निष्कासन के बाद महुआ मोइत्रा और होंगी लोकप्रिय, ED-CBI ​​लोकसभा चुनाव के बाद भाजपा के पीछे होंगी: ममता बनर्जी

नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री एवं टीएमसी सुप्रीमो ममता बनर्जी मोदी सरकार बड़ा हमला बोला है। उन्होंने पहली बार सार्वजनिक रूप से महुआ मोइत्रा के लोकसभा से निष्कासन की योजना पर केंद्र सरकार को कटघरे में खड़ा किया है। ममता बनर्जी ने कहा कि विभिन्न मामलों में उनकी पार्टी के नेताओं की गिरफ्तारी के बाद, सांसद महुआ मोइत्रा के निष्कासन की योजना बनाई जा रही थी, लेकिन इससे अंततः उन्हें चुनाव में मदद मिलेगी।

ममता बनर्जी ने गुरुवार नेताजी इंडोर स्टेडियम में टीएमसी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि जो केंद्रीय एजेंसियां ​​वर्तमान में विपक्षी नेताओं को निशाना बना रही हैं, वे 2024 के लोकसभा चुनावों के बाद भाजपा के पीछे पड़ जाएंगी। उन्होंने दावा किया कि केंद्र में सरकार तीन महीने और चलेगी।

पिछले सप्ताह टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा लोकसभा से निष्कासन की सिफारिशों का सामना कर रहे थी, उसी समय ममता बनर्जी ने मोइत्रा के पक्ष में पार्टी के मजबूती सेस खड़े रहने का संदेश देते हुए उन्हें नादिया जिले में पार्टी के संगठन को मजबूत करने का काम सौंपा था।

ममता बनर्जी ने नेताजी इंडोर स्टेडियम में पार्टी के एक विशेष सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि “अब, वे महुआ को (संसद से) बाहर निकालने की योजना बना रहे हैं। परिणामस्वरूप वह और अधिक लोकप्रिय हो जाएंगी। जो कुछ वह (संसद) के अंदर कहती थीं, अब वह वही बातें बाहर कहेंगी। क्या कोई चुनाव के तीन महीने पहले ऐसा कुछ करेगा यदि वह मूर्ख नहीं है तो?”

भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने वकील जय अनंत देहाद्राई के माध्यम से लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को तृणमूल कांग्रेस सदस्य के खिलाफ एक शिकायत भेजी थी, जिसमें उन पर अडानी समूह और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को निशाना बनाने के लिए व्यवसायी दर्शन हीरानंदानी के इशारे पर सदन में प्रश्न पूछने के लिए रिश्वत लेने का आरोप लगाया गया था।

भाजपा सांसद विनोद कुमार सोनकर की अध्यक्षता वाली लोकसभा आचार समिति ने इस महीने की शुरुआत में मोइत्रा के खिलाफ आरोप पर अपनी रिपोर्ट स्पीकर के कार्यालय को सौंपी थी।

समिति में बहुमत से अपनाई गई रिपोर्ट में मोइत्रा को व्यवसायी के इशारे पर संसद में सवाल उठाने के लिए  “रिश्वत” स्वीकार करने का आरोप लगाते हुए सदन से निष्कासित करने की सिफारिश की गई।

जवाब में, मोइत्रा ने फैसले को “कंगारू अदालत द्वारा पूर्वनिर्धारित फैसला” के रूप में खारिज कर दिया और इसे “संसदीय लोकतंत्र की मौत” माना।

बनर्जी ने पार्टी कार्यकर्ताओं से कहा, “वर्तमान में विपक्षी नेताओं को निशाना बना रही केंद्रीय एजेंसियां ​​2024 के चुनावों के बाद भाजपा के पीछे जाएंगी।” उन्होंने कहा, “केंद्र में यह सरकार तीन महीने और रहेगी।”

बनर्जी ने यह भी दावा किया कि भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार आरक्षण को खत्म करना चाहती है और उन्होंने कहा कि वह इसका विरोध करेंगी। भाजपा अल्पसंख्यकों के लिए आरक्षण के खिलाफ है, लेकिन हम उन्हें ओबीसी कोटा के माध्यम से इस प्रणाली के तहत लाएंगे।

बनर्जी ने यह भी आरोप लगाया कि मेट्रो रेलवे स्टेशनों से लेकर क्रिकेट टीम तक देश का ‘भगवाकरण’ करने की कोशिशें जोरों पर चल रही हैं। उन्होंने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा, “भगवा ‘त्यागियों’ का रंग है, लेकिन आप ‘भोगी’ हैं।”  

टीएमसी प्रमुख ने यह भी दावा किया कि अगर विश्व कप फाइनल अहमदाबाद के बजाय कलकत्ता या मुंबई में होता तो भारत जीत जाता।

उन्होंने कहा, “उन्होंने विश्व कप में सभी मैच जीते, सिवाय उस मैच को छोड़कर जिसमें पापियों ने भाग लिया था।”

बनर्जी ने देश की अर्थव्यवस्था की स्थिति को लेकर भी केंद्र पर हमला बोला। उन्होंने कहा, “बैंकिंग क्षेत्र मंदी में है और पीएसयू बेचे जा रहे हैं,” उन्होंने कहा कि बेरोजगारी दर भी बहुत अधिक है।

उन्होंने पश्चिम बंगाल के रास्ते बांग्लादेश में गाय की तस्करी के आरोपों को लेकर बीजेपी को आड़े हाथों लिया। उन्होंने पूछा, “बांग्लादेश में तस्करी के लिए गायों को यूपी समेत विभिन्न राज्यों से लाया जाता है।”

मुख्यमंत्री ने कहा कि पश्चिम बंगाल तेजी से निवेश गंतव्य के रूप में विकसित हो रहा है।  सभी बड़ी आईटी कंपनियां कोलकाता की ‘सिलिकॉन वैली’ परियोजना में निवेश कर रही हैं।

(जनचौक की रिपोर्ट।)

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