पति का बदला पत्नी से! सीएए का विरोध करने पर योगी सरकार ने प्रयागराज स्थित डॉ. आशीष मित्तल की पत्नी का क्लीनिक किया सील

नई दिल्ली/प्रयागराज। योगी सरकार बदले की कार्रवाई पर उतर आयी है। आज सुबह प्रयागराज में डॉ. माधवी मित्तल के अलट्रासाउंड सेंटर को इसलिए सील कर दिया गया क्योंकि उनके पति डॉ. आशीष मित्तल सीएए के खिलाफ रोशनबाग में चल रहे प्रदर्शन का सक्रिय समर्थन कर रहे हैं। दिलचस्प बात यह है कि नोटिस देने के दूसरे ही दिन प्रशासन उनका क्लीनिक सील करने धमक पड़ा। और यह सब उस समय किया गया जब खुद डॉ. माधवी मित्तल शहर में मौजूद नहीं थीं।

एक रिपोर्ट के मुताबिक कल शाम 7 बजे प्रशासन ने डॉ. मित्तल की क्लीनिक पर रेड डाली थी। तीन दिनों के लिए शहर से बाहर जाने के चलते वह उस समय मौजूद नहीं थीं। प्रशासन के इंस्पेक्शन रिकार्ड में भी इस बात का जिक्र है। बताया जा रहा है कि आज प्रशासन पूरे दल और बल के साथ उनकी क्लीनिक पर धमक पड़ा। स्टाफ ने प्रशासन को एक बार फिर सारे रिकार्ड दिखाए। इस सिलसिले में रोजाना के मरीजों की आगत से लेकर हर तरह के रिकार्ड उसके पास थे। और बाकी जानकारी हासिल करने के लिए स्टाफ ने एसडीएम को डॉ. माधवी मित्तल से फोन पर बात कराने की बात कही। 

लेकिन उन्होंने ऐसा करने से इंकार कर दिया। उनका कहना था कि उन्हें क्लीनिक सील करने का आदेश मिला है। जबकि कानून में इस तरह का कोई प्रावधान नहीं है। कल की रिपोर्ट में ऐसा कुछ नहीं था जिसके आधार पर इस तरह की कोई कार्रवाई की जा सके। लेकिन अपनी कार्रवाई को वैध ठहराने के लिए प्रशासन ने आज एक दूसरी रिपोर्ट बना दी और उसमें कुछ अनियमितताएं भी दिखा दीं। 

आपको बता दें कि डॉ. माधवी मित्तल ने 1983 में एमबीबीएस किया था उसके बाद पीजी यानी एमडी की डिग्री उन्होंने 1986 में एम्स से ली थी। दरअसल माधवी के पति आशीष मित्तल जो खुद भी एक डॉक्टर हैं, इस समय इलाहाबाद के रोशन बाग में चल रहे सीएए विरोधी आंदोलन में सक्रिय हैं। डॉ. आशीष ऑल इंडिया किसान मजदूर सभा के महासचिव भी हैं। 

इस मामले में डॉ. आशीष मित्तल से जनचौक की बात हुई। उन्होंने बताया कि प्रशासन कल आया था और उसने जो रिपोर्ट बनायी थी उसमें कोई अनियमितता नहीं थी। लेकिन आज उसने अनियमितता दिखाकर नई रिपोर्ट पेश कर दी। उनका कहना था कि क्लीनिक की मालिक शहर से बाहर हैं यह दोनों रिपोर्टों में दर्ज है। बावजूद इसके प्रशासन ने क्लीनिक सील कर दी। उन्होंने बताया कि प्रशासन की जब डॉ. माधवी मित्तल से बात करवाने की कोशिश की गयी तो उसने बात करने से इंकार कर दिया। और कहा कि उन्हें सील करने का निर्देश मिला है लिहाजा वो सील करके जाएंगे। 

डॉ. मित्तल ने बताया कि उनकी पत्नी माधवी का किसी भी राजनीतिक गतिविधि से कुछ लेना-देना नहीं है। वह शुद्ध रूप से एक प्रोफेशनल डॉक्टर हैं। अपने बारे में उन्होंने कहा कि वह राजनीति करते हैं। और वह किसी भी रूप में गैरसंवैधानिक बात नहीं है। लिहाजा मेरी किसी गतिविधि का बदला अगर मेरी पत्नी से लिया जा रहा है तो वह पूरी तरह से न केवल गैरकानूनी और गैर संवैधानिक है बल्कि व्यक्तिगत स्वतंत्रता का भी खुला उल्लंघन है।

तमाम संगठनों ने प्रशासन की इस कार्रवाई का विरोध किया है। प्रोग्रेसिव मेडिकोज एंड साइंटिस्ट फोरम (पीएमएसएफ) ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया जाहिर की है। उसने कहा है कि योगी सरकार ने इस हरकत से खुद का स्तर और गिरा लिया है। अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर किसी महिला के साथ इस तरह की हरकत ने उसके महिला विरोधी चरित्र का पर्दाफाश कर दिया है। इस मौके पर पहुंचे हाईकोर्ट के वरिष्ठ वकील कमल कृष्ण राय ने जब प्रशासनिक अमले का नेतृत्व कर रहे एसडीएम से कार्रवाई का कानूनी आधार पूछा तो वह बगले झांकने लगे। उन्होंने कहा कि उन्हें सील करने का यह आदेश ऊपर से मिला है।  

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