उ.प्र. ग्राम पंचायत चुनाव परिणाम आने से पहले 12 प्रत्याशियों की मौत

उत्तर प्रदेश में ग्राम पंचायत चुनाव कोरोना संक्रमण को गांव-गांव, घर-घर पहुंचाने का जरिया बना इस बात को इन आंकडों से भी बल मिलता है कि कल घोषित चुनाव परिणाम में 12 ऐसे लोग ग्राम प्रधान निर्वाचित हुए जो अब इस दुनिया में नहीं हैं। 

गोरखपुर जिले के बड़हलगंज ग्राम पंचायत जैतपुर के प्रधान पद के प्रत्याशी पवन साहनी 22 अप्रैल को कोरोना से जिंदगी की जंग हार गए, जबकि 2 मई को आये चुनाव परिणाम में वो ग्राम प्रधान निर्वाचित घोषित किये गये हैं। 

अमरोहा जिले की गंगेश्वरी विकास खंड के गांव खनौरा निवासी सविता पत्नी राजकुमार त्यागी 165 वोटों से चुनाव जीतीं। हालांकि ऑक्सीजन न मिलने की वजह से 30 अप्रैल शुक्रवार को बुखार पीड़ित सविता की मौत हो गई थी। वह कोरोना पॉजिटिव थीं। 19 अप्रैल को चुनाव संपन्न होने के बाद उन्हें बुखार आया। रहरा सीएचसी में उनकी कोरोना जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आई। कई दिन तक उन्हें घर पर ऑक्सीजन दी गई। बाद में ऑक्सीजन का बंदोबस्त नहीं हुआ तो परिजन मेरठ लेकर गये। लेकिन शुक्रवार रात रास्ते में ही मौत हो गई। रविवार को मतगणना हुई तो सविता चुनाव जीत गईं। सविता की मौत की वजह से उनके परिवार का कोई सदस्य या एजेंट मतगणना में नहीं गया। आरओ सविता की जीत की घोषणा करने के बाद उनके प्रमाण पत्र लेने के लिए आने का इंतज़ार करने लगे। बाद में उन्हें पता लगा कि सविता की तीन दिन पूर्व मौत हो चुकी है। आरओ को कहना है कि प्रधान पद पर निर्वाचित सविता की मौत की सूचना आला अधिकारी व आयोग को भेजी जा रही है।

वहीं आगरा जनपद में रसूलपुर गांव के बाबूलाल की मतदान के बाद 25 अप्रैल को बुखार के कारण मौत हो गई थी। रविवार 2 को हुई मतगणना में बाबूलाल 467 मत पाकर प्रधान निर्वाचित हो गए।

इसी तरह जौनपुर जनपद में रामनगर ब्लॉक के जयरामपुर गांव निवासी रामचंद्र मौर्य की 18 अप्रैल को ही तबीयत बिगड़ने से मौत हो गई थी। जबकि वहां 15 अप्रैल को मतदान हुआ था। कल रविवार घोषित चुनाव परिणाम में मरहूम रामचंद्र मौर्य को 164 मतों से निर्वाचित घोषित किया गया है।

इसी तरह मैनपुरी जिले की ग्राम पंचायत नगला ऊसर से प्रधान के लिए पिंकी देवी पत्नी सुभाष चंद्र ने चुनाव मैदान में उतरी थी। लेकिन बीते बुधवार को अचानक सांस लेने में तकलीफ़ होने पर उन्हें आगरा के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां उपचार के दौरान बृहस्पतिवार को उनकी मौत हो गई थी। वहीं रविवार को हुये मतगणना में पिंकी देवी ने 115 वोटों से जीत दर्ज़ की। 

देवरिया में भागलपुर विकास क्षेत्र की ग्राम पंचायत कपुरी एकौना की प्रधान पद की प्रत्याशी विमला देवी (55 वर्ष) की शनिवार को विमला देवी तबीअत बिगड़ी और सांस लेने में दिक्कत होने लगी। आनन-फानन में उन्हें लेकर परिजन जिला अस्पताल पहुंचकर भर्ती करा दिया। लेकिन रविवार को उन्होंने दम तोड़ दिया। वहीं रविवार को चुनाव परिणाम में मरहूम विमला देवी को 208 मतों से  निर्वाचित घोषित किया गया। 

उन्नाव जिले के हसनगंज के भोगला गांव में ग्राम प्रधान प्रत्याशी शिवकली की शनिवार को बीमारी से मौत हो गई थी। रविवार को मतगणना के दौरान मृतका शिवकली को 48 वोटों से विजयी घोषित किया गया।

वाराणसी जिले में पिंडरा ब्लॉक के नंदापुर के ग्राम प्रधान की पद की प्रत्याशी सुनरा देवी मतदान के बाद तबीयत खराब होने पर अस्पताल में आईसीयू में थी। रविवार को उन्हें महज 3 वोटों से निर्वाचित घोषित किया गया। हालांकि चुनाव परिणाम आने के बाद अस्पताल के आईसीयू में सुनरा देवी की मौत हो गई।

वाराणसी जिले की चिरईगांव ब्लाक के ग्राम पंचायत शिवदशा से ग्राम प्रधान पद के प्रत्याशी रहे धर्मदेव यादव एवं ग्राम पंचायत सिरिस्ती से ग्राम प्रधान पद की प्रत्याशी निर्मला मौर्य की 26 अप्रैल को मृत्यु हो गई थी। मतगणना में दोनों प्रत्याशियों को विजयी घोषित कर दिया गया। उनके परिजनों को प्रमाण पत्र सौंपा गया। अब इन ग्राम पंचायतों में पुनः मतदान कराया जायेगा।

वहीं वाराणसी जिले के ही चोलापुर विकास खंड के चुमकुनी गांव निवासी अनिल कुमार सिंह सिंटू की पत्नी वीणा सिंह छित्तमपुर गांव से ग्राम प्रधान निर्वाचित हुईं। हालांकि बीमारी के चलते 29 अप्रैल को वीणा सिंह की मौत हो गई थी।

गोरखपुर में पथरा के मिठवल ब्लॉक क्षेत्र के ग्राम पंचायत बरगदवा के कल मतगणना के बाद जब चुनाव परिणाम आया तो राजेश चौधरी उर्फ गुड्डू को ग्राम प्रधान निर्वाचित घोषित किया गया जबकि वे बीमारी के कारण चार दिन पहले ही दम तोड़ चुके थे।

उपरोक्त में से अधिकांश की कोरोना जांच नहीं हुई थी। लेकिन बुखार और सांस लेने में तकलीफ़ जैसे लक्षण स्पष्ट तौर पर कोरोना संक्रमण की ओर इशारा कर रहे हैं।

सुशील मानव
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