मंदी के दौर में प्रवेश कर गयी है वैश्विक अर्थव्यवस्था: आईएमएफ़ चीफ

नई दिल्ली। कोरोना महामारी ने वैश्विक अर्थव्यवस्था को बिल्कुल घुटनों के बल ला दिया है। विकासशील राष्ट्रों को फिर से रास्ते पर लाने के लिए भीषण फंड की ज़रूरत होगी। ऐसा आईएमएफ़ चीफ़ क्रिस्टैलिना का कहना है। इसके साथ ही उन्होंने कहा है कि दुनिया एक बार फिर मंदी के दौर में प्रवेश कर गयी है। और यह मंदी 2009 से भी बुरी होगी। 

उन्होंने कहा कि एकाएक दुनिया बिल्कुल ठप हो गयी है। बाज़ार को फिर से रास्ते पर लाने के लिए उनका कहना था कि 2.5 ट्रिलियन डालर फंड की ज़रूरत होगी। साथ ही उनका कहना है कि इस काम के लिए यह न्यूनतम राशि है।

आज वह एक ऑन लाइन प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित कर रही थीं। उन्होंने कहा कि घेरलू संसाधन नाकाफ़ी हैं और बहुत देशों पर पहले से ही बहुत ज़्यादा क़र्ज़ है। क्रिस्टैलिना ने कहा कि “हम इस बात को जानते हैं कि उनके अपने रिज़र्व और घरेलू संसाधन पर्याप्त नहीं होंगे।” आगे उन्होंने कहा कि ज़्यादा करने के लिए, बेहतर करने के लिए इसे पहले से भी और तेज करना होगा।

आईएमएफ़ चीफ़ रिपोर्टरों से ऑनलाइन वर्चुअल माध्यम से मुख़ातिब थीं। उन्होंने यह प्रेस कांफ्रेंस वाशिंगटन में क़र्ज़ देने वालों की स्टीयरिंग कमेटी की बैठक के बाद संबोधित की। इस बैठक में उन्होंने आपातकालीन सुविधाओं के लिए फंड को बहुत तेजी से बढ़ाने की गुज़ारिश की। आपको बता दें कि मौजूदा समय में यह राशि 50 बिलियन डालर है।

उन्होने अमेरिका में सरकार द्वारा 2.2 ट्रिलियन डालर के पैकेज दिए जाने की घोषणा का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि एकाएक आर्थिक गतिविधियों में आई गिरावट के बाद दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था को सुगम बनाने के लिए यह बहुत ज़रूरी हो गया था।  

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