फिर हुई राजीव यादव के अपहरण की कोशिश

ख़िरिया बाग। आज़मगढ़ के खिरियाबाग आंदोलन के नेता राजीव यादव का एक बार फिर अपहरण करने की असफल कोशिश की गयी। राजीव यादव आजमगढ़ के जिलाधिकारी से तीसरे दौर की वार्ता के बाद आंदोलनस्थल वापस आ रहे थे।

मिली सूचना के मुताबिक किसान नेता राजीव यादव और वीरेंद्र यादव पौने तीन बजे के करीब भवर नाथ के पास पंहुचे तो चार मोटरसाइकिल और दो चार पहिया वाहन सवार लोगों ने जबरन किसान नेताओं की बाइक रूकवा ली। हाथ में असलहा लिए अपराधियों ने कहा कि तुम लोग किसान नेता हो रूक जाओ नहीं तो मार देंगे। अपराधी दोनों को जबरन उठाने का प्रयास कर ही रहे थे कि वार्ता में शामिल अन्य किसानों की गाड़ी पीछे से वहां पंहुच गई। महिलाओं ने जब किसान नेताओं को बचाने की कोशिश की तो उसमें हाथापाई भी हुई वो लोग गाली देते हुए भाग निकले।

गौरतलब है कि खिरियाबाग में 113 दिन से चल रहे आंदोलन के किसानों मज़दूरों की जिलाधिकारी से तीसरे दौर की वार्ता बेनतीजा रही। प्रशासन किसान-मजदूर वार्ताकारों के तर्कों का जवाब देने से भागता रहा और वार्ता में प्रशसन द्वारा किसानों-मज़दूरों के ऊपर तल्ख रुख भी अख्तियार किया गया। आंदोलकारियों ने स्पष्ट कहा कि जब तक अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट के विस्तारीकरण की परियोजना रदद् नहीं होती धरना चलता रहेगा। वार्ता के बाद आंदोलनकारियों के साथ राजीव यादव खिरिया बाग के लिए निकले ही थे कि रास्ते में उनके अपहरण की कोशिश हुई।

पूर्व में किसान नेता राजीव यादव और अन्य अधिवक्ता विनोद यादव का 24 दिसंबर को वाराणसी में एसटीएफ क्राइम ब्रांच ने अपहरण करके मारपीट किया था।

किसान नेताओं ने कहा कि अगर उनके साथ कोई अप्रिय घटना होती है तो उसकी सम्पूर्ण ज़िम्मेदारी शासन-प्रशासन की होगी। जिलाधिकारी से वार्ता के बाद जिस तरीके से किसान नेताओं के अपहरण की कोशिश की गई वह एक खतरनाक साजिश की तरफ इशारा करता है।

किसान नेताओं ने इसके पहले भी आरोप लगाया है कि जब 24 दिसंबर को वाराणसी से उठाया गया तो अपहरणकर्ता के फ़ोन पर वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, आजमगढ़ के नंबर से फ़ोन आ रहा था। ऐसे में किसान नेताओं की सुरक्षा की ज़िम्मेदारी सरकार पर होगी। वीरेंद्र यादव और राजीव यादव द्वारा दी गई तहरीर पर कंधरापुर थाना ने अभी तक एफआईआर तक दर्ज नहीं हुई। घटना की गम्भीरता को देखते हुए पुलिस द्वारा किए जा रहे एक्शन से प्रतीत होता है की वह अपराधियों पर कार्रवाई करने से बच रही है।

मंदुरी हवाई अड्डा के विस्तारीकरण पर फौरन रोक लगाए सरकार

भाकपा माले रेडस्टार के उत्तर प्रदेश राज्य समन्वयक कन्हैया ने सरकार से जनभावनाओं का सम्मान करते हुए आजमगढ़ मंदुरी हवाई अड्डा के विस्तारीकरण पर फौरन रोक लगाने की तथा आंदोलनकारियों के खिलाफ पुलिस करवाई को बंद करने की मांग की है।

कन्हैया ने कहा कि आजमगढ़ मंदुरी हवाई अड्डा विस्तारीकरण से प्रभावित गांवों की सम्पूर्ण जनता हवाई अड्डा बिस्तारीकरण के खिलाफ है। वैसे भी आज तक मंदुरी हवाई अड्डा पर एक जहाज तक नहीं उतरा है। जिस हवाई अड्डा पर आजतक एक जहाज तक नहीं उतरा हो, उसके बिस्तारीकरण का जनहित में कोई औचित्य नहीं है।

इसलिए हवाई अड्डा बिस्तारीकरण के लिए जमीन -मकान से आमजन को बेदखल कर भूमि अधिग्रहण करने की कार्यवाही पर फौरन रोक लगना चाहिए। उन्होंने ने आगे कहा कि भूमि अधिग्रहण कानून के तहत लोगों की बिना इजाजत एवं सहमति लिए हवाई अड्डा बिस्तारीकरण के लिए भूमि अधिग्रहण करना कानून का उल्लंघन है।

उन्होंने कहा कि एक तरफ मोदी के नेतृत्व वाली सरकार कारपोरेट घरानों और पूंजीपतियों को देश के हवाई अड्डे को बेच रही है तो योगी आदित्यनाथ सरकार आजमगढ़ मंदुरी हवाई अड्डा बिस्तारीकरण के लिए पुलिस और प्रशासन के बल पर बलपूर्वक जनता का दमन करके, जमीन-मकान से आमजन को बेदखल करके भूमि अधिग्रहण क्यों कर रही है?

आखिर हवाई अड्डा बिस्तारीकरण के नाम पर भूमि अधिग्रहण करने के पीछे सरकार का असली मकसद और मंशा क्या है? जनता की जमीन-मकान को लूट कर अडानी अम्बानी जैसे कारपोरेट घरानों को जमीन और हवाई अड्डा सरकार क्यों देना चाहतीं हैं?

उन्होंने आन्दोलनरत किसानो की मांगों को पूरा करने और कॉरपोरेट घरानों के विकास के नाम पर विनाशकारी आजमगढ़ मंदुरी हवाई अड्डा बिस्तारीकरण की कार्यवाही पर फौरन रोक लगाने की मांग की है। साथ ही आंदोलन के नेता राजीव यादव और अन्य साथियों को पुलिस प्रशासन द्वारा प्रताड़ित किए जाने की तीव्र निंदा की है।

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