फासीवाद के दौर में लड़ने की ताकत देते हैं रामजतन शर्मा व अरविंद सिंह: दीपंकर भट्टाचार्य

पटना। भाकपा-माले के पोलित ब्यूरो के पूर्व सदस्य व पूर्व राज्य सचिव कॉ. रामजतन शर्मा व पार्टी के केंद्रीय कंट्रोल कमीशन के सदस्य कॉ. अरविंद कुमार सिंह की स्मृति में आज माले विधायक दल कार्यालय में श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया। श्रद्धाजंलि सभा में माले महासचिव कॉ. दीपंकर भट्टाचार्य, वरिष्ठ नेता कॉ. स्वदेश भट्टाचार्य, माले राज्य सचिव कुणाल, राजद के महासचिव श्याम रजक, सीपीआई के राज्य सचिव रामनरेश पांडेय, सीपीआई (एम) के राज्य सचिव मंडल सदस्य अरूण कुमार सिंह सहित अन्य वाम दलों के नेता भी शामिल हुए। सभा का संचालन पार्टी के पोलित ब्यूरो सदस्य कॉ. धीरेन्द्र झा ने किया। श्रद्धांजलि सभा में यूपी के पार्टी प्रभारी रामजी राय, झारखंड के माले राज्य सचिव जनार्दन प्रसाद आदि भी शामिल हुए।

माले महासचिव कॉ. दीपंकर भट्टाचार्य ने अपने संबोधन में कहा कि 1970 के दशक में हमने एक बहुत छोटी ताकत के रूप में शुरूआत की थी। हमारे उस आंदोलन ने गरीबों को सम्मान, जमीन, मजदूरी आदि सवालों पर संगठित किया। गरीब मजदूरों-किसानों के आंदोलन से लेकर विश्वविद्यालयों में छात्रों के बीच बदलाव की महत्वकांक्षा को लेकर कॉ. रामजतन शर्मा लगातार बिना थके काम करते रहे। प्रो. अरविंद कुमार भी उसी जीवंतता के प्रतीक थे। हमें फासीवाद के इस मुश्किल दौर में इन दोनों नेताओं से बदलाव का नजरिया व लड़ने की ताकत मिलती है।

 आज पूरे देश में चर्चा है कि इस बार 5 अगस्त को क्या होगा? 5 अगस्त 2019 को कश्मीर में धारा 370 खत्म कर दिया गया, तो 5 अगस्त 2020 को राममंदिर का शगूफा दोड़ दिया गया। पश्चिम बंगाल में करारी हार के बाद बंगाल, यूपी, महाराष्ट्र को टुकड़ों में बांट देने की साजिश रची जा रही है। भाजपा यह जानती है कि यदि इसी प्रकार से चुनाव हुआ, तो यूपी से योगी को जाना पड़ेगा। और इसलिए पूरी कोशिश है कि चुनाव का माहौल बदल दिया जाए। लेकिन दमन-हिंसा-आतंक झेलते हुए भी लोग लगातार लड़ रहे हैं। यही हमारे लिए ऊर्जा का स्रोत है।

 श्रद्धांजलि सभा में राजद के श्याम रजक ने कहा कि जनवादी व वामपंथी ताकतें आज मिलकर लड़ रही हैं। इन महापुरूषों से हमें प्रेरणा मिलती है। आज गरीबों की लड़ाई को कुचलने की साजिश रची जा रही है, इसके खिलाफ हम मिलकर लड़ेंगे। रामनरेश पांडेय ने कहा कि रामजतन शर्मा का जीवन एक उदाहरण बनकर हमारे दिलों में गूंज रहा है। अरुण मिश्रा ने कहा कि कम्युनिस्ट आंदोलन से जुड़े तमाम लोगों के लिए वे प्रेरणा स्रोत हैं। नंदकिशोर सिंह व साधना मिश्रा ने भी श्रद्धांजलि सभा में अपने वक्तव्य रखे।

रामजी राय ने रामजतन शर्मा व अरविंद कुमार सिंह के साथ बिताए गए दिनों को याद करते हुए अपने अनुभवों को साझा किया। कहा कि बहसों में बेहद सहजता उनका खास गुण था।

इससे पहले नेताओं व कार्यकर्ताओं ने दिवंगत नेताओं को अपनी श्रद्धांजलि दी। पोलित ब्यूरो व केंद्रीय कमेटी के सभी सदस्यों के साथ-साथ पार्टी के पूर्व राज्य सचिव नंदकिशोर प्रसाद, वरिष्ठ नेता केडी यादव, राजाराम, माले के सभी विधायक गण, एआईएफबी के राज्य सचिव अमरीक महतो, सीपीआई (एमएल) क्लास स्ट्रगल के नंदकिशोर सिंह, एसयूसीआईसी की साधना मिश्रा, पार्टी की राज्य कमेटी की सदस्य व कॉ. अरविंद कुमार सिंह की पत्नी अनीता सिन्हा आदि नेताओं ने दिवंगत नेताओं को श्रद्धांजलि दी। इन नेताओं के अलावा एनआईटी के पूर्व प्राध्यापक प्रो. संतोष कुमार, पटना इतिहास विभाग की पूर्व विभागाध्यक्ष प्रो. भारती एस कुमार, डॉ. अलीम अख्तर, साहित्यकार सुमंत शरण आदि भी उपस्थित थे।

Janchowk
Published by
Janchowk