दिल्ली: भाई के सामने बहन से गैंगरेप

राजधानी दिल्ली में महिलाओं की सुरक्षा को लेकर केजरीवाल सरकार कितने भी दावे करे लेकिन पिछले दो दिन में दो घटनाओं ने केजरीवाल सरकार के दावों की पोल खोल रख दी है। 20 मार्च को रोहिणी इलाके में दिनदहाड़े चैन स्नेचिंग और फायरिंग की घटना के बाद 18-19 मार्च की रात दिल्ली में एक युवती से गैंगरेप की ख़बर के बाद दिल्ली सहम सहम सी गई है। 

बता दें कि दिल्ली के फतेहपुर बेरी इलाके में 18-19 मार्च की रात को शराब पीकर घुम रहे तीन दोस्तों ने एक 25 वर्षीय युवती के साथ गैंगरेप की वारदात को अंजाम दिया है। तीनों आरोपियों का पीड़िता के भाई से उसके घर की गली में ही झगड़ा हुआ था और पीड़िता अपने भाई को बचाने के लिए पहुंची थी। आरोपी वारदात के बाद मौके से फरार हो गए।

मामले की सूचना मिलने के बाद पहुंची फतेहपुर बेरी थाना पुलिस ने पीड़िता के बयान के बाद संबंधित धाराओं में केस दर्ज कर छानबीन शुरू की और तीनों आरोपियों को नवीन, योगेश और बलजीत उर्फ मोनू को गिरफ्तार कर लिया। तीनों आरोपी आया नगर के रहने वाले हैं और प्रॉपर्टी डीलर का काम करते हैं।

दिल्ली पुलिस का बयान 

पुलिस उपायुक्त अतुल कुमार ठाकुर ने मीडिया को बताया कि पीड़िता अपने परिवार के साथ दक्षिणी दिल्ली में रहती है। पीड़िता ने पुलिस को दिए अपने बयान में बताया है कि 18 मार्च की देर रात को वह अपने घर में मौजूद थी। इसी दौरान उसने अपने भाई की आवाज़ सुनी और वह बाहर आई। जहां उसने देखा कि एक एसयूवी में बैठे तीन युवक उसके भाई से झगड़ा कर रहे हैं। पीड़िता तुंरत अपने भाई के पास पहुंची और उसने बचाने का प्रयास किया। जिससे देखकर आरोपियों ने पीड़िता के साथ बदसलूकी शुरू कर दी। आरोपियों ने पीड़िता को पीटा और जबरन उसे अपनी गाड़ी में डाल लिया। 

आरोपियों ने गाड़ी में डालने के बाद उसके साथ गैंगरेप की वारदात को अंजाम दिया। वारदात के दौरान आरोपियों ने पीड़िता के भाई को वहीं पकड़े हुआ था। वारदात के बाद आरोपियों ने पीड़िता और उसके भाई को जान से मारने की धमकी दी और वहां से फरार हो गए। बदमाशों के जाने के बाद पीड़िता ने खुद पुलिस को फोन कर मामले की जानकारी पुलिस को दी। सूचना के बाद मौके पर पहुंची पुलिस टीम ने पीड़िता का मेडिकल कराने के बाद उसके बयान पर केस दर्ज़ आरोपियों की तलाश शुरू कर दी।

गैंगरेप के बाद मजदूरों से लूटपाट को दिया अंजाम 

हिंदुस्तान में छपे दिल्ली पुलिस अधिकारियों के बयान के मुताबिक तीनों आरोपी सामूहिक दुष्कर्म की वारदात को अंजाम देने के बाद वहां से फरार हो गए। लेकिन आरोपियों ने कुछ ही दूरी पर फिर से एक वारदात को अंजाम दिया। आया नगर जी ब्लॉक में ट्रक से ईंट उतार रहे कुछ मजदूरों  को आरोपियों ने पहले जमकर पीटा और फिर उनके पास से 30 हजार रुपए, पर्स और उनके दस्तावेज लूट लिए। वारदात को अंजाम देने के बाद आरोपी वहां से फरार हो गए। जिसके बाद ट्रक चालक ने मामले की सूचना पुलिस को दी। दोनों मामलों में आरोपियों की संख्या और गाड़ी एक ही निकली।

वहीं गैंगरेप मामले एसएचओ कुलदीप सिंह के नेतृत्व में एसआई मंजीत, सतेन्द्र और लक्ष्मण और महिला एसआई नितेश की अलग अलग टीम बनाई गई। पुलिस टीम आरोपियों के बारे में जानकारी जुटा ही रही थी कि मजदूरों से लूट की कॉल भी पुलिस को मिली। लूटपाट मामले में भी गाड़ी और आरोपियों की संख्या समान थी। ऐसे में पुलिस टीम ने दोनों मामलों की जांच एक साथ शुरू की। जांच में सीसीटीवी फुटेज से आरोपियों की गाड़ी का नम्बर लिया और उसकी मदद से उनकी पहचान की। पहचान होने के बाद पुलिस ने आरोपियों के परिजनेां से उनके बारे में जानकारी जुटाई और जंगल के इलाके में छापेमारी कर तीनों आरोपियों को दबोच लिया। 

दिल्ली पुलिस की पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि तीनों आरोपी एक ही इलाके में रहते हैं और लंबे समय से दोस्त है। तीनों अक्सर एक साथ पार्टी करने के लिए जाते थे। वारदात वाली रात भी तीनों घर से पार्टी करने के लिए ही निकले थे। पार्टी के बाद तीनों ने गाड़ी में शराब पी और गाड़ी लेकर घुम रहे थे। इसी दौरान उन्हें पीड़िता का भाई मिला, जिसने उन्हें अपने मोहल्ले में गाली गलौज करने से मना किया। जिसके बाद तीनों आरोपियों ने उससे झगड़ा शुरू कर दिया। झगड़े के बाद तीनों ने वारदात को अंजाम दिया।

सुशील मानव
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