कारण लोगों ने अपना चैन भी खो दिया है। लोग डर में जी रहे हैं। यह भाजपा का उपहार है।”

भाजपा नेताओं के इस आरोप पर कि विपक्षी नेता मोदी के डर से एकजुट हो रहे हैं, सिद्धरमैया ने कहा, क्या हमने मोदी का सामना नहीं किया? क्या हम कर्नाटक में मजबूत नहीं हैं? मोदी जहां-जहां (विधानसभा चुनाव के दौरान) प्रचार के लिए गए वहां-वहां कांग्रेस की जीत हुई। बीजेपी का पतन कर्नाटक से शुरू हो गया है।” जनता दल(सेक्युलर) के एनडीए के साथ गठबंधन की संभावना पर मुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा के नेतृत्व वाली पार्टी की कोई विचारधारा नहीं है क्योंकि उसने एक बार राज्य में सरकार बनाने के लिए भाजपा के साथ गठबंधन किया था।

पिछले दो महीनों में यह दूसरी बार है कि बेंगलुरु कई राजनीतिक नेताओं की मेजबानी कर रहा है। क्योंकि उनमें से कई मुख्यमंत्री सिद्धरमैया के शपथ ग्रहण समारोह के लिए एकत्र हुए थे। बेंगलुरु से पहले विपक्ष ऐसी की बैठक पिछले महीने पटना में हुई थी। हालांकि यह बैठक हिमाचल प्रदेश के शिमला में होने वाली थी, लेकिन पहाड़ी राज्य में मौसम की स्थिति के कारण इसे बेंगलुरु में स्थानांतरित कर दिया गया।

पार्टी सूत्रों के मुताबिक केंद्र में भाजपा सरकार की विफलता को उजागर करने के लिए सीट बंटवारे, संभावित साझा कार्यक्रम और रणनीति पर सहमति बनाने से पहले और बैठकें होने की संभावना है। बैठक में मल्लिकार्जुन खड़गे, सोनिया गांधी, राहुल गांधी, ममता बनर्जी, एमके स्टालिन, अखिलेश यादव, उद्धव ठाकरे, हेमंत सोरेन, सीताराम येचुरी, हरीश रावत समेत 26 विपक्षी दलों के वरिष्ठ नेता दो दिवसीय बैठक में शामिल हो रहे हैं। इससे पहले बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की तरफ से 23 जून को आयोजित विपक्ष की बैठक में पंद्रह दलों ने भाग लिया था।

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