यूपीः मोदीभक्त पत्रकार की हत्या, भाजपा पार्षद के बेटों के खिलाफ़ लिखी थी गैंगरेप की ख़बर

कानपुर में रेल बाजार थाना क्षेत्र से 31 दिसंबर गुरुवार की रात से लापता मीडियाकर्मी आशु यादव की लाश कल शनिवार 2 जनवरी की सुबह बर्रा थाना क्षेत्र की धर्मेंद्र नगर बस्ती में नहर पट्टी के किनारे खड़ी उसकी ही कार में मिली है। बर्रा पुलिस ने कार में चस्पा पोस्टरों से शव की शिनाख्त की। परिजनों ने भी शव की शिनाख्त आशु यादव के रूप में की है।

एएसपी दीपक कुमार (कानपुर दक्षिण ने) मीडिया से कहा, “कानपुर में आशु यादव नामक पत्रकार का शव एक गाड़ी में मिला है। मृतक के परिवार वालों ने उनकी गुमशुदगी की रिपोर्ट 1 जनवरी को दर्ज कराई थी। CCTV फुटेज निकाले जा रहे हैं। मौत के कारण का पता पोस्टमार्टम के बाद चलेगा। मामले में आगे की जांच जारी है।”

वहीं डीआईजी प्रीतिंदर सिंह ने मीडिया को जानकारी दी है कि फोरेंसिक जांच में प्रथम दृष्टया युवक की गला कस कर हत्या करने की आशंका है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट से स्थिति स्पष्ट होगी। डीआईजी कानपुर ने हत्या का खुलासा करने के लिए तीन टीमों को लगाया है। रेल बाजार खपरा मोहाल निवासी आशु यादव की बड़ी बहन शानू ने मीडिया को बताया है कि गुरुवार देर रात करीब दो बजे किसी का फोन आने पर आशु कुछ देर में लौटने की बात कह कर अपनी कार से निकला था। 1 जनवरी को उसका जन्मदिन था, हम लोग उसकी तैयारी में लगे थे। आशु दोपहर तक घर नहीं लौटा और उसका फोन भी स्विच ऑफ जा रहा था। उसका इंतजार करते-करते शाम हो गई। आशु जब घर नहीं लौटा तो मैंने रेल बाजार थाने में गुमशुदगी दर्ज कराई थी। शनिवार को उसका शव बर्रा थाना क्षेत्र स्थित धमेंद्र नगर सीटीआई नहर के पास कार में मिला।

आशु की बहन शानू का कहना है कि खपरा मोहाल में रहने वाले पार्षद के पति राजू सोनकर से आशु का झगड़ा हुआ था। उसने आशु के साथ मारपीट की थी। राजू सोनकर के बेटे अति सोनकर और सोंटू सोनकार ने आशु को धमकी थी। राजू सोनकर की पत्नी मधु पार्षद है।

भाजपा पार्षद के बेटों के खिलाफ़ दो दिन पहले लिखी थी गैंगरेप की ख़बर
आशु यादव ने सोशल मीडिया पर एक खबर लिख कर वायरल की थी। इसमें आरोप लगाया गया था कि खपरामोहाल में एक मानसिक विक्षिप्त युवती का गैंग रेप हुआ है। गैंग रेप की घटना को क्षेत्र के बाहुबली पार्षद राजू सोनकर ‘अपना’ के दबंग बेटों ने अंजाम दिया है। घटना का खुलासा न हो इस कारण रेप पीड़िता युवती को भी कहीं क्षेत्र के एक मकान में छुपा कर रखा गया है। आशु यादव ने अपनी रपट में लिखा था कि उस मानसिक विक्षिप्त युवती के आगे पीछे कोई पुरसाहाल नहीं है। इसी वजह से घटना की जानकारी होने के बाद भी कोई नहीं बोल रहा है।

मृतक पत्रकार की मां ने कहा कि पुलिस आशु यादव के मोबाइल में फोन रिकार्डिंग खुद सुन ले, कैसे इस खबर को न प्रकाशित करने की धमकी वो दबंग दे रहे हैं। इस खबर के चलने से नाराज़ राजू सोनकर, उसके बेटों और साथियों ने आशु यादव को धमकी भी दी थी।

आठ महीने पहले भी हुआ था आशु यादव पर हमला
करीब आठ महीने पहले भी आशु यादव पर कट्टा से जानलेवा हमला हुआ था। उस वक़्त भी ये ख़बर स्थानीय मीडिया में आई थी। इस संदर्भ में आशु यादव ने नामजद केस भी दर्ज कराया था। आशु यादव ने रेल बाजार थानाध्यक्ष को दिए गए प्रार्थना पत्र में बताया था कि समाचार कवरेज करके वह अपने घर की तरफ आ रहे थे, तभी आजाद पार्क के समीप घात लगाए आदित्य सोनकर अमन सोनकर मंटू और राजू सभासद ने पत्रकार आशु यादव पर कट्टे की बट से हमला कर दिया था।

आशु यादव, सोना पहनने का शौकीन था, लिहाजा उनकी दो सोने की चेन, तीन सोने की अंगूठी और ₹20000 भी लूट लिए। पत्रकार के मुताबिक उक्त अपराधियों से पत्रकार के घर वालों की जान को खतरा है। आशु यादव को गहरी चोट लगी थी। इसके बावजूद भी रेल बाजार पुलिस ने धारा 147 323 392 506 जैसी मामूली धाराओं में मुकदमा दर्ज किया था।

28 मई 2020 को एंटी करप्शन इंडिया समाचार पत्र ने आशु यादव को हटा दिया था। बताया जा रहा है कि वह समाचार पत्र में तीन महीने की ट्रेनिंग पर था। इस बाबत समाचार पत्र ने अपने यहां एक सूचना भी प्रकाशित की थी। आशु यादव ने साल 2013 में गोरखपुर निवासी एक पुलिस कर्मी की बहन ज्योति से लव मैरिज की थी। आशु और ज्योति के दो बच्चे शुभ 7 वर्ष और रिया पांच वर्ष हैं। घर पर मां मालती देवी, बड़ा भाई धमेंद्र उर्फ बड़े यादव, दोनों बड़ी बहनें शानू, कंचन हैं।

सीओ विकास पांडेय ने मीडिया को बताया कि आशु यादव के खिलाफ हरवंशमोहाल, रेल बाजार, फीलखाना और छावनी आदि थानों में मारपीट, अपहरण, आर्म्स एक्ट, गुंडा एक्ट समेत अन्य धाराओं में मुकदमे दर्ज हैं। रेल बाजार थाने से 2020 में आशु की हिस्ट्रीशीट खोली गई थी।

आशु यादव के ट्विटर पर कवर फोटो के तौर पर ‘जय श्री राम’ लिखा है। उसने तमाम ट्विटर पोस्ट में केरल और बंगाल की सरकारों को घेरा है। मोदी भक्त आशु यादव ने कृषि कानून का समर्थन करते हुए केरल और पश्चिम बंगाल की सरकार को मोदी स्टाइल में घेरा है। साथ ही किसान आंदोलन को विपक्ष की साजिश बताया है।

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