Tag: world

  • कोरोना की वैश्विक चुनौती के विचारधारात्मक आयाम

    कोरोना की वैश्विक चुनौती के विचारधारात्मक आयाम

    यूरोप में द्वितीय विश्व युद्ध के काल में जब मनुष्यता के अस्तित्व पर ख़तरा महसूस किया जाने लगा था, तब बौद्धिक जगत में प्लेग और हैज़ा जैसी महामारियों से जूझते हुए इंसान के अस्तित्वीय संकट के वक़्त को याद किया गया था । क़ामू और काफ़्का का आज अमर माना जाने वाला लेखन उन्हीं भय…

  • नेहरू: चट्टानी राजनीति की छाती पर अपना अस्तित्व जमाने वाला गुलाब का पौधा

    नेहरू: चट्टानी राजनीति की छाती पर अपना अस्तित्व जमाने वाला गुलाब का पौधा

    बीसवीं सदी के भारत पर सबसे ज़्यादा असर नेहरू का रहा है। गांधी के प्रभाव की नस्ल जुदा है। रवीन्द्रनाथ टैगोर के शब्दों में जवाहरलाल ‘भारतीय जीवन के ऋतुराज‘ थे। विनोबा ने ‘उन्हें ‘स्थितप्रज्ञ‘ कहा। एक प्रख्यात विदेशी पत्रकार ने उनकी तुलना शेक्सपियर के असमंजस में डूबते अमर पात्र डेनमार्क के राजकुमार ‘हैमलेट‘ से की…

  • अंतरराष्ट्रीय जनसंख्या दिवस: महिलाओं की निर्णायक स्थिति ही रोकेगी बढ़ती आबादी

    अंतरराष्ट्रीय जनसंख्या दिवस: महिलाओं की निर्णायक स्थिति ही रोकेगी बढ़ती आबादी

    दुनिया की आबादी 5 अरब तक पहुंचने के बाद जनसंख्या वृद्धि की समस्या पर विश्व का ध्यान खींचने के ध्येय से यूनाइटेड नेशन्स डेवलपमेंट प्रोग्राम की प्रशासनिक समिति ने 11 जुलाई 1989 को पहली बार विश्व जनसंख्या दिवस का आयोजन किया।  तब से अब तक प्रति वर्ष यह एक निश्चित थीम पर केंद्रित होता है…