अमृतपाल सिंह खालसा की पत्नी किरणदीप को तीसरी बार इंग्लैंड जाने से रोका गया

‘वारिस पंजाब दे’ के स्वयंभू मुखिया और खालिस्तानी अलगाववादी अमृतपाल सिंह खालसा की पत्नी किरण दीप कौर को इंग्लैंड जाने से रोक लिया गया। माना जाता है कि उसके पास अमृतपाल सिंह के (असफल) अभियान की बाबत कुछ अहम जानकारियां हैं। इस सिलसिले में उसने अपनी जुबान बंद रखी हुई है। लेकिन एजेंसियां और पुलिस उसे क्रॉस क्वेश्चनिंग में उलझाए रखती हैं ताकि अमृतपाल की बाबत कोई नई बात पता चल सके।

किरणदीप कौर बाकायदा ब्रिटिश नागरिक है और उसका मायका वहीं है। उसे पहली बार नहीं बल्कि तीसरी बार इंग्लैंड जाने से रोका गया है। इस मसले पर उसकी कोई भी अपील और दलील काम नहीं आ रही। उसका पति अमृतपाल सिंह खालसा कई दिन की फरारी के बाद पंजाब पुलिस और केंद्रीय एजेंसियों की गिरफ्त में आया और अब रासुका के तहत असम की डिब्रूगढ़ जेल में बंद है।

किरणदीप कौर लगातार इससे इनकार करती रही हैं कि वह अपने पति के किसी भी तरह के अलगाववादी मिशन में शामिल रहीं हैं। उसका कहना रहा है कि वह नहीं जानती कि उसके पति की क्या कारगुजारियां थीं। अमृतपाल उससे कुछ भी चर्चा नहीं करता था बल्कि उनकी बातचीत पति-पत्नी के बीच होने वाली सामान्य बातों तक सीमित थी। अजनाला कांड और अमृतपाल सिंह खालसा की संदिग्ध परिस्थितियों में फरारी के बाद वह स्थानीय पुलिस और अन्य एजेंसियों के रडार पर थी।

सूत्रों के मुताबिक पहले उसका पासपोर्ट जब्त कर लिया गया था लेकिन दूतावास के हस्तक्षेप के बाद लौटा दिया गया। किरणदीप कौर का कहना है, “मुझे तीसरी बार इंग्लैंड जाने से रोका गया है और कोई ठोस वजह भी नहीं बताई जा रही। वह ब्रिटिश नागरिक हैं और कानून के अनुसार तय सीमा तक देश में दाखिला लेने की जरूरत है। एक ब्रिटिश नागरिक होने के नाते मुझ पर विभिन्न नियम लागू होते हैं। समझ नहीं आता कि मुझे क्यों यहां से जाने नहीं दिया जा रहा।”

किरणदीप ने आगे कहा कि “ऐसा आश्वासन हर बार मिला कि वह आराम से इंग्लैंड जा सकती हैं। मैंने ठीक एक महीना पहले 14 जुलाई के लिए एक फ्लाइट बुक की थी। रवानगी की सुबह तक मुझे बताया जा रहा था कि मेरे जाने में कोई अड़चन नहीं पैदा होगी। फिर बोर्डिंग के समय से कुछ घंटे पहले मुझे बताया गया कि मैं यह देश छोड़कर नहीं जा सकती।”

उन्होंने कहा कि “मुझे 18 तारीख तक इंतजार करने के लिए कहा गया, इसलिए मैंने 19 जुलाई के लिए फिर फ्लाइट बुक की। इस दौरान किसी भी एजेंसी के अधिकारी ने मुझसे सीधे या स्पष्ट तौर पर कोई बात नहीं की और वह ऐसे तमाम संदेश पहुंचाने के लिए मेरे संपर्कों से ही बात करते थे। मुझे कुछ दिनों के भीतर इंग्लैंड नहीं जाने दिया गया तो मेरे लिए बड़ी समस्या खड़ी हो जाएगी।”

गौरतलब है कि किरणदीप कौर यकीनन खुफिया एजेंसियों के सीधे रडार पर है। पुलिस और एजेंसियां उससे कई बार बाकायदा पूछताछ कर चुकी हैं। उसका लैपटॉप और मोबाइल फोन भी कई बार खंगाला जा चुका है लेकिन आपत्तिजनक कुछ नहीं मिला।

असम की डिब्रूगढ़ जेल में बंद अपने पति अमृतपाल सिंह खालसा से वह कई बार अपने ससुरालियों के साथ मिली है। उसने कभी कोई विवादास्पद बयान नहीं दिया और एजेंसियों द्वारा ब्रिटेन में कराई गई जांच में यह भी सामने आया बताया जाता है कि किरणदीप कौर के मायके वालों का खालिस्तानी मूवमेंट से दूर का कोई वास्ता नहीं।

विभिन्न पंथक संगठनों ने किरणदीप कौर को तीसरी बार इंग्लैंड न जाने देने की तीखी निंदा की है। उधर, किरणदीप कौर का परिवार भारतीय दूतावास के संपर्क में है और खुद किरणदीप ब्रिटेन दूतावास तक संपर्क करने की तैयारी में है। अंतरराष्ट्रीय-राष्ट्रीय स्तर के कुछ मानवाधिकार संगठन भी उसका समर्थन कर रहे हैं। किरणदीप के अनुसार वह बड़ी से बड़ी अदालत में अपना मामला लेकर जाएगी। उसे यहां जबरन रोका गया है जो हर लिहाज से सही नहीं है।

(अमरीक वरिष्ठ पत्रकार हैं।)

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