कोरोना से निपटने के लिए बेहतर स्वास्थ्य व्यवस्था पर बहस की जरूरत: आईपीएफ


लखनऊ। एक तरफ पूरे प्रदेश में कोरोना महामारी फिर से तेजी से फैल रही है आम नागरिकों के जीवन पर संकट आया हुआ है। ऐसी स्थिति में जनता की स्वास्थ्य सुविधाओं की बेहतरी और सबके लिए इलाज की व्यवस्था के सवाल पर बोलने की जगह कृष्ण किसके सपने में आए जैसी बातें सत्ताधारी दल और प्रमुख विपक्षी दल द्वारा बोली जा रही है जो जनता का उपहास उड़ाना है। यह बयान आल इंडिया पीपुल्स फ्रंट के राष्ट्रीय अध्यक्ष एस. आर. दारापुरी ने प्रेस को जारी किया।
उन्होंने कहा कि देश में ओमिक्रोन और डेल्टा वायरस तेजी से पैर पसार रहा है। इससे निपटने के लिए सत्ता पक्ष और विपक्ष क्या बेहतर व्यवस्था करेंगे लोगों के शिक्षा, रोजगार, भूमि अधिकार जैसे मूलभूत प्रश्नों पर ध्यान देने राजनीतिक मुद्दा बनाने की जगह धार्मिक और साम्प्रदायिक धुव्रीकरण की कोशिश तेज होती जा रही है। जनता इस तरह की राजनीति से सचेत हो जाए और बुनियादी मांगों पर अपनी राजनीतिक आवाज को तेज करे। दारापुरी ने कहा कि लगता है कि समाजवादी पार्टी के पास भाजपा की साम्प्रदायिक राजनीति को परास्त करने के लिए न तो समाजवादी विचारधारा है और न ही उसके पास जन मुद्दा है। सभी लोकतांत्रिक ताकतों का यह दायित्व है कि वह इन दलों के ऊपर दबाव बनाए जिससे की वो जन मुद्दों पर आएं और स्वास्थ्य, रोजगार, शिक्षा, भूमि अधिकार जैसे बुनियादी मुद्दों पर अपनी नीति घोषित करे। इलाहाबाद में युवा मंच द्वारा बराबर प्रभावशाली ढंग से मुद्दों को उठाने का आइपीएफ समर्थन करता है। वहीं दुद्धी में चल रहे आदिवासियों के वनाधिकार और सीतापुर में चल रहे मजदूरों और दलितों के भूमि अधिकार और मनरेगा आंदोलन का पूरी तौर पर आइपीएफ ने समर्थन किया है।

(प्रेस विज्ञप्ति पर आधारित।)

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