दलित महिला से बलात्कार पर नीतीश कुमार की चुप्पी का क्या है राज

पटना/भोजपुर। भोजपुर के गड़हनी थाना के बगवां में 29 जून को शौच करने जा रही 22 साल की महिला जो 2 बच्ची की मां है के साथ गांव के सामंती मिजाज के 3 गुंडों ने बलात्कार किया। जब महिला ने विरोध किया तो उसके साथ मारपीट की गयी और बदमाशों ने उसके गाल को दांत से काट लिया। पीड़िता का कहना है कि उसके साथ बलात्कार मुंह में घास और कपड़ा ठूंस कर किया गया।
इस सिलसिले में 30 जून 19 को दिन के 11 बजे आरा महिला थाने में FIR दर्ज हो गया है। बलात्कारी चन्द्रेश कुमार सिंह पिता / बिहारी सिंह, उम्र 32 साल जिसने कुछ दिन पहले भी एक दलित महिला से बलात्कार करने का प्रयास किया था। इस मामले का मुख्य आरोपी है इसके अलावा 2 दूसरे लोगों को महिला पहचान नहीं सकी। उसका कहना है कि बलात्कर 8 बजे रात को हुआ। घटना की सूचना मिलने के बाद ही लोग उमड़ पड़े और उन्होंने बलात्कार के आरोपी का घर घेर लिया। लेकिन वह तब तक भाग चुका था। माले नेताओं का कहना है कि इस गांव में गरीबों पर वर्षों से सामंती जुल्म होते रहे हैं। इस घटना के खिलाफ आवाज नहीं उठाने के लिए कल से ही सामंती ताकतें गरीबों को गोली मारने की धमकी दे रही हैं। लेकिन उनका कहना है कि गरीब दलित जनता इन धमकियों से डरने वाली नहीं है और सैकड़ों की संख्या में दलित- गरीब, महिला और नौजवान सामने आ गए हैं। इसके साथ ही आरा-सासाराम मुख्य मार्ग को पीड़िता को न्याय दिलाने, बलात्कारियों को तत्काल गिरफ्तार करने, स्पीडी ट्रायल चला कर एक माह में सजा दिलाने, गड़हनी थाना प्रभारी को निलम्बित करने, पीड़िता का समुचित इलाज करवाने, उसकी सुरक्षा की गारंटी करने की मांग करते हुए लगभग 5 घंटे सड़क जाम कर दिया।
घंटों बाद भोजपुर एसपी के निर्देश पर आरा डीएसपी पंकज कुमार वार्ता के लिए जामस्थल पर पहुंचे जहां आक्रोशित माले नेता व जनता ने पुलिस प्रशासन के खिलाफ जमकर नारे लगाए और आंदोलनकारियों ने यह मांग रखी कि पहले बलात्कार के आरोपी के घर छापेमारी हो उसके बाद ही वार्ता होगी। जनता के दबाव में डीएसपी पंकज कुमार को आरोपी के घर जाकर उसके पिता बिहारी सिंह को गिरफ्तार करना पड़ा। तब जाकर वार्ता हुई। वार्ता में बलात्कार के आरोपियों को 24 घंटे के अंदर गिरफ्तार करने, स्पीडी ट्रायल चला कर एक माह में सजा दिलाने, गड़हनी थाना थाना प्रभारी को निलम्बित करने पीड़िता का समुचित इलाज करवाने, उसकी सुरक्षा की गारंटी करने लिखित आश्वासन पर सड़क जाम को छोड़ा गया।
जाम स्थल पर सभा को सम्बोधित करते हुए भाकपा-माले केंद्रीय कमेटी सदस्य मनोज मंज़िल ने कहा कि भाजपा जब से दुबारा सत्ता में आई है उसने सामन्तों- गुंडों-अपराधियों को गरीब-दलितों, अल्पसंख्यक- महिलाओं पर हमला करने का प्रमाणपत्र दे दिया है। आज बिहार में लगातार महिलाओं-बच्चियों के साथ बलात्कार-हत्या की घटनाएं हो रही हैं। जैसे भाजपा-जदयू की सरकार ने सामंतों को बलात्कार करने की खुली छूट दे रखी है।
उन्होंने भोजपुर प्रशासन को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर 24 घंटे के अंदर बलात्कार के आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं होगी तो बगवां की बहादुर जनता उसके घर पर चढ़ कर उसे सजा देने का काम करेगी। बगवां की सरपंच ने प्रदर्शनकारियों को सम्बोधित करते हुए कहा कि आज महिलाओं को घर से निकलना मुश्किल हो गया है। बलात्करियों की गिरफ्तारी नहीं होगी तो हम महिला संगठन के द्वारा लगातार आंदोलन कर सजा दिलाने का काम करेंगे। यह जाम भाकपा-माले केंद्रीय कमेटी सदस्य मनोज मंज़िल, भाकपा-माले प्रखंड सचिव महेश सिंह, शारदा देवी बगवां पंचायत के सरपंच,सरस्वती देवी, माले नेता रामछपित राम, ओमप्रकाश सिंह, रामायण यादव के नेतृत्व में किया गया था।

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