पीएम का वाराणसी आगमन और किसानों का धरना, हांफते नजर आए एनएचएआई के अधिकारी

वाराणसी। एक दशक से भी ज्यादा समय से अधूरे पड़े सड़क के निर्माण और मुआवजे की मांग को लेकर बुधवार को किसानों का आंदोलन उग्र रूप धारण कर लिया। एक तरफ जहां वाराणसी में देश के प्रधानमंत्री अपने संसदीय क्षेत्र का दौरा करने वाले थे तो वहीं दूसरी ओर वाराणसी जनपद सीमा क्षेत्र के आखिरी छोर पर जौनपुर जिले के किसानों का उग्र प्रदर्शन शासन-प्रशासन और सुरक्षा व्यवस्था में लगे अधिकारियों के माथे पर चिंता की लकीरें खींच दिया था।

वाराणसी के बलरामगंज, दानगंज में नवनिर्मित टोल प्लाजा पर डोभी (जौनपुर) के किसानों का धरना-प्रदर्शन अपने पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार बुधवार सुबह 10 बजे से प्रारंभ हो गया। देश की राजधानी दिल्ली में किसानों धरना-प्रदर्शन की राह पर यहां के किसान भी चलने के लिए पूरी तरह से आतुर नजर आ रहे थे। जिससे घबराए राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 233 वाराणसी इकाई के अधिकारियों ने काफी मान मनौव्वल कर किसानों को मनाने में जुटे हुए थे, लेकिन किसान अपनी मांगों को लेकर अड़े हुए थे। किसानों के भारी आक्रोश को देखते हुए इस दौरान भारी सुरक्षा व्यवस्था के साथ-साथ पीएसी बल की भी तैनाती कर दी गई थी। धरना स्थल से लेकर आस पास को पुलिस छावनी में तब्दील कर दिया गया था। किसानों के उग्र प्रदर्शन को देखते हुए पुलिस प्रशासन के अधिकारी हांफते हुए नजर आए।

2012 से मुआवजे के लिए भटक रहे हैं किसान

बताते चलें कि डोभी (जौनपुर) क्षेत्र के किसान पिछले 12 वर्षों से ज्यादा समय से मुआवजा की मांग और आधे-अधूरे हाईवे निर्माण का विरोध करते आ रहे हैं। जिस पर संतोषजनक कार्रवाई के बजाय एनएचएआई 233 के अधिकारियों ने किसानों को ही पार्टी बनाते हुए हाईकोर्ट में मुकदमा कर नोटिस थमा दिया है, जिससे किसान आंदोलित हो उठें। तमाम फरियाद गुहार और दिल्ली, लखनऊ से लेकर जिला मुख्यालय तक धरना प्रदर्शन ज्ञापन दिए जाने के बाद भी जब कोई कार्रवाई नहीं हुई तो हार कर किसानों ने बलरामगंज स्थित टोल प्लाजा पर 21 फरवरी से जोरदार आंदोलन का ऐलान कर दिया था। धरने में किसानों की भारी भीड़ हुई इकट्ठा हुई। ‘रोड नहीं तो टोल नहीं के नारों से टोल प्लाजा’ गूंजता रहा है।

सुरक्षा के मद्देनजर भारी संख्या में पुलिस बल मुस्तैद रही है। गौरतलब हो कि वाराणसी से गोरखपुर को जोड़ने के लिए हाईवे निर्माण के लिए व्यापक पैमाने पर किसानों की भूमि का अधिग्रहण किया गया था। वाराणसी आजमगढ़ सहित अन्य जनपदों के किसानों को मुआवजा तो प्राप्त हो गया लेकिन जौनपुर जनपद में आने वाले 16 किलोमीटर दूरी के किसानों को मुआवजा मिलना तो दूर रहा आज तक हाईवे का निर्माण भी नहीं हो पाया है। और तो और आधे अधूरे हाईवे के सहारे ही टोल प्लाजा तैयार कर टोल वसूली प्रारंभ कर दिया गया। किसानों के भारी विरोध के बाद टोल प्लाजा वसूली को तो टाल दिया गया लेकिन अभी तक न तो अधूरे हाईवे को पूरा किया गया है और ना ही डोभी क्षेत्र के किसानों को मुआवजा मिल पाया है।

हल, कुदाल, हंसुवा के साथ किसान हुए शामिल

खेती किसानी में प्रयुक्त होने वाले घरेलू औजार धरना स्थल पर पहुंचे किसानों के हाथों में कौतूहल का विषय बना रहा है। धरने में शामिल होने आए किसान हल, कुदाल, हंसुवा के साथ बैठे हुए थे। जो हर किसी के आकर्षण का केंद्र बना रहा। वहीं किसानों की मनोदशा को भांपने के लिए पुलिस के आला अधिकारी अपने खुफिया तंत्र के माध्यम से किसानों की नब्ज़ टटोलते रहे। हालांकि किसान शांतिपूर्ण ढंग से अपनी मांगों को लेकर डटे रहें। धरना स्थल पर पहुंचे एनएचएआई के अधिकारियों ने किसानों को मनाने की कोशिश की। लेकिन किसान मौके पर जनप्रतिनिधियों को बुलाने पर अड़े हुए थे।

मुंह छुपाए दूरी बनाए रहे जनप्रतिनिधि

किसान पिछले कई महीने से अलग-अलग तरीकों से विरोध करते आ रहे हैं। ऐसे में किसानों के धरना-प्रदर्शन स्थल पर जनप्रतिनिधियों के पहुंचने की उम्मीद थी। लोगों में इस बात की भी चर्चा थी कि 2024 का लोकसभा चुनाव सन्निकट है, ऐसे में सरकार किसी भी प्रकार का टकराव मोल नहीं लेगी। किसानों को मनाने के लिए संबंधित विभाग के अधिकारियों के साथ क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों की उपस्थिति को लेकर चर्चा होती रही है, लेकिन धरना-प्रदर्शन समाप्त होने तक कोई भी जनप्रतिनिधि नजर नहीं आया। इस मसले पर धरने में शामिल होने आए किसानों ने दो टूक शब्दों में कहा कि “आखिरकार हम किसानों के धरना- प्रदर्शन में जनप्रतिनिधि किस मुंह से आएंगे? क्या बात करेंगे? उन्हें तो हम 2024 चुनाव में सबक सिखाएंगे।”

भारी मान-मनौव्वल के बाद माने किसान

किसान धरने पर बैठे रहे, धरने को लगभग पांच घंटा बीत चुका था, लेकिन मौके पर कोई भी जनप्रतिनिधि या जिम्मेदार व्यक्ति नहीं पहुंचा था। आखिरकार किसानों के बढ़ते आक्रोश को भांपकर 5 घंटे के बाद मौके पर पहुंचे राष्ट्रीय राजमार्ग वाराणसी के अधिकारियों परियोजना निदेशक एनएचएआई -233 आरएस यादव, एनएचएआई -233 के रीजनल अफसर ने किसानों के मांगों से संबंधित ज्ञापन लेकर संतोषजनक हल निकालने के साथ-साथ किसानों के साथ न्याय करने का भरोसा दिलाया तब जाकर किसानों ने धरना समाप्त किया है।

(वाराणसी से संतोष देव गिरी की रिपोर्ट।)

संतोष देव गिरी
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संतोष देव गिरी