वाराणसी में होगी जेडीयू की रैली, यूपी से चुनाव लड़ेंगे नीतीश कुमार?

नई दिल्ली। आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर एक बड़ी खबर यह आ रही है कि नीतीश कुमार जल्द ही वाराणसी में बड़ी रैली करने जा रहे हैं। माना जा रहा है कि वाराणसी की इस रैली के साथ ही नीतीश कुमार चुनावी प्रचार की शुरुआत कर सकते हैं। लेकिन जैसे ही यह खबर सामने आयी है बीजेपी के भीतर हड़कंप मच गया है।

बिहार में सुशासन बाबू के नाम से चर्चित नीतीश कुमार बिहार के लंबे समय से मुख्यमंत्री ही नहीं है, वे सामाजिक क्रांति के अगुआ भी कहे जा रहे हैं। विपक्ष उनको पलटू राम कहता है। अब तो अमित शाह भी उन्हें इसी नाम से पुकारते हैं। लेकिन नीतीश किसी का बुरा नहीं मानते। वे मानते हैं कि राजनीति में पक्ष -विपक्ष की लड़ाई चलती है। लेकिन यह लड़ाई मर्यादा में रहे।

नीतीश बीजेपी के साथ भी रहे। लेकिन अब वे बीजेपी को निशाने पर लेकर चल रहे हैं। वे राजद के सहयोगी भी रहे, वे लालू के आलोचक भी रहे। आज भी गलत को गलत कहने से नीतीश कुमार बाज नहीं आते। वे बोलते कम ही हैं लेकिन जब बोलते हैं तो उससे राजनीति निकलती है। उनके बोल से बिहार में हलचल मचती है। विपक्ष में कोलाहल होता है और बीजेपी के भीतर बैठकें शुरू हो जाती है। वे बीजेपी के सभी नेताओं को भी जानते हैं। वे बीजेपी के खेल को भी समझते हैं और वे मोदी से लेकर शाह की राजनीति को भी देखते हैं और मुस्कुरा कर रह जाते हैं।

नीतीश कुमार अब बीजेपी के खिलाफ हैं। वे पीएम मोदी के भी खिलाफ हैं। नीतीश कुमार ने ही सबसे पहले खुले तौर पर बीजेपी और नरेंद्र मोदी के खिलाफ मोर्चा बनाने की बात की थी। उन्होंने ही सबसे पहले कहा था कि अगर विपक्ष एक हो जाए तो जो 2014 में आये थे 2024 में नहीं आएंगे। जाहिर है यह सब मोदी के लिए ही उन्होंने कहा था। वे मोदी को जानते भी हैं और पहचानते भी हैं। और अब वे सीधे तौर पर मोदी को चुनौती देने को तैयार हैं।

पटना में अब इस बात की हलचल है कि नीतीश कुमार अगर वराणसी जा रहे हैं तो मोदी को चुनौती दे पाएंगे? जबसे नीतीश कुमार के संभावित कार्यक्रम की बात सामने आयी है बीजेपी की परेशानी बढ़ गई है। बीजेपी अब इस तैयारी में हैं कि वाराणसी जाने से पहले ही नीतीश को बदनाम किया जाए। उनके कुछ लोगों के खिलाफ कोई कार्रवाई भी की जाए। लेकिन नीतीश बिल्कुल निश्चिंत हैं और कहते चल रहे हैं कि लोकतंत्र है जिसको जो कहना है और करना है कोई रोकता नहीं। लेकिन कुछ भी कहने से पहले कुछ अपने बारे में भी सोंच लेना चाहिए।

तो खबर ये है कि नीतीश कुमार संभवतः 24 दिसंबर को वाराणसी के रोहनिया में बड़ी रैली करने जा रहे हैं। इस रैली में कितने लोग आएंगे यह कोई नहीं जानता। लेकिन जदयू का दावा है कि यह वाराणसी की सबसे बड़ी रैली होगी। ऐसी रैली जिसकी कल्पना किसी ने नहीं की थी। याद रहे रोहनिया कुर्मी बहुल इलाका है और वाराणसी में इस समाज की बड़ी तादात है। हालांकि इस रैली के बारे में अभी तक जदयू की तरफ से कोई भी आधिकरिक घोषणा नहीं की गई लेकिन पटना से लेकर वाराणसी तक इस रैली की धूम मची हुई है।

खबर के मुताबिक इस रैली के जरिए नीतीश कुमार पीएम मोदी पर हमला करेंगे और हुंकार भरेंगे। देश की राजनीति का नया अध्याय भी खोलेंगे। जानकारी के मुताबिक इस रैली को लेकर इंडिया गठबंधन की भी सहमति है। सहमति तो यह भी बन गई है कि नीतीश कुमार को यूपी की किसी सीट से चुनावी मैदान में भी उतारा जाए।

यूपी से मिल रही जानकारी के मुताबिक वाराणसी की यह रैली जदयू की अपनी रैली होगी। यह इंडिया गठबंधन की रैली नहीं होगी और इस रैली से ही नीतीश कुमार लोकसभा चुनाव का शंखनाद करेंगे। जानकारी यह भी मिल रही है कि इस रैली के बाद नीतीश कुमार जनवरी में हजारीबाग में दूसरी रैली करने जा रहे हैं। जानकार कहते हैं कि जदयू अपने विस्तार में यूपी और झारखंड पर केंद्रित कर रही है। झारखंड में जदयू को लाभ मिल सकता है और यूपी के करीब पांच क्षेत्रों पर जदयू मजबूत पकड़ बनाने को तैयार है। जनवरी के दूसरे पखवारे में यूपी के सुल्तानपुर और फूलपुर में भी रैली की तैयारी की जा रही है। जदयू के साथ ही सपा भी चाहती है कि नीतीश कुमार फूलपुर से चुनाव लड़े। हालांकि अभी तक जदयू इस पर चुप्पी साधे हुए हैं।

उधर जदयू के वरिष्ठ नेता केसी त्यागी ने इतना भर कहा है कि यूपी के कई इलाकों से कई सामाजिक संगठन नीतीश को लगातार आमंत्रित कर रहे हैं। नीतीश कुमार ने यूपी और झारखंड में पार्टी के विस्तार की सहमति दे दी है और दोनों जगह रैली की अनुमति भी दी है लेकिन अभी तारीख की घोषणा नहीं की गई है। लेकिन ये तारीख भी जल्द घोषित होगी और नीतीश कुमार जल्द ही यूपी का दौरा भी करेंगे।

(अखिलेश अखिल स्वतंत्र पत्रकार हैं।)

अखिलेश अखिल
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