झारखंड: पुलिस हिरासत में एक की मौत, घर के बाहर लाश रखकर भाग गयी पुलिस

रांची। झारखंड के गढ़वा जिला अंतर्गत भंडरिया थाना के नवका गांव के भुरकादोहर टोला निवासी कृपाल मांझी उर्फ पाला (48 वर्ष) की पिछले 30 मई को पुलिस हिरासत में मौत हो गयी। किसी पुराने मामले में पूछताछ के लिए भंडरिया थाना की पुलिस 30 मई की सुबह आठ बजे कृपाल मांझी को थाना ले गयी थी। भंडरिया पुलिस का कहना है कि कृपाल की मौत मिर्गी का दौरा पड़ने से हुई है। जबकि दूसरी ओर परिजनों का कहना है कि उन्हें मिर्गी की बीमारी थी ही नहीं। वही मामले पर डॉक्टर का कहना है कि बेहोशी की हालत में कृपाल को उनके पास लाया गया था, उसकी स्थिति गंभीर देख मैंने तत्काल रेफर किया गया था।

परिजनों का कहना है कि अगर कृपाल को रेफर किया गया था, तो पुलिस उसके घर के चबूतरे पर रख कर क्यों चली गयी? ग्रामीणों का आरोप है कि पुलिस ने दबाव बनाकर परिजनों से सादा कागज पर हस्ताक्षर करा लिया है। दूसरी ओर एसपी श्रीकांत एस खोत्रे ने बताया है कि मामले की जांच करायी जायेगी और दोषी पर कार्रवाई होगी। थाना प्रभारी लक्ष्मीकांत ने कहा है कि थाने में मौत नहीं हुई है। एक पुराने मामले में पूछताछ के लिए उन्हें थाना लाया जा रहा था कि रास्ते में आरोपी को मिर्गी का दौरा पड़ा और तबीयत बिगड़ गई।

मृतक की पुत्री कहती है, “बिना किसी आरोप के एसआई विपिन वर्मा व चौकीदार योगेंद्र बैठा पूछताछ की बात कह पिता को थाना ले गये और तीन घंटे बाद घर के बाहर चबूतरे पर शव रख पुलिस चली गयी।”

मामले पर अबमतक यह खुलासा नहीं हो पाया है कि आखिर पुलिस कृपाल को गिरफ्तार कर क्यों ले गई? जबकि कृपाल का किसी भी तरह का कोई आपराधिक रिकार्ड नहीं है। पुलिस भी साफ-साफ कुछ नहीं बता रही है। जब थाना प्रभारी लक्ष्मीकांत से फोन से बात करने की कोशिश की गई तो उनका मोबाइल बंद पाया गया।

दूसरी तरफ गांव वाले यह आशंका व्यक्त कर रहे हैं कि पिछले मार्च में गांव की ही एक विधवा महिला 45 वर्ष की हत्या हो गई थी। उसके पति की मौत तीन साल पहले हो गई थी। उसकी कोई संतान नहीं थी, तथा उसका कोई रिश्तेदार भी नहीं था। वह अकेले रहती थी। हत्या के दिन उसे बाजार से लौटते हुए देखा गया था। उसके बाद उसकी लाश रेलवे ट्रैक के पास मिली थी। पुलिस इस मामले स्वतः संज्ञान में लेकर जांच कर रही थी। बताया जाता है कि कृपाल मांझी की पत्नी की मौत पांच साल पहले हो गई थी। उसका उस महिला से अच्छे रिश्ते थे। वह बराबर उसके यहां आया जाया करता था।

(झारखंड से वरिष्ठ पत्रकार विशद कुमार की रिपोर्ट।)

विशद कुमार
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