यूपीः दारोगा ने गाड़ी में भरवाया दस हजार का डीजल, बेटी भी नहीं तलाशी

‘डीजल के पैसे दो तो तुम्हारी गुमशुदा बेटी ढूंढें।’ यह बात यूपी पुलिस के एक दारोगा ने दिव्यांग महिला से कही। महिला की बेटी का अपहरण हो गया है और वह फरियाद लेकर दारोगा के पास गई थी। मामला कानपुर का है। दिव्यांग बुजुर्ग महिला का आरोप है कि दारोगा ने उससे दस हजार रुपये का डीजल भी भरवा लिया और उसकी बेटी को भी नहीं तलाशा। पीड़िता सोमवार को शिकायत लेकर डीआइजी डॉ. प्रीतिंदर सिंह के सामने पेश हुई। मामले को गंभीरता से लेते हुए डीआइजी ने आरोपित सनिगवां के चौकी प्रभारी राजपाल सिंह को लाइन हाजिर करके विभागीय जांच के आदेश दिए हैं।

बता दें कि गुड़िया नामक दिव्यांग महिला भीख मांग कर परिवार पालती है। करीब महीने भर पहले उसकी 15 वर्षीय नाबालिग बेटी को एक दबंग ने किडनैप कर लिया। महिला फरियाद लेकर थाने पहुंची तो उसकी रिपोर्ट लिखकर जांच शुरू हुई। पीड़ित महिला का आरोप है कि सनिगवां चौकी प्रभारी ने उसे बुलाया और कहा कि उसकी बेटी को तलाशना है तो गाड़ी में जो डीजल खर्च होगा, उसे देना होगा। महिला के मुताबिक दारोगा ने चार बार ढाई-ढाई हजार रुपये का डीजल गाड़ी में भरवाया।

बेटी तो उसे नहीं मिली, लेकिन उसके दस हजार रुपये खर्च हो गए। महिला का आरोप है कि पिछले दिनों जब वह शिकायत लेकर सनिगवां चौकी पहुंची तो दारोगा ने न सिर्फ उसे डांट कर भगा दिया, बल्कि उसकी किडनैप बिटिया के चरित्र को लेकर भी बुरे शब्द कहे।

चलने-फिरने के लिए बैसाखी की मदद लेने वाली गुड़िया सोमवार को उन पुलिसकर्मियों के खिलाफ शिकायत लेकर कानपुर पुलिस प्रमुख के पास पहुंची तो स्थानीय पत्रकारों से उसकी भेंट हो गई। उन्होंने गुडिया की पीड़ा को राष्ट्रीय स्तर तक पहुंचाया।

महिला ने मीडिया को बताया कि उन्होंने पिछले महीने अपनी बेटी के लापता होने की शिकायत दर्ज करवाई थी, लेकिन पुलिस उनकी मदद नहीं कर रही है।

कानपुर पुलिस की भद्द पिटने के बाद आखिरकार दारोगा राजपाल सिंह को सस्पेंड कर दिया गया है।

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