बिहटा के अमनाबाद बालूघाट गोलीकांड घटनास्थल का भाकपा-माले विधायकों व नेताओं का दौरा

पटना जिला के बिहटा प्रखंड के अमनाबाद बालू घाट पर बालू माफियाओं के बीच कल हुई भीषण गोलीबारी के उपरांत आज भाकपा-माले की एक टीम ने घटनास्थल का दौरा किया। इसमें पालीगंज विधायक संदीप सौरभ और फुलवारीशरीफ विधायक गोपाल रविदास के अलावा बिहटा प्रखंड सचिव सुरेंद्र यादव, मनेर के प्रखंड सचिव सुधीर कुमार समेत माले के अन्य नेता कार्यकर्ता शामिल थे। बाद में माननीय खनन मंत्री रामानंद यादव भी वहाँ पहुँचे।

अमनाबाद बालू घाट पर मौजूद ग्रामीणों से जांच दल ने बातचीत की। लंबे समय से बालू माफियाओं द्वारा सोन नदी के बीच स्थित भूखंड पर अवैध रूप से बालू खनन किया जा रहा है। माफियाओं द्वारा बिहार सरकार द्वारा 103 महादलित परिवारों को दी गई 2-2 एकड़ जमीन को कटाई से खत्म कर दिया गया। इसके बाद अब किसानों की रैयती जमीन को भी अवैध बालू खनन द्वारा नष्ट कर रहे हैं।

सरकार की लचर नीतियां और खनन विभाग तथा पुलिस अधिकारियों की लापरवाही के कारण ही बालू माफियाओं के आपसी वर्चस्व की लड़ाई में कल कई राउंड फायरिंग हुई। ग्रामीणों के अनुसार इस गोलीबारी में कम से कम 20 लोगों की जान गई है, लेकिन सरकार द्वारा मृतकों की संख्या कम करके बताई जा रही है। इतना ही नहीं ग्रामीण किसानों का यह भी कहना है कि अवैध बालू खनन कर उनकी जमीन नष्ट किये जाने के संबंध में जब किसानों द्वारा इसकी शिकायत पटना ग्रामीण एसपी को दी गई तब उनका जवाब था कि तुम लोग भी उसी में जाकर मरो-खपो।

घटनास्थल के मुआयना के बाद माले जांच दल ने मृतकों के परिजनों से मिलने नागाटोला गोरिया स्थान और भूधर टोला ब्यापुर पहुंचे। नागा टोला के शत्रुघन यादव उम्र 55 साल तथा भूधर टोला के लालदेव राय उम्र 45 साल की मौत की खबर अखबारों के माध्यम से परिजनों को पता चला। दोनों के परिजनों की एक ही मांग है कि उनके मृत शरीर को परिवार को सौंपा जाए। उनका कहना है कि बालू माफियाओं ने हत्या करने के बाद बालूघाट में ही पोकलेन मशीन से दफन कर दिया है। परिजनों से बात करते हुए पालीगंज विधायक ने एसएसपी पटना व डीएसपी दानापुर को फोन कर तत्काल मृत शरीर को खोज कर परिवार को सौंपने के लिए कहा।

जांच दल के रिपोर्ट के आधार पर भाकपा माले द्वारा इस संबंध में बिहार के मुख्यमंत्री को अपना ज्ञापन सौंपा जाएगा।

गोलीकांड में मारे गए सभी लोगों के मृत शरीर को खोज कर उनके परिजनों तक पहुंचाया जाए। अवैध बालू खनन पर रोक लगाने के लिए सख़्त और पारदर्शी कानून बनाई जाए तथा इस क्षेत्र में हिस्ट्रीशीटर व्यवसाइयों तथा भ्रष्ट अधिकारियों की पहचान कर उन्हें खनन प्रक्रिया से पूरी तरह बाहर निकाला जाए। साथ ही अवैध बालू खनन के चलते जिन किसानों और दलितों की जमीन कटाव ग्रस्त होकर समाप्त हो गई उसकी समुचित जांच कर उचित मुआवजा दिया जाए।


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