छत्तीसगढ़: ईसाई आदिवासियों के खिलाफ हो रही हिंसा पर रोक लगाए बघेल सरकार!

छत्तीसगढ़ प्रोग्रेसिव क्रिश्चियन अलाएन्स ने ईसाई समुदाय खासकर ईसाई आदिवासियों के खिलाफ राज्य में हो रही हिंसा की घटनाओं पर गंभीर चिंता व्यक्त करते हुए सरकार से उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग की है। अलाएन्स ने कहा कि किसी भी सांप्रदायिक घटना की ठोस जिम्मेदारी तय हो और दोषियों पर अविलंब आपराधिक धाराओं के तहत प्रभावी कार्रवाई की जाए। साथ ही प्रत्येक पीड़ित परिवार को उसके नुकसान का आकलन कर तत्काल मुआवजा दिया जाये।

छत्तीसगढ़ प्रोग्रेसिव क्रिश्चियन अलाएन्स के बैनर तले जगदलपुर में बस्तर क्रिश्चियन अलाएन्स और कांकेर में कांकेर मसीही समाज संगठन के प्रतिनिधमंडल ने राज्य अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष महेंद्र छाबड़ा को छत्तीसगढ़ के विभिन्न जिलों खासकर नारायणपुर, कांकेर और कोडागांव में ईसाई आदिवासियों के खिलाफ लगातार हो रही हिंसा की घटनाओं को लेकर ज्ञापन दिया।

इन संगठनों ने ज्ञापन के जरिए मांग की कि सरकार के लिए यह आवश्यक है कि वह मंत्रियों का एक दल प्रभावित क्षेत्रों में भेजकर उचित कदम उठाये और सामान्य स्थिति बहाल करने के प्रयासों की समुचित निगरानी करे। संगठनों ने कहा कि सरकार ईसाई आदिवासियों के खिलाफ प्रशासनिक अमले व ग्राम सभाओं के द्वारा निकाले जा रहे आदेशों पर रोक लगाए।

इसके साथ ही पूरे प्रदेश में सांप्रदायिक सौहाद्र, सामाजिक शांति व बंधुत्व की भावना बहाल करने के लिए आयोग और शासन के स्तर पर गंभीर प्रयास किए जाएं, जिसमें विभिन जन संगठनों, नागरिक व सामाजिक संगठनों का भी सहयोग लिया जाए।

अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष महेंद्र छाबड़ा ने कहा कि, “अल्पसंख्यकों के ऊपर हो रहे अत्याचार के विरोध में वो राज्य शासन का ध्यान आकर्षित करेंगे तथा अल्पसंख्यकों के हितों की रक्षा हो, इसके पक्ष में कार्य करेंगे। अल्पसंख्यकों के ऊपर धर्म के आधार पर हो रहे अत्याचार व हमले निंदनीय हैं। यहां पर एक समाज विशेष (क्रिश्चियन समाज) का आक्रोश हमें देखने को मिल रहा है। हिंसा का खात्मा हो, सभी पक्ष आपसी भाईचारे के साथ रहे तथा शांति स्थापित हो, इस दिशा में आयोग निश्चित ही कार्य करेगा।“

उन्होंने कहा कि, “आयोग अल्पसंख्यक समुदाय के अधिकारों की रक्षा व हितों की सुरक्षा हेतु प्रतिबद्ध है। इस समाज विशेष के बड़े पदाधिकारियों के माध्यम से मसीही समाज में हो रहे हमलों और अत्याचारों की जानकारी मुझे मिलती रहती है तथा मैं अपने स्तर पर इन्हें सुलझाने के प्रति कार्य भी कर रहा हूं।“

अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष महेंद्र छाबड़ा

वहीं कैबिनेट मंत्री व बस्तर के प्रभारी मंत्री कवासी लखमा ने कहा कि, “आरएसएस के लोगों के द्वारा हमारे राज्य और देश में नफरत फैलाई जा रही है। नारायणपुर में धर्मांतरित लोगों के ऊपर की जा रही हिंसा में बीजेपी के जिला पदाधिकारियों और बीजेपी के लोगों का हाथ है। और यह हमारी सरकार को बदनाम करने की साजिश है।”

प्रभारी मंत्री ने कहा कि उन्होंने अधीनस्थ अधिकारियों व पुलिस को आदेशित किया है कि, चाहे कितने भी बड़े पद में बैठा व्यक्ति क्यों ना हो, इस प्रकार धर्म के नाम पर अत्याचार करने वालों और हिंसा करने वालों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर कार्यवाही किया जाए।

उन्होंने कहा कि हमारी पार्टी के युवा नेता राहुल गांधी ने देश में अमन-शांति और भाईचारा के लिए कन्याकुमारी से लेकर कश्मीर तक पैदल भारत जोड़ो यात्रा किया है। आरएसएस बीजेपी के लोग धर्म के नाम पर मारपीट और हिंसा करके देश को दहशत में रखना चाहते हैं। उनकी यह नीति कभी भी कामयाब नहीं होगी।“

जगदलपुर के विधायक व संसदीय सचिव रेखचंद जैन ने कहा कि, “मैं भी एक अल्पसंख्यक वर्ग से आता हूं और अल्पसंख्यकों की पीड़ा को समझता हूं। निश्चित रूप से ही अल्पसंख्यक समुदाय के ऊपर हो रहे अत्याचार निंदनीय है। हमारी सरकार के शीर्ष नेता भारत जोड़ो यात्रा पर हैं और शांति-अमन हेतु प्रयास कर रहे हैं। परंतु केंद्र की सरकार धर्म विरोधी नीतियों को देश में फैला कर, अत्याचार कर अपनी राजनीतिक सत्ता पर बने रहना चाहती है।“

कांकेर मसीही समाज संगठन के सरंक्षक तथा जिला अल्पसंख्यक कल्याण समिति के सदस्य डॉ. प्रदीप क्लाडियस ने कहा कि, प्रदेश के विकास में मसीही समाज कि विशिष्ठ भूमिका होने के बावजूद, पिछले कुछ वर्षों में ईसाई अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा, प्रताड़ना व सामाजिक बहिष्कार की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं।

क्लाडियस ने कहा कि विगत लगभग 3 माह में नारायणपुर, कांकेर और कोंडागांव जिलों में ईसाई आदिवासियों के खिलाफ हिंसा की अनेक घटनाएं हुई हैं। लेकिन बार-बार सूचना देने के बावजूद पुलिस-प्रशासन की ओर से पीड़ितों को न्याय दिलाने हेतु हस्तक्षेप नहीं किया गया, अपितु समझौते हेतु पीड़ितों पर ही दबाव बनाया गया।

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