केरलः अब शॉपिंग माल से चलेगा संघ का ‘हिंदुत्व का व्यापार’

तिरुअनंतपुरम। केरल को देवताओं का देश कहा जाता है। पर्यटन विभाग ने भी इसे प्रचार की टैग लाइन बनाया है। अब देवताओं के इस देश में हिंदुओं के लिए शुद्ध सात्विक शापिंग माल भी उपलब्ध है। दरअसल इसे वाम राजनीति के जवाब के रूप में देखा जा रहा है।

दो परस्पर विरोधी राजनीतिक धाराओं का यह नया बिजनेस मॉडल दिलचस्प मोड़ लेता नजर आ रहा है। केरल में वामपंथी और दक्षिणपंथी विचारधाराओं की राजनीतिक लड़ाई कारोबारी मैदान तक पहुंच गई है। मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) का तो पहले से एक बिजनेस मॉडल था, पर राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ ने अब अपना एजेंडा भी लागू कर दिया है। 

संघ ने केरल में एक नया प्रयोग शुरू किया है, जो कारोबारी गतिविधियों के जरिए अपना दबदबा बढ़ाने पर केंद्रित है। यह प्रयोग राजनीति के अलावा सामाजिक-आर्थिक ताकत बढ़ाने के लिए किया जा रहा है। एक ख़ास धर्म को लुभाने के लिए अगर कोई पहल की जाए तो सवाल तो उठेंगे ही।

केरल में माकपा कई दशकों से सहकारी समितियां बनाकर विभिन्न क्षेत्रों में व्यापारिक गतिविधियों करती है। राज्य में पार्टी समाचार पत्र, टेलीविजन, विशेष अस्पताल, वाटर पार्क, मॉल, स्कूल एवं प्रबंधन कॉलेज, विनिर्माण कंपनी, उपभोक्ता वस्तु क्षेत्र आदि में कई कंपनियां संचालित कर रही है। केरला दिनेश नामक उपभोक्ता वस्तु कंपनी जहां वस्त्र, सॉफ्टवेयर, खाद्य उत्पाद और बीड़ी आदि बनाती है। वहीं विनिर्माण कंपनी सड़क, पुल, इमारतों आदि के टेंडर लेती है।

उधर, भाजपा और आरएसएस के अनुषांगिक संगठन सहकार भारती ने अक्षयश्री मिशन के तहत 100 सुपर मार्केट खोलने की योजना बनाई है। ये मार्केट सहकार भारती द्वारा बनाए गए स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से संचालित होंगे।

सहकार भारती के प्रवक्ता अजी कुमार का कहना है कि भविष्य में किराना और सब्जी के अलावा कपड़ा, होटल और रेस्तरां आदि भी खोले जाएंगे। ये उपक्रम खाद्य प्रसंस्करण के क्षेत्र में भी काम कर रहे हैं।

अक्षय श्री मिशन के तहत आने वाली ग्रामीण समृद्धि सोसायटी के चेयरमैन पीके मधुसुधानन के अनुसार अक्षयश्री मिशन के तहत स्वदेशी उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए छह वर्ष पहले दुकान खोली गई थीं। उन्होंने कहा कि अगर कोविड-19 महामारी नहीं फैली होती तो इस वर्ष 100 से अधिक सुपर मार्केट खोल दिए जाते।

  • राकेश सहाय
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